महावीर ने समाज में संस्कारों का किया बीजारोपण – नम्रमुनि महाराज
तीर्थंकर जैसे महापुरुषों और माता-पिता के जो उपकार भूल जाता है उसका पतन होना तय है और जो स्मरण रखता है वह उन्नति के पथ पर आगे बढ़ता है. सम्पत्ति नहीं, अपितु संस्कार श्रेष्ठ है. जब पूरी दुनिया भौतिकता की ओर भाग रही थी तब महावीर ने अपना राजपथ छोड़कर त्याग का महत्व बताया और अपने शुद्ध आचरण एवं आदर्श से समाज में पुन: संस्कारों का बीजारोपण किया. यह उद्बोधन हिंदी विवेक प्रकाशित ‘तीर्थंकर भगवान महावीर’ विशेषांक के विमोचन समारोह के दौरान राष्ट्रसंत परम गुरुदेव नम्रमुनि महाराज साहेब ने दिया.