नियमन के दायरे में होना चाहिए मोबाइल टैरिफ

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प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां अपना मजबूत कार्टेल बनाकर उपभोक्ताओं को तिल-तिल करके मार रहीं हैं क्योंकि कोरोना के बाद वैसे भी देश में आम आदमी मंहगाई की मार से त्रस्त है, ऐसे समय में टैरिफ में बढ़ोतरी को वापस लिया जाना चाहिए। कुल मिलाकर मोबाइल टैरिफ सरकारी नियमन के दायरे में होना चाहिए अन्यथा ये टेलीकॉम कंपनियां कभी भी मनमानी कर सकतीं हैं जो आम आदमी के जेब पर भारी पड़ेगी।

फास्ट ट्रैक कोर्ट कितना फास्ट?

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उस समय देश की सभी अदालतों में लगभग 3 करोड़ मामले लंबित थे और उन्हें सुलझाने में मदद करने के लिए तत्कालीन भारत सरकार ने 5  साल की अवधि के लिए देश भर में लगभग 1700 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की मंजूरी दी। इन फास्ट ट्रैक अदालतों ने कुशलता से काम करते हुए लाखों मामलों को द्रुत गति से हल किया।

उत्तराखंड के सियासी हालात, कांटे का मुकाबला

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भले ही मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है लेकिन चुनाव में बीजेपी के लिए चेहरा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ही रहेंगे। साथ ही इस बार सत्ता जिसके भी हाथ लगे जीत हार का फैसला बहुत अधिक नहीं रहेगा। आने वाले दिनों में दोनों मुख्य प्रतिद्वंद्वी दलों कांग्रेस और बीजेपी में टिकट बंटवारे और उससे उत्पन्न हालत भी चुनाव पर स्थानीय स्तर पर बहुत असर डालेंगे। उसी के बाद तस्वीर साफ होती नजर आएगी।

एक अनवरत सांस्कृतिक प्रवाह है अखंड भारत

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कुल मिलाकर अगर हम अखंड भारत चाहते हैं तो भारतीय संस्कृति जो हिंदू संस्कृति है उसे अपना मानदंड बनाकर चलना होगा। दीनदयाल जी के अखंड भारत के स्वप्न् को साकार करने के आह्वान का आज पुन: स्मरण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा था, ... हमें हिम्मत हारने की जरूरत नहीं। यदि पिछले सिपाही थके हैं तो नए आगे आएंगे।

पूरब का पश्चिम में उजाला

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आज दुनिया भर में तकनीकी, गैर तकनीकी, बैंकिंग आदि क्षेत्र में करीब दो दर्जन से अधिक ऐसी मल्टीनेशनल कम्पनियां है, जिनके सीईओ भारतीय हैं या रहे हैं। तो क्या कारण है कि ये बड़ी-बड़ी कपनियां अपने प्रमुख और महत्वपूर्ण पदों पर भारतीयों पर ही भरोसा करती हैं? जाहिर है व्यक्तिगत कौशल, योग्यता और कड़ी मेहनत के अलावा इन भारतीयों में पाए जाते हैं भारतीय संस्कृति के कुछ ऐसे खास गुण और मूल्य जो इन्हें सबसे अलग और सबकी पहली पसंद भी बनाते हैं।

फुंसियां…

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तुम एक रुग्ण मानसिक अवस्था हो और मुझे अब इस रुग्ण मानसिक अवस्था का हिस्सा और नहीं बनना। हमारे पास जीने के लिए एक ही जीवन होता है और मुझे अब यूं घुट-घुट कर और नहीं जीना। आज मैं स्वयं को तुमसे मुक्त करती हूं। एक बात और, मुझे अपने चेहरे पर उगी हुई फुंसियां अच्छी लगती थीं और वे सभी लोग अच्छे लगते थे जो उन फुंसियों के बावजूद मुझे चाहते थे, मुझसे प्यार करते थे। प्यार, जो तुम मुझे कभी नहीं दे सके।

जोखिमों से भरा है क्रिप्टोकरेंसी

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भारत सरकार भी इसे करेंसी के रूप में हतोत्साहित करेगी क्योंकि यह तो सत्ता को चुनौती देने वाला मूक अस्त्र है। साथ में कुछ विनिमय प्रतिबंधों को लगाते हुए निवेश और संपत्ति के रूप में इसे परिभाषित कर टैक्स के दायरे में लाया जाएगा और यही इसका भारत में और दुनिया में भविष्य होगा क्योंकि विश्व सत्ता शायद क्रिप्टो स्प्रिंग के रूप में इस आहट को सुन पा रहीं हैं। 

सात अमर व्यक्तियों से सम्बद्ध विदेश नीति

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डिप्लोमेसी याने राजनीतिक कूटनीतिज्ञता और धार्मिक मिथक इनका आपस में संबंध नहीं हो सकता, ऐसा अनेकों का मत है परंतु वस्तुस्थिति वैसी ना होकर यदि हम और अधिक गहराई में जाएं तो धार्मिक मिथक और विदेश नीति का गहराई से संबंध है, यह अपने ध्यान में आएगा।

उत्तर प्रदेश में फिर योगी सरकार

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समाजवादी पार्टी सहित सभी पार्टियों को योगी आदित्यनाथ और मोदी नेतृत्व का विकल्प प्रस्तुत करने में दशकों लगेंगे। अभी तो प्रदेश की जनता बीजेपी से बहुत नाराज नहीं दिखती है तथा समस्त वोटर सर्वे योगी को तथा बीजेपी को प्रथम स्थान पर ही दिखा रहे हैं।

जलवायु परिवर्तन परिषद परिणाम नेट जीरो ?

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  इस परिषद में पर्यावरणविदों को एक नया शब्द मिला है, नेट जीरो। इसकी संकल्प पूर्ति के लिए आधी सदी शेष है। यूरोप का ‘नेट जीरो’ लक्ष्य 2050 है तो चीन का 2060 अपेक्षित है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सन 2070 तक ‘नेट जीरो’ के रूप में कार्बन मुक्त करने का उद्देश्य सामने रखा है। नेटजीरो की संकल्पना क्या वास्तविकता में परिवर्तित हो सकती है? या यह मात्र स्वप्न देखने जैसा ही रहेगा? इस पर भी चर्चा हो रही है। 

काशी विश्वनाथ : राष्ट्र पुनर्जागरण की दृष्टि

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करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र बाबा विश्वनाथ के मंदिर का विहंगम दृश्य मात्र एक भवन का नवीनीकरण नहीं है। यह हमारी मान्यताओं, प्रतीकों और संस्कृति के संरक्षण का ऐतिहासिक उत्सव है।

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