कश्मीर की मनोरम घाटी इस समय तन्हा हो गई है; मानो अच्छाइयां वहां से विदा हो चुकी हो। बर्बर आतंकवादियों...
सम्पूर्ण जम्मू-कश्मीर के भौगोलिक एवं सभ्यता की दृष्टि से वर्तमान में चार भाग हैं- जम्मू, कश्मीर, लद्दाख व पाक- अधिक्रांत...
ऐसा कहते हैं कि अतीत की परछाई बड़ी लंबी होती है। कहावत तो मूल विदेशी है जहां अतीत और...
आज हमें ग्रामों में शहरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता है, ग्राम का शहरीकरण करने की नहीं| ग्रामों को सुविधाओं...
ऋषि और कृषि, भारतीय ग्राम्य संकल्पना और व्यवस्था के आधार रहे हैं| इस परंपरा ने केवल मानव को जीवन जीना...
विभिन्न संस्कृतियों की झांकी का साक्षीदार रहा जौनपुर जनपद अपनी ऐतिहासिकता को बहुत अतीत तक समेटे हुए हैं। नदी गोमती...
बुद्ध जयंती अर्थात बुद्ध पूर्णिमा या वेसाक या हनमतसूरीबौद्ध धर्मावलम्बियों के साथ-साथ सम्पूर्ण भारत वर्ष के लिए एक महत्वपूर्ण, आस्थाजन्य...
हद्दू खां, हस्सू खां और नत्थू खां की गायन शैली को हम ग्वालियर घराने की गायकी कहते हैं। इसको परिमार्जित...
विश्व संगीत दिवस (२१ जून) को देश भर में संगीत के आयोजन होते हैं। वर्ष १९८२ से प्रतिवर्ष मनाए जाने...
तरह-तरह के प्रभाव हमारी संस्कृति ने झेले हैं और आज भी उसी दौर से गुजर रही है। इस समय हमारा...
संगीत-शिक्षा संस्थाओं के प्रारंभ से पूर्व संगीत की तथा संगीतज्ञों की क्या स्थिति रही होगी, समाज के हृदय में संगीत...
संगीत भारतीय जीवन की आत्मा है। यह संगीतमय भाषा अपने आप में पूर्ण है। यह अधिक सांस्कृतिक है। विभिन्न भाषी...
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