जम्मू-कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण राज्य में राज्य से संबंधित विषयों पर विपरीत विचार और दृष्टिकोण रखने वाले दो राजनीतिक दलों की गठबंधन की सरकार अंततः 3 वर्षों बाद टूट गई। गठबंधन में साथी रही भाजपा ने गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला पिछले माह लिया। सरकार से समर्थन वापस लेने के कई कारण भाजपा ने बताए, जिनमें से देश की अखण्डता और सुरक्षा सबसे ऊपर थी। इन 3 वर्षों में भी वैसे जहां तक देश की सुरक्षा की बात थी तो सामरिक दृष्टि से केन्द्र सरकार और भारतीय सुरक्षा बलों ने कोई ढील जम्मू-कश्मीर राज्य में नहीं बरती। लेकिन फिर भी जहां तक राज्य के भीतर विशेषकर कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था और अराजक तत्वों से निपटने का सवाल था तो राज्य में मुख्यमंत्री रहीं महबूबा मुफ्ती हमेशा से ही असमंजस की स्थिति में रहीं।