भोंसला मिलिट्री स्कूल
धर्मवीर डॉ. बालकृष्ण शिवराम मुंजे ने अंग्रजों के विरुद्ध सशस्त्र क्रांति में भाग लिया। वे कुशाग्र बुद्धि थे। वे जानते थे कि अगर देश को स्वतंत्र कर उसे शक्तिशाली, स्वाभिमानी और आत्मनिर्भर बनाना हो तो युवाशक्ति को संस्कारित करना होगा।