पेट्रोल के आंसू
पेट्रोल की खुदरा कीमतों में पांच रुपये प्रति लीटर की हालिया बढ़ोतरी ने आम आदमी की खाली जेब भी काट ली। सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती महंगाई से त्रस्त जनता को मनमोहन सरकार ने ‘कहां जाई का करी’ की स्थिति में खड़ा कर ‘पेट्रोल’ के आँसू रोने पर विवश कर दिया है।