युग प्रवर्तक साहित्यकार नरेंद्र कोहली
भारतीय ज्ञान, परंपरा, संस्कृति और आध्यात्मिकता से परान्गमुख साहित्यकारों के खेमें भिन्न-भिन्न मंचों से पश्चिम के अनुकरण को आधुनिकता सिद्ध करने की होड़ में ताल ठोंक रहे थे। ऐसे में नरेंद्र कोहली जी ने अपांक्तेय रहकर अपने लेखन में भारतीय पौराणिक एवं ऐतिहासिक चरित्रों के माध्यम से वर्तमान समय की गुत्थियां सुलझाते हुए आधुनिक समाज की नींव रखने में श्रेयष्कर भूमिका निभाई। साहित्य के द्वारा भारतीय जनमानस में भारतीय महापुरुषों को स्थापित करने का श्रेय कोहली जी को जाता है।