कश्मीर में परिवर्तन की बयार

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कश्मीर से धारा 370 हटे हुए 2 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और परिवर्तन साफ-साफ देखा जा सकता है। आतंकवाद में कमी, शिक्षा में विस्तार, प्रशासनिक व्यवस्था का सुदृढ़ होना, कानूनों का पालन इत्यादि जैसे कई सकारात्मक परिवर्तन वहां दिखाई दे रहे हैं।

हर्षोल्लास का महापर्व होली

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होलिकादहन में अग्नि की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि अग्नि को परमात्मा का स्वरूप माना गया है। इनकी वन्दना से हमें दैहिक, दैविक और भौतिक तापों से मुक्ति मिलती है। यदि हम लोग होलिका दहन के सही अर्थ को समझें तो सम्पूर्ण विश्व में आतंकवाद जैसी समस्या ही न रहे क्योंकि यह समस्या मुख्य रूप से दुर्भावना की ही देन है।

जैविक युद्ध हेतु तैयार भारत

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पूर्व चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ (सी.डी.एस.) जनरल विपिन रावत ने भी कहा था - “यदि जैविक युद्ध शुरू हो रहा है, तो हमें अपने आकार एवं कार्य को एक साथ रखकर यह सुनिश्चित करने के लिए स्वयं को मजबूत बनाने की आवश्यकता है कि हमारा देश इस वायरस या जैविक शस्त्र से प्रभावित न हो।” निःसन्देह सजग, सतर्क व सावधान रहकर अब भारत जैविक शस्त्रों से लड़ने हेतु पूरी तरह से तैयार व तैनात हो गया है।

भारतीय शस्त्रास्त्र निर्मिति एक चुनौती

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मूलतः संशोधन करने वाली संस्थाओं के अतिरिक्त कुछ व्यक्ति, निजी संस्थाएं इस प्रकार की स्वदेशी निर्मिति के लिए प्रयत्नशील रहते हैं परंतु लालफीताशाही का अनुभव व शस्त्रात्र निर्माण में गोपनीयता के कारण निजी संस्थाएं इस काम में आगे नहीं आती हैं।

परमाणु शस्त्र सम्पन्न भारत

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भारत को अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा हेतु चीन की आक्रामक नीतियों को देखते हुए जल्द ही परमाणु ट्रायड की पूरी व्यवस्था विकसित करने का प्रयास करना चाहिए। भारतीय नौसेना के पास कम से कम चार एस.एस.बी.एन., छः एस.एस.एन. तथा एक परमाणु वायुयानवाहक युद्धपोत होने चाहिए। इस लक्ष्य को प्राप्त करना भारत के लिए असंभव नहीं है।

स्त्री विमर्श: विभिन्न आयामों का दृष्टिकोण

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जब स्त्री शोषण के खिलाफ स्त्री विमर्श जगाकर एक स्वर में समस्या का सही हल ढूंढ़ने का प्रयास करने लगी तब एक वर्ग स्त्रियों को ही विरोधी बनाने लगा। उपभोक्तावादी संस्कृति, भौतिकवादी संस्कृति के खेलें में आत्मनिर्भरता के नाम पर, आजादी के नाम पर स्त्रियों को उपभोग की वस्तु धीरे-धीरे कब बना दिया गया पता ही नहीं चला। स्त्रियों को घरों से निकालकर बाजारवादी संस्कृति की चंगुल में बड़े चतुराई से फंसा दिया गया है।

रक्षा व्यापार होगा 5 अरब डॉलर पार

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अब भारत जहां रक्षा के क्षेत्र में स्वयं को सिद्ध करने की ओर अग्रसर हो रहा है, वहीं अपने मित्र राष्ट्रों की सर्वांगीण सुरक्षा को भी उतनी ही मजबूत करता दिखाई दे रहा है। किसी समय विश्व में सर्वाधिक अस्त्र-शस्त्र आयात करने वाले देश के रूप में पहचाना जाने वाला भारत, अब उनके निर्यात के क्षेत्र में भी ऊंची उड़ान भर रहा है।

भारत की शस्त्र सिद्धता

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भारतीय प्रक्षेपास्त्रों की धमक अब दूसरे देशों तक पहुंच चुकी है। फिलीपीन्स से ब्रह्मोस, सुपर सोनिक, क्रूज मिसाइल के एण्टी-शिप वैरियंट खरीद का सौदा हो चुका है। इसके साथ ही कई देशों ने भारत की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को खरीदने पर गहरी रुचि दिखाई है। देश में निर्यात क्षमता वाले अधिक सिस्टम विकसित किए जा रहे हैं।

समरथ को नहिं दोष गुसाईं

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भारत का दुर्भाग्य रहा है कि आजादी के करीब 50 सालों तक हमने सिर्फ पाकिस्तान पर ही अधिक ध्यान दिया जबकि चीन को हमने भाई मानकर ‘हिन्दी-चीनी, भाई- भाई’ का नारा दिया। सेना की रिपोर्ट कहती है कि आने वाले समय में हमें चीन से अधिक खतरा है इसलिए हमें चीन को लेकर अधिक सजग रहने की जरुरत है और अगर हम चीन को टक्कर देंगे, तो पाकिस्तान अपने आप ही खत्म हो जाएगा।

सशस्त्र सेनाओं में परिवर्तन व सुधार की दरकार

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अन्य मंत्रालयों की तरह रक्षा मंत्रालय और इसके तीन मुख्य अंग - थल सेना, नौसेना और वायु सेना को भी इस 75 साल की समीक्षा करनी होगी। निष्पक्ष एवं तटस्थ भाव से आईने में देखना होगा क्योंकि इससे ही भविष्य का ’एक्शन प्लान’ तैयार होगा। रक्षा मामलों में पुन: विचार विमर्श करने, जांच करने, मूल्यांकन करने, परिष्कृत करने और लक्ष्य निर्धारित करने का ये सुनहरा अवसर है।

नारीवाद का यथार्थ

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दरअसल, इन फर्जी नारीवाद का उद्देश्य सिर्फ पुरुषों को नीचा दिखाना है। इन्हें अधिकारों की बात नहीं करनी, बल्कि इनका असल मकसद है पितृसत्ता के खिलाफ भड़काऊ बेहूदा पोस्ट डालकर उनके ख़िलाफ़ नफरत फैलाना। अगर सच में ही ऐसी महिलाएं ’नारीवादी’ होतीं, तो ये ज़मीनी स्तर पर उनके अधिकारों और महिलाओं पर हो रहे शोषण के खिलाफ लड़ रही होतीं, फेसबुक और ट्विटर पर रात-दिन बयानबाजी नहीं कर रही होती।

सैनिक निर्माण करनेवाली संस्था-डॉ. दिलीप बेलगावकर

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स्वतंत्रता के 10 वर्ष पूर्व से ही एक संस्था भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिये, एक सशक्त सेना के निर्माण के लिए सैनिक तैयार कर रही है, उस संस्था का नाम है, भोंसला मिलिट्री स्कूल। प्रस्तुत है देश की सुरक्षा व्यवस्था तथा भोंसला मिलिट्री स्कूल की भविष्यकालीन योजनाओं के संदर्भ…

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