युद्ध से संसाधन जीते जा सकते, मानव मन नहीं

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साहिर लुधियानवी की एक नज़्म है कि, "ख़ून अपना हो या पराया हो; नस्ल-ए-आदम का ख़ून है आख़िर। जंग मशरिक़ में हो कि मग़रिब में, अम्न-ए-आलम का ख़ून है आख़िर।।" वर्तमान दौर में ये पंक्तियां एकदम सटीक बैठती हैं, क्योंकि जिस दौर में आज हम जी रहें हैं या कहें…

स्व की आध्यात्मिकता से राष्ट्रीय एकात्मकता और अखंडता आयेगी – डॉ. मोहन भागवत जी

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हम स्वाधीन हुये लेकिन अभी भी हम स्वतंत्र होने की प्रक्रिया में हैं।  इस स्वाधीनता के लिये सभी वर्ग क्षेत्र समाज के लोगों ने त्याग व् बलिदान दिया और स्वाधीनता को लेकर सबके मन  में समान भाव था. जो बातें कुंद्रा डिक्लेरेशन में सन 1830 में कही गई थी वही…

फिर से हाईजैक न हो जाए आज़ादी

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पटना से लौट रहा हूँ. यूँ तो मैं हमेशा अपने छोटे चाचा (छोटका बाबूजी) से डरता और छुपता आया हूँ पर इस बार पहली बार हिम्मत करके उनके साथ बैठ कर उनसे बहुत सी बातें की। मैं संघ के कार्यक्रम में आया था यह जानकर उन्होंने कहा - हमारे घर…

भारत विरोधी षड्यंत्र को समझे हिन्दू मुसलमान – मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

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त्रिपुरा में मस्जिदों पर हुए हमलो के प्रतिक्रियास्वरूप महाराष्ट्र के कुछ स्थानों पर मुस्लिम संगठनों के द्वारा मोर्चा के आयोजन किया गया । इस निषेध प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी, आगजनी और हिंसक घटनाएं भी हुई ऐसे समाचार प्रकाशित हुए हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने पहले भी इस प्रकारकी हिंसा की…

संघ प्रवाही है अत: प्रासंगिक है

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सामान्य तौर पर लोग इस वटवृक्ष को संघ परिवार भी कहते हैं, परंतु संघ का स्वयं का मानना है कि ऐसा कोई संगठनों का समूह उसने तैयार नहीं किया जिसे संघ परिवार कहा जाए। संघ समाज में एक संगठन नहीं है बल्कि समाज का संगठन करने वाला एक सतत प्रवाह है। इसीलिए समय के साथ-साथ इसकी प्रासंगिकता भी बढ़ती रही है।

जयंती विशेष: लक्ष्मणराव इनामदार से नरेंद्र मोदी को क्यों है इतना लगाव?

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संघ का प्रत्येक स्वयंसेवक उन्हें 'वकील साहब' के नाम से जानता था जबकि संघ के बाहर के लोग उन्हें लक्ष्मणराव इनामदार के नाम से जानते थे। वह बहुत ही सरल जीवन व्यतीत करते थे और पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया था, वैसे तो उन्होंने बहुत सारे स्वयंसेवकों…

संघ शिक्षा वर्ग 2021: स्वयंसेवकों व नये नियमों के तहत शुरु होगा संघ शिक्षा वर्ग

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Thiruvananthapuram: RSS activists taking out Path Sanchalan, a route march in the new uniform on the occasion of Vijay Dashami in Thiruvananthapuram on Sunday. PTI Photo (PTI10_9_2016_000230B)
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आचार्य चाणक्य ने कहा था कि, 'जिस देश में शांति के समय में जितना अधिक पसीना बहेगा युद्ध के समय उतना ही कम खून बहेगा' यह लाइन का अर्थ है कि मुसीबत आने से पहले उसके खिलाफ की तैयारी करके रखना चाहिए। परेशानी किसी भी रूप में हो सकती है लेकिन…

भारत में हिन्दू-मुस्लिम के पूर्वज एक – मोहन भागवत

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सरसंघचालक मोहन जी भागवत ने एक बार फिर हिन्दू व मुसलमानों को लेकर बयान दिया और कहा कि हिन्दू और मुसलमानों के पूर्वज एक ही थे और देश का हर नागरिक हिन्दू है। सरसंघचालक के इस बयान के बाद से राजनीति में उबाल आना तो आम बात है क्योंकि कुछ…

राष्ट्र निर्माण में वित्तीय संस्थानों की भूमिका

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निज़ी बैंक का मुख्य उद्देश्य मुनाफ़ा कमाना है, जबकि सरकारी बैंकों का उद्देश्य सामाजिक सरोकारों को पूरा करते हुए मुनाफ़ा कमाना है। इसी वजह से देश में समावेशी विकास की संकल्पना को साकार किया जा रहा है। हालांकि, बीते 73 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था काफ़ी मज़बूत हुई है।

बहन बेटियों की रक्षा का कवच बनना होगा

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आज फिर से जरूरत है उसी देश भक्ति और देश प्रेम की जिसमें आक्रोश था! गुस्सा था! गुलामी की जंजीरों को उखाड़ फेंकने का जज्बा था l हालांकि विद्रोह की आग तो 1857 से भड़कनी शुरू हो गई थी, और तमाम क्रांतिकारियों  ने आजादी के इस यज्ञ में अपने जीवन…

हार न मानने वाले भारतीय वैज्ञानिक

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अंग्रेजों के मन में भारतीय वैज्ञानिकों के प्रति उपेक्षा का भाव इतना अधिक गहरा था कि भारत की समृद्ध वैज्ञानिक विरासत और आजादी के संघर्ष काल में जगदीश चंद्र बसु, प्रफुल्ल चंद्र राय और सी.वी. रामन जैसे प्रतिभाशाली विज्ञानियों के वैज्ञानिक शोध व चिंतन को नकारने की उन्होंने पूरी कोशिश की। लेकिन प्रतिभा का दमन भला कब तक किया जा सकता है। ब्रिटिश शासन की उपेक्षा और तिरस्कार ने हमारे वैज्ञानिकों को और ज्यादा कठोर विज्ञान साधना करने को प्रेरित किया और फिर आगे चलकर उनके ज्ञान का लोहा पूरी दुनिया ने माना।

संकल्पशक्ति से होगा अखंड भारत का निर्माण

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जो राष्ट्र अपनी सीमाओं का विस्तार नहीं करता वह धीरे-धीरे सिमटता चला जाता है और अपने पतन को प्राप्त होता है. भारत के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ इसलिए आज हम सिमट कर रह गए है. ऐसे समय में अखंड भारत की संकल्पना ही वह एकमात्र उर्जा शक्ति है…

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