केंद्रीय बजट एवं राष्ट्रीय सुरक्षा

Continue Readingकेंद्रीय बजट एवं राष्ट्रीय सुरक्षा

सेना में १९८४ के बाद से आज तक एक भी नई तोप शामिल नहीं हुई है, भारतीय वायुसेना पुराने मिग २१ हवाई जहाज पर निर्भर है तथा नौ-सेना में पनडुब्बियों की संख्या निरंतर घटती जा रही है। इसका अर्थ है कि हमें सेनाओं के आधुनिकीकरण पर अधिक खर्च करना होगा। बढ़ती कीमतों एवं मुद्रा स्फीति को ध्यान में लें तो लगेगा बजट में रक्षा पर होने वाला खर्च लगातार घट रहा है।

दस साल की अधोगति

Continue Readingदस साल की अधोगति

वर्ष 2013 के विदा लेते समय देश की कुल स्थिति पर गौर करना लाजिमी है, क्योंकि अगले वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव आने वाले हैं और देश को अपनी सरकार चुननी है। पिछले दस वर्षों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने राजकाज चलाया है। यह मौका है कि मतदाता यूपीए के खाते का अवलोकन करें।

घटती आर्थिक वृद्धि दर

Continue Readingघटती आर्थिक वृद्धि दर

स्वतंत्रता के बाद के तीन दशकों तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर अन्य एशियाई देशों की तुलना में इतनी कम (लगभग 1.5 प्रतिशत) बनी रही कि अर्थशास्त्रियों ने उसे ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रेथ’ जैसा नाम देने में भी संकोच नहीं किया।

निक्षेप बीमा क्यों सिर्फ सहकारी बैंकों की आवश्यकता है?

Continue Readingनिक्षेप बीमा क्यों सिर्फ सहकारी बैंकों की आवश्यकता है?

पलाई सेन्ट्रल बैंक लि. तथा लक्ष्मी बैंक लि. के विफल होने से जमा राशियों पर बीमा देने के सम्बन्ध में गम्भीर विचार हुआ और उसके उपरान्त 21 अगस्त 1961 को संसद में ‘निपेक्ष बीमा निगम’ (डी.आई.सी.) बिल लाया गया। संसद में बिल के मंजूर होने के बाद 7 दिसम्बर 1961…

बजट और आम जनता

Continue Readingबजट और आम जनता

भारत वर्ष में यह कानूनन अनिवार्य है कि हर वर्ष आय और व्यय का एक बजट बनाया जाये और उसके अनुरूप वर्ष भर काम किया जाये। हम सब भी अपने-अपने परिवार में बजट बनाते हैं।

गरीब विरोधी आर्थिक फैसला

Continue Readingगरीब विरोधी आर्थिक फैसला

सरकार ने वैश्विक निवेशकों के लिए खुदरा क्षेत्र को खोलने का निर्णय लिया है। इस नीति के तहत विदेश की बड़ी-बड़ी कंपनियां मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 फीसदी और सिंगल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 100 फीसदी निवेश कर सकेंगी। इसका मतलब यह हुआ कि मल्टी ब्रांड में वे किसी भारतीय कंपनी के साथ मिलकर स्टोर चला सकेंगी जिसमें उनकी 51 फीसद हिस्सेदारी होगी। जबकि सिंगल ब्रांड में विदेशी कंपनियां पूर्ण स्वामित्व वाले स्टोर खोलने में सक्षम होंगी।

उपभोक्ता संरक्षण कानून के 25 वर्ष

Continue Readingउपभोक्ता संरक्षण कानून के 25 वर्ष

24 दिसम्बर 1986 को राष्ट्रपति ने उपभोक्ता संरक्षण कानून को अपनी मंजूरी दी थी। इस तरह इस कानून ने अपने अस्तित्व के 25 साल पूरे कर लिए।

111वां संविधान संशोधन और सहकारिता आंदोलन

Continue Reading111वां संविधान संशोधन और सहकारिता आंदोलन

संसद के पिछले अधिवेशन में सहकारिता आंदोलन की नींव मजबूत बनाने, सहकारिता आंदोलन के माध्यम से देश की आर्थिक, सामाजिक स्थिति समृध्द और सक्षम होने के उद्देश्य से कृषि मंत्री ने संविधान में यह 111वां संशोधन पेश किया और उसे मंजूरी प्राप्त की।

हौले- हौले, मुस्करा कर, दिल दुखाकर, चल दिये

Continue Readingहौले- हौले, मुस्करा कर, दिल दुखाकर, चल दिये

बजट सत्र में एक ही हंगामा काफी है। सो रेल बजट में हो चुका। अत: जनमानुष के खिलाफ होती इस बजट की क्रूरता को फूरी तरह अनदेखी कर इस बजट को भला बजट बताते हुये हमारी ‘दीदी’ ने ‘दादा’ को क्लीन चिट दे दी। और बाबू मोशाय हैं कि ’हौले - हौले मुस्कराकर, दिल दुखाकर चल दिये।’

अर्थव्यवस्था के लिये बेहतर वर्ष

Continue Readingअर्थव्यवस्था के लिये बेहतर वर्ष

मुद्रा और मण्डी की स्थिति नया संवत्सर शुरु होने के बाद भी सुधरी नहीं है। जनवरी में यूरोपकी स्थिति उतनी डांवाडोल नहीं थी और अमेरिका भी धीरे-धीरे मंदी के दायरे से बाहर आ रहा है।

रुपये का अप्रत्यक्ष अवमूल्यन

Continue Readingरुपये का अप्रत्यक्ष अवमूल्यन

जहां केंद्र के सत्तारूढ़ दल को खतरा दिखाई दे रहा है। इसके बाद 2014 के चुनावों तक उसे कोई दिक्कत नहीं हेागी। सरकार ‘ठण्डा कर खाने’ की सोचेगी। जनता को तब तक ‘अंधेर नगरी, टकासेर भाजी टकासेर खाजा’ की स्थिति से निपटना होगा। जन लोकपाल विधेयक पारित होने के बाद अण्णा टीम भी सुस्त हो जाएगी।

महंगाई डायन खाये जात है…

Continue Readingमहंगाई डायन खाये जात है…

अभी पेट्रोल के दाम करीब 2 रु से घटाने की बात चल रही है, लेकिन बाजार में एक बार भाव चढ़ने के बाद वे उतरते नहीं हैं यह हमारा अनुभव है। ऐसा कोई तंत्र भी नहीं है कि भाव उतारने के लिए हम मजबूर करें।

End of content

No more pages to load