बीबीसी : भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय मीडिया टूलकिट

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कहावत है—रस्सी जल गई, लेकिन ऐंठन नहीं गई। विश्व की सबसे बड़ी औपनिवेशिक शक्ति ब्रिटेन के साथ इन दिनों कुछ यही हो रहा है। बिजली और गैस के बिल लगभग दोगुना बढ़ चुके हैं। अर्थव्यवस्था की हालत खराब है। देश को संभालने के लिए भारतीय मूल के एक हिंदू को…

सोशल मीडिया के अमेरिकी भेड़ियों की दादागिरी

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17 दिसंबर को इलोन मस्क महोदय ने mestadone और koo को अपना भविष्य का प्रतिस्पर्धी मानते हुए ट्विटर से बैन कर दिया। लगभग एक माह पहले 21 नवंबर को सोशल मीडिया पर मैंने एक पोस्ट लिखा था, "ट्विटर के घाटे व अनिश्चित भविष्य से दुनिया भर में जर्मनी का Mastodone…

गर्म खिचड़ी को किनारे-किनारे से खाते रहिये

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बात थोड़ी पुरानी है।2014 से पहले की।बात तब की जब कम्युनिस्ट आतंकियों ने अपने विचारधारा के अनुसार ही बस्तर को कसाईखाना (अब भी कसाईयत जारी ही है)में बदल दिया था। लगातार गरीब और वंचित आदिवासियों, निम्न-मध्य वर्ग, देश भर के गरीब किसान-मजदूर परिवार से आने वाले सुरक्षा बलों कीवे लगातार…

मुखर विदेश मंत्री व नीति

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नए भारत की विदेश नीति भी नई होगी यह ऐलान तो प्रधान मंत्री पहले ही कर चुके थे। अब उनके ऐलान को वास्तविकता का चोगा पहनाने का काम विदेश मंत्री एस. जयशंकर कर रहे हैं। वे अंतरराष्ट्रीय पटल पर हर देश को उसकी ही भाषा में आंख से आंख मिलाकर जवाब दे रहे हैं।

सीपेक तो बहाना है, भारत को डराना है

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संसार में चीन एक मात्र ऐसा देश है जिसके बारे में कहावत है " ऐसा कोई सगा नही जिसको हमने ठगा नही"। चीन की यह नीति रही कि पड़ोसी देशों का अतिक्रमण किया जाय। हांगकांग और मकाऊ चीन ने पहले ही हड़प लिए हैं उसकी सीमाओं से सटे 14 देश…

हिमालय की तरह अचल भारत- नेपाल मैत्री 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर नेपाल की यात्रा की, यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब विश्व  का बहुत बड़ा हिस्सा युद्ध और हिंसा के वातावरण के दौर से गुजर रहा है। विश्व के कई देश कोविड महामारी के बाद आंतरिक अशांति से गुजर रहे…

चीन से दोस्ती, जी का जंजाल

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रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच भी चीन ने ताइवान पर हमले की बात कहकर विश्व को दो खेमों में बांटने की योजना बनाई थी परंतु वह उसे आगे नहीं ले जा सका क्योंकि वह चाहता था कि चूंकि चीन रूस के साथ है तो रूस भी ताइवान मुद्दे पर उसके साथ खड़ा रहेगा, परंतु यह बात अधिक आगे नहीं बढ़ी।

हायब्रिड हमलों से रहें सजग

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कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की गतिविधियां अब जमीनी से आगे बढ़कर हायब्रिड युद्ध की दिशा में मुड़ गई हैं। अब वह पीआर एजेंसियों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत विरोधी गतिविधियां संचालित करने की कोशिश कर रहा है। इसलिए भारत को भी आगे आकर उसी अंदाज में जवाब देना चाहिए।

दुनिया चुका रही रुस-यूक्रेन युद्ध की कीमत

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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर अब पूरी दुनिया पर दिखने लगा है और यह असर महंगाई के रूप में नजर आ रहा है। भारत सहित तमाम देशों में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गयी है और यह किसी भी सरकार के काबू से बाहर है।…

युद्ध से चुनौतियां बढ़ने के आसार

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भारत द्वारा रूस से सस्ती दर पर कच्चे तेल की खरीद से रूपये को मजबूती मिलेगी और भारतीय विदेशी मुद्रा के भंडार में भी कमी नहीं आएगी। साथ ही, इससे व्यापार घाटे की खाई भी ज्यादा चौड़ी नहीं होगी। भारत की इस कूटनीतिक पहल से अंतरराष्ट्रीय बाजार और दुनिया के देशों में भारत की साख में बढ़ोत्तरी होने की संभावना भी बढ़ी है।

वैश्विक स्तर पर भारत का निरन्तर बढ़ता वर्चस्व

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नवीन वैश्विक परिवेश में भारत का वर्चस्व, उसकी अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बढ़ाने एवं राष्ट्रीय हितों की पूर्ति सहायक सिद्ध हो रहा है। यही कारण है कि यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस और अमेरीका सहित पश्चिमी देश भारत को अपने अपने पाले में लाने के निरन्तर प्रयास में लगे हुए…

नई विश्व-व्यवस्था की खोज

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पेट्रोलियम की भूमिका समाप्त होगी, तो उससे जुड़ी शक्ति-श्रृंखलाएं भी कमजोर होंगी। उनका स्थान कोई और व्यवस्था लेगी। हम मोटे तौर पर पेट्रो डॉलर कहते हैं, वह ध्वस्त होगा तो उसका स्थान कौन लेगा? यह परिवर्तन नई वैश्विक-व्यवस्था को जन्म देगा। भारत का भी महाशक्ति के रूप में उदय होगा। संरा सुरक्षा परिषद की व्यवस्था में बदलाव का प्रस्ताव है। भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील का ग्रुप-4 सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट का दावेदार है। अमेरिका और रूस दोनों भारत के दावे के समर्थक हैं, पर चीन उसे स्वीकार नहीं करता।

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