तुकांत-अतुकांत, छंदयुक्त-छंदमुक्त, हायकू इत्यादि कविता के कई रूप हैं। कम शब्दों में भावों की अभिव्यक्ति ही कविता की पहचान रही...
कम शब्दों में अपनी भावनाओं को दूसरों तक पहुंचाने का सबसे सशक्त माध्यम है कविता। कविता ने जहां युद्ध में...
साहित्य में अब पाठकों की रुचि नहीं रही यह मानकर अच्छा साहित्य लिखा जाना बंद नहीं हो जाना चाहिए। पाठकों...
तुम पुलिस, कचहरी कहीं भी जाओ, मैं डरने वाला नहीं हूं। तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। शुक्र मनाओ कि...
कुछ साल पहले तक भारत में प्रोफेशनल खेलों के नाम पर केवल क्रिकेट ही था जहां ‘नेम और फेम’ दोनों...
अगर कोई पूछे कि मंदिर किसके लिए प्रसिद्ध है तो उत्तर होगा भगवान के लिए परंतु भारत में कई ऐसे...
मंदिर हमारी सामाजिक-धार्मिक आस्था के केंद्र रहे हैं। सनातन संस्कृति में मंदिर से कई क्रिया-कलाप संपादित होते रहे हैं। बीते...
धार्मिक पर्यटन का एक पहलू यदि धार्मिक और आध्यात्मिक सरोकार हैं तो दूसरा पहलू धार्मिक स्थलों का आर्थिक और सामाजिक...
युवा मन कभी भी ‘रिस्क’ लेने से नहीं कतराता। साहस उसे आकर्षित करता है। यही कारण है कि आजकल साहसी...
रंगमंच को जीवित रखना केवल रंगकर्मियों का ही नहीं दर्शकों का भी कर्तव्य है क्योंकि इसमें होने वाले नित नए...
हिन्दी सिनेमा चूंकि सबसे कम खर्च कहानियों पर करता है, इसीलिए रेडीमेड कहानियों की तलाश उसकी मजबूरी हो जाती है।...
मंजुला और श्याम ने अलमारी खोली। उसमें चांदी के सिक्के, चांदी का लोटा, चांदी की प्लेट, कुछ गिन्नियां रखी थीं।...
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