सेवागाथा – नन्हें बच्चो का गूंजता – किल्लोल (आनंद)

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अपने मन की मिट्टी को इतना उपजाऊ बनाओ, कि दुख की एक- एक बूंद अंकुरित होकर, छायादार, फलदार वृक्ष बनकर संपूर्ण राष्ट्र के काम आए। इसी दृढ़ निश्चय और पुनीत भाव का परिणाम है, “श्री पुजित रुपाणी मेमोरियल ट्रस्ट" राजकोट।कभी विद्यार्थी परिषद के प्रांत संगठन मंत्री रहे, आज गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान विजय रुपाणी और उनकी पत्नी श्रीमती अंजलि जी द्वारा यह ट्रस्ट, उनके दिवंगत पुत्र पुजित की स्मृति में स्थापित किया गया था।

वैश्विक सहयोग से होगा महामारी का खात्मा

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दुनिया का कोई भी देश इस संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। अत:, इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर संयुक्त रूप से कार्रवाई की आवश्यकता होती है। प्रत्येक देश को अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए अपनी नीतियों में वैश्विक सहयोग, एकजुटता और देशों के बीच समन्वय स्थापित करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मानव को इस महामारी से हर सम्भव कम से कम नुकसान हो।

टीकाकरण का महाभारत

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भारत में यह टीका सीरम इन्स्टीट्यूट द्वारा तैयार किया जा रहा है। तीसरे प्रकार के टीके से तात्पर्य है- सीधे-सीधे स्पाइक प्रोटीन तैयार करना और शरीर में उसका टीकाकरण करना। इस प्रकार का टीकाकरण बहुत आसान लगता है परंतु कोविड के निर्मूलन के लिए अब तक ऐसा टीका बना नहीं है। अपेक्षा की जाती है कि आने वाले 3 से 6 महीनों में वह टीका बन जाएगा।

Everything About Kailash Mansarovar In Hindi | कैलाश मानसरोवर

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महादेव का निवास परम पवित्र कैलाश पर्वत है और निकटस्थ है पवित्र झील मानसरोवर। सदाशिव, महेश्वर, रुद्र, पशुपतिनाथ, अमरनाथ, विश्वनाथ, त्र्यम्बक, मृत्युंजय, ओंकार, निरंकार, महाकाल, नटराज न जाने कितने नामों, अनंत रूपों और क्रियाओं द्वारा महादेव को जाना गया है। आस्था के आयामों के पंख लगा भक्तगण इस तीर्थक्षेत्र की यात्रा करते हैं।

मदरसे: आतंकवाद की नर्सरी

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कट्टरपंथ और मदरसे के सम्बन्धों पर लंबे समय से बहस चल रही है, लेकिन इनके प्रति राजनीतिक नेतृत्व की नरम स्थिति के कारण, कानून प्रवर्तन एजेंसियां हमेशा कोई कड़ी जांच करने और किसी भी गंभीर कार्रवाई करने में संकोच करती रही हैं।

केवल बछिया पैदा करने की जादुई तरकीब रक्षक या भक्षक?

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एक तरफ देश के कई राज्यों में गोवंश की हत्या को लेकर बड़े कानून बनाए जा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ देश में नर गोवंश पर  अपराध बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि मशीनीकरण की वजह से बैलों का प्रयोग करीब-करीब खत्म हो गया। लेकिन प्राकृतिक या ऑर्गेनिक खेती के बढ़ते प्रचलन से बैलों के प्रयोग की एक नई आशा जागी है।

महाराष्ट्र का मैनचेस्टर इचलकरंजी

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देश में आर्थिक क्षेत्र में जीएसटी सबसे बड़ा परिवर्तन था, जहां पूरे हिंदुस्तान में इसका विरोध हुआ पर इचलकरंजी वस्त्र व्यवसाइयों ने पहले दिन से जीएसटी में काम शुरू कर दिया। हर सरकारी योजना को समझना उनका फायदा लेना इचलकरंजी का स्वभाव है और इसके पीछे कारण है कि यहां सम्पूर्ण व्यवसाय बैंक से ही होता है।

नई उंचाईयों को छुएगा भिवंडी वस्त्रोद्योग

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1950-1995 तक का समय भिवंडी के वस्त्र उद्योग के लिए समृद्धि का काल था। उस समय भिवंडी को ’मैनचेस्टर’ के रूप में जाना जाता था। निश्चित ही ’मेक इन इंडिया’ तथा ’आत्मनिर्भर भारत’ योजनाओं के कारण निकट भविष्य में भिवंडी वस्त्र उद्योग फिर नई ऊचाइयां छूएगा।

फिल्मी वेशभूषा भानुमति का पिटारा

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काफी लंंबे अरसे तक फिल्म निर्माण में वस्त्रों के चयन की जिम्मेदारी निर्देशक की हुआ करती थी, किंतु समय के साथ इसमें भी बदलाव आया और सत्तर के दशक में बाकायदा वस्त्र विशेषज्ञ का प्रवेश हुआ। इसे कास्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर जाना गया।

वस्त्र एवं कपड़ा आधारित आन्दोलन

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ब्रिटिश काल में ब्रिटिश सरकार ने अपने हितों के लिए कई ऐसी नीतियां और कानून बनाए, जिसके अंतर्गत वस्त्र एवं कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों के हितों पर बहुत प्रतिकूल असर पड़ा। इसमें 1813 एक्ट के तहत भारत में मुक्त व्यापार की नीति लागू की गई। इस नीति के तहत अब न सिर्फ ईस्ट इंडिया कंपनी बल्कि अन्य बाहरी कंपनियां भी भारत में व्यापार कर सकती थीं।

ब्रिटिशकालीन मुंबई के गांव

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वैश्वीकरण के आधुनिक युग में रहने वाले मुंबईवासियों को शनिवार-रविवार की लगातार दो दिन की छुट्टियों में बरसात के मौसम में हरी चादर ओढ़े पर्वतों और उनमें कलकल बहते जलप्रवाहों और प्रपातों में विचरण करने की इच्छा होती है। शहरी वातावरण से परेशान जीवन ग्रामीण म

अध्यात्म का वरदान भारतीय परिधान

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जो बात या गरिमा महिलाओं द्वारा पहने जाने वाली साड़ी से झलकती है वह समाज की महिला के प्रति दृष्टि भी बदल देती है। भारत में स्त्रियों द्वारा साड़ी का पहनना एक जीवन पद्धति भी है और परंपरा भी, जो वैदिक काल से अब तक निरंतर प्रवाहमान है। साड़ी न केवल भारत को बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए स्त्री की स्त्रीत्व और मातृत्व की पहचान है।

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