घातक अफवाहों का खूनी खेल
अफवाहें क्यों और कैसे फैलती हैं? क्या इन्हें हास्यास्पद और कोरी बकवास कहकर छोड़ देना ठीक होगा? क्या ऐसा कोई तंत्र है, जो इसे चुपके से फैला रहा है? क्या इसे अज्ञात संकट कहा जाए? क्या हमारा समाजमन अंधश्रद्धाओं और अफवाहों के मानसिक विकार से पीड़ित है? इन प्रश्नों पर गंभीरता से विचार किए बिना विकास का हमारा रथ तेजी से दौड़ नहीं पाएगा।