करुणाकंद
“एक ओर तो मुझे अपराध-बोध हो रहा था कि मैं स्वयं सिद्धि और देव के लिए कुछ नहीं कर पाया; दूसरी ओर मेरा मन कह रहा था- धन्य हो करुणाकंद! आपने सिद्धि को वापस लाकर देव जैसे करोड़ों लोगों की आस्था को टूटने से बचाया है।”
“एक ओर तो मुझे अपराध-बोध हो रहा था कि मैं स्वयं सिद्धि और देव के लिए कुछ नहीं कर पाया; दूसरी ओर मेरा मन कह रहा था- धन्य हो करुणाकंद! आपने सिद्धि को वापस लाकर देव जैसे करोड़ों लोगों की आस्था को टूटने से बचाया है।”
वीडियो कॉलिंग, कान्फ्रेंसिंग और वेबिनार की सुविधा ने सूचना क्रांति को और आगे बढ़ा दिया है। निजी और कम्पनी क्षेत्र दोनों इससे लाभान्वित हो रहे हैं। इसके जरिए आप लगभग प्रत्यक्ष रूप से हर जगह मौजूद रह सकते हैं।
जैविक खेती के प्रति अति मोह और राजनीतिक स्टंटबाजी के कारण सिक्किम में अनाज उत्पादन बहुत तेजी से घटता चला गया। राज्य को दूसरे राज्यों से बड़े पैमाने पर अनाज लाना पड़ता है। बढ़ती आबादी के संदर्भ में इस स्थिति पर गौर और पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
उदारवादी आर्थिक नीतियों ने स्वावलंबन, स्वदेशी और रोजगार सृजन के संगठित क्षेत्र में नए अवसरों पर विराम लगा दिया। समय के साथ स्वावलंबन और बेरोजगारी के संकट भी विस्तृत होते गए। इससे पार होने की मोदी सरकार कोशिश कर रही है।
गर्भसंस्कार से अंत्येष्टि तक किए जाने वाले संस्कार हजारों सालों से हमारे नित्य कर्म का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं। संस्कारों की रीति, तरीके और मुख्यत: उनका शास्त्रीय तथा वैज्ञानिक उद्देश्य आनेवाली पीढ़ी जानें इसके लिए संस्कारों का मुख्य स्वरूप और उद्देश्य अबाधित रखकर अलग अंदाज में ‘संस्कार शिविर’ आयोजित किए जाने चाहिए।
युवा शक्ति समस्त महाजन के सामाजिक और सेवा कार्यों की रीढ़ है। आपदाग्रस्त इलाकों में कार्यों के अलावा संस्था ने मंदिरों की सफाई का प्रशंसनीय कार्य किया है। अब योजना यह है कि इन युवकों के माध्यम से हर गांव गोकुल बने। वे उस गांव के तालाब, गोचर, पशुपालन, कृषि जैसी सभी व्यवस्थाओं को मार्गदर्शित करें। राष्ट्र निर्माण का यह बहुत बड़ा काम होगा।
डॉ. अच्युत सामंता उड़ीसा के शिक्षा-पुरुष हैं। उन्होंने अभावग्रस्त वनवासी छात्रों की सामान्य और टेक्नालॉजी दोनों की शिक्षा के लिए विशाल परिसर स्थापित किया, जो देश-विदेश के लिए अनूठा उदाहरण हैं। यह एक ज्ञानतीर्थ ही है, जहां आज हजारों छात्र शिक्षा ग्रहण कर सफलता के नए आयाम रच रहे हैं।
विभिन्न कारणों से व्यक्ति अवसादग्रस्त और तनावग्रस्त हो जाता है और फिर अनुष्ठानों आदि के चक्कर में पड़कर अपनी जान गंवा देता है। दिल्ली में 11 लोगों की सामूहिक आत्महत्याओं ने इस बात को पुनः उजागर किया है। मनोविज्ञान की भाषा में यह एक विकार है, जिसकी चिकित्सा हो सकती है।
सन 2019 का चुनाव इस अर्थ में महत्वपूर्ण होने जा रहा है कि इसमें 21वीं सदी में पैदा होने वाला मतदाता भी हिस्सा लेगा। जाहिर है कि नया मतदाता पुराने भ्रमजालों से बचते हुए अपनी शर्तों पर मतदान करेगा। चूंकि उसकी प्राथमिकताएं और अपेक्षाएं अलग होंगी अतः उसका मत भी अपेक्षाकृत राष्ट्रविकास पर अधिक केन्द्रित होगा। कुछ ऐसा ही महत्व महाराष्ट्र में हिंदी भाषी मतदाताओं का भी है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ‘जलयुक्त शिवार’ की अनोखी पहल से आज तीन साल बाद राज्य का कम बारिशवाला बड़ा इलाका सही मायने में अकालमुक्त तथा टैंकरमुक्त हो रहा है। जनसहभाग से हुआ यह कार्य पथप्रदर्शक है।
फीफा विश्व कप फ्रांस की जीत के लिए जितना यादगार रहेगा, उतना ही सनसनीखेज परिणामों, पुरस्कार राशि, वीडियो रेफरल सिस्टम, भारत की उपस्थिति, खिलाड़ियों के स्टाइल, नेमार चैलेंज सहित अन्य बातों के लिए के लिए याद रखा जाएगा।
क्या आपको बुरहान वानी के जनाजे में शामिल हुए लोग याद हैं? उनके द्वारा लगाए जा रहे कश्मीर की आजादी की मांगों वाले और बुरहान की जयजयकार करनेवलो नारे याद हैं? क्या आपको अवार्ड वापसी गैंग के शब्द याद हैं? क्या आपको जेएनयू में कन्हैया कुमार और उमर खालिद द्वारा लगाए…