सूर्योदय हो रहा है

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15 अगस्त, भारत का स्वतंत्रता दिवस, स्वतंत्र भारत में भारतीय जनता की ओर से भारतीय जनता के लिए अमल में लाए गए भारतीय संघ राज्य का सालाना उद्घोष करने वाला यह दिन। 65 वर्ष पूर्व लगाए गए पौधे की आज क्या स्थिति है? लोगों का कितना कल्याण हुआ?।

अभिनंदन नितीश कुमार जी!

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बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी का, सबसे फहले हम दिल से अभिनंदन करते हैं। उन्होंने 19 जून को बहुत साफ शब्दों में भारत का भावी प्रधानमंत्री कैसा हो? इस पर अपना मत व्यक्त किया।

‘ऊर्जावान युवक’ ही भारत को महाशक्ति बनाएगा

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पिछले कुछ सालों से एक बात बड़ी तीव्रता से ध्यान में आ रही है कि स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस युवाओं की सहभागिता अपेक्षाकृत कम दिखाई दे रही है।

जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम राजेश खन्ना (1942 से 2012 तक)

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भारतीय फिल्मों के सौ वर्षों के इतिहास में यूं तो कई अभिनेता हुए लेकिन इन अभिनेताओं में कुछ तो चंद दिनों में ही भुला दिए गए तो कुछ दर्शकों के बीच इतने लोकप्रिय हुए कि फिल्मी दुनिया उनके नाम पर ही चलती रही।

कोशी दंगे पर उर्दू मीडिया का रुख

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पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के कोशी नामक कस्बे में जो सांप्रदायिक दंगे हुए थे, उसका लाभ उठाकर अधिकांश उर्दू समाचार पत्रों ने प्रेस काऊंसिल के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए सांप्रदायिक वैमनस्य को भड़काने का खुलकर प्रयास किया, जबकि अंग्रेजी एवं

उत्तर प्रदेश बना तमिलनाडु

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उत्तर प्रदेश राजनैतिक दृष्टिकोण से तमिलनाडु के पथ पर अग्रसर है, जिस तरह तमिलनाडु में राष्ट्रीय पार्टियां भारतीय जनता पार्टी’ तथा कांग्रेस लुप्त प्रायः हो रही हैं, क्षेत्रीय पार्टियां, ‘द्रविड मुनेत्र कडगम’ व ‘अन्ना द्रविण मुनेत्र कडगम का प्रभाव ज्यादा हैंं।

पी.डी.झा की रेखाओं और रंगो में उतरे कालिदास

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भारत के प्राचीन महानतम संस्कृत के महाकवि साहित्यकार कालिदास मध्यप्रदेश की उज्जयनी नगरी से जुड़े और सर्वकालिक श्रेष्ठतम रचनाओं की सृजित किया, महाकवि कालिदास को अपने अनुपम साहित्य की कई अनोखी विशेषताओं में से एक अर्थात् उपमा के लिये संपूर्ण विश्व में सर्वोच्च स्थान पर प्रतिष्ठित किया गया है।

रक्षा- बंधन : उत्सव एक, रूप अनेक

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भारतीय संस्कृति-परंपरा में अनेक उत्सव मनाये जाते हैं। सभी उत्सवों के पीछे एक निहित भावना होती है और उसमें एक सामाजिक कारण छिपा होता है।

डॉ. मनमोहन सिंह : फिसड्डी प्रधानमंत्री

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डॉ मनमोहन सिंह एक बार फिर देश के फिसड्डी प्रधानमंत्री घोषित किए गए हैं। अमेरिका की प्रसिद्ध पत्रिका ‘टाइम’ ने अपने एशिया अंक में उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल की उपलब्धियों और अनुपलब्धियों समीक्षा करके उन्हें ‘अण्डर अचीवर’ के विशेषण से विभूषित किया है। ‘टाइम’ मैग्जीन ने कहा है कि डॉ. मनमोहन…

फिल्मों में “दबंग” संस्कृति

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हिन्दी फिल्मों में कई वर्षों तक बिहार की संस्कृति को ‘डाउन मार्केट’ अर्थात न्यून आंका जाता था। हिन्दी फिल्म जगत में यह गलतफहमी क्यों थी, इस पर अगर गौर किया जाए तो कुछ उत्तर मिल सकते हैं।

कौन बने प्रधानमंत्री?

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गत दिनों मैंने अपने पब्लिक फेसबुक पेज पर यूं ही एक सरल सा पोल करवाया था। मैंने एक सरल प्रश्न पूछा था: भारत का प्रधानमंत्री किसे बनना चाहिए? विकल्प भी सरल थे: राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी और इनमें से कोई नहीं। मेरा इरादा किसी तरह के पक्षपात का नहीं था।

पर्यावरण के लिए अनुकूल ईंधन

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वैश्विक स्तर पर इस सत्य की पुष्टि हो चुकी है कि पारंपरिक ईंधनों का भंडार अब सीमित हो चुका है और जल्दी ही यह समाप्त भी हो जाएगा, अत: अब ऐसे अपारंपरिक ईंधनों की खोज शुरू हो गई है, जो सहज उपलब्ध हों और जिनसे प्रदूषण की समस्या भी उत्पन्न न हो।

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