पद्मश्री पीसी

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पीसी अर्थात प्रियंका चोपड़ा की उड़ान रोल मॉडल है। एक वातविकता की जानकारी कराने वाली यात्रा का प्रारंभ है। किसी फिल्मी कलाकार को इतनी कम आयु में प्राप्त होना अपने आप में अनोखा एवं अपने क्षेत्र में पूरी लगन एवं समर्पण का द्योतक है। कुछ कर गुजरने का माद्दा रखने वाले युवाओं को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए।

मृत इतिहास एवं जीवित इतिहास

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मनुष्य विचारशील प्राणी होने के कारण उसकी भूमिका बदलती रहती है। वही उसका विकास है। संघ भी विचारशील होने के कारण विकासशील है। रामचंद्र गुहा को यदि यह समझना नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं? उन्हें मृत इतिहास और जीवित इतिहास का भेद वामपंथी इतिहासकार होने से क्या समझ में आएगा?

क्या यह सिर्फ सहकारी बैंकों की ही जरुरत है ?

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 पलाई सेन्ट्रल बैंक लि. तथा लक्ष्मी बैंक लि. के विफल होने से जमाराशियों के लिए बीमा कराने के सम्बंध में गंभीर विचार हुआ और उसके उपरांत २१ अगस्त को संसद में निक्षेप बीमा निगम (डीआईसी) विधेयक लाया गया। संसद में पारित होने के बाद वह दिसम्बर १९६३ से प्रभावी हुआ।

सूचना निरसन का अधिकार

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सूचना अधिकार बीसवीं सदी की देन है, तो सूचना निरसन अधिकार इक्कीसवीं सदी की देन मानने में कोई हर्ज नहीं होना चाहिए। स्पेन व यूरोप से चली यह आंधी भारत तक पहुंच चुकी है और पिछली मई में दिल्ली उच्च न्यायालय में ऐसा एक मामला दायर हो चुका है। इस मामले में गुगल, ‘इंडियन कानून’ वेबसाइट व केंद्र सरकार को समन जारी किया गया हे। अगली सुनवाई 21 सितम्बर को है।

भ्रष्टाचार का फैलता कैंसर

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भ्रष्टाचार को राजनीतिक, शासकीय, संवैधानिक तथा अन्य प्रकार का संरक्षण व प्रोत्साहन प्राप्त होने के कारण ही, भ्रष्टाचार का कर्क रोग भारत भर में फैल गया है तथा भारत को दीमक की तरह चाट रहा है। फिर, अंदर से खोखले इस भारत की रक्षा कौन सी तोप, कौन सा युद्ध वायुयान ,कौन सा हेलिकॉप्टर करेगा?

वैश्विक कृषि प्रगति में यूपीएल की अहम भूमिका हो – रज्जूभाई श्रॉफ

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यूनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड देश की जानी मानी कृषि सम्बंधी रसायन बनाने वाली कम्पनी है। आज देश में खेती पर गंभीर प्रश्न खडे हो रहे है। किसानों की आत्महत्या, उद्योगों पर अधिक जोर तथा मोदी सरकार की कृषि नीति आदि जैसे विभिन्न मुद्दों पर यूनाइटेड फॉस्फोरस के चेयरमेन रज्जूभाई श्रॉफ से बातचीत हुई। प्रस्तुत हैं उसके कुछ प्रमुख अंश-

सियासी दलों पर चढ़ा नम्बर गेम का खुमार

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दिल्ली और बिहार विधान सभाओं में पराजय के बाद भाजपा के लिए अब यूपी फतह करना सब से बड़ी चुनौती बनी हुई है। अपने चुनावी मिशन को धार देने के लिए ही भाजपा ने अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सांसद केशव प्रसाद मौर्य को चुना है। मौर्य भी अपनी चुनौती से परिचित है। सपा, बसपा, जदयू एवं अन्य दल भी अपनी बिसात बिछाने में लगे हुए हैं।

सिंधी भाषा एवं संस्कृतिक का संवर्धन आवश्यक- चे . विद्यासागर राव

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मानव सभ्यता के इतिहास में दुनिया की कुछ जातियों ने ही इतने आघात और दर्द झेले होंगे, जितने कि सिंधी समाज ने भारत विभाजन के दौरान झेले हैं। शांतिप्रिय सिंधी समाज को उनके बिना किसी गलती के घर परिवार छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया, जिन्हें भारत में वस्तुतः खाली हाथ आना पड़ा।

“अगस्ता अपराधी“-पर्रीकर वादा निभाना

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जीवन में सिर्फ पेन और प्रजा का प्रेम ही चाहिए हो और जो मुख्यमंत्री रहते हुए हवाई चप्पल में अक्सर स्कूटर पर ही दफ्तर जाने का आदी हो, वह रक्षा मंत्री बनकर कहीं भी जाए पर बिना किसी से दबे भरीत का हित दंबगपन से सुरक्षित रखेगा, यह तो तय मानना चाहिए।

वेब चैनल्स कि मनोरंजक दुनिया

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मनोरंजन और हम मनुष्यों का नाता बहुत ही पुराना है। प्राचीन काल में नाटक और नृत्य नाटिकाओं से लेकर टेलीविजन आने के बाद धारावाहिकों तक मनोरंजन के अनेक साधन मनुष्य के पास रहे हैं। मनोरंजन के बिना जीवन है ही क्या? समय बदला और समय के साथ मनोरंजन के साधन भी बदले। आज मनोरंजन की आभासी दुनिया का प्रमुख साधन है इंटरनेट। जिस प्रकार टी.वी. पर अनेक चैनल और उन चैनलों पर अनेक धारावाहिक आते हैं, उसी प्रकार आज इंटरनेट पर भी अनेक वेब चैनल्स उपलब्ध हैं।

छुटकू आए तो मां मुस्कुराए

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एक छोटे से काम को पूरा करने में घबरा जाते हैं, तो सोचिए ईश्वर नें हमारी संरचना कैसे की होगी। जितना विज्ञान की तह खोलने जाएंगे, परत दर परत ईश्वर का एहसास होता जाएगा। स्त्री के जन्म के पूर्व ही यानी गर्भ में ही जब अंडाशय का विकास हो रहा होता है, तभी एक निश्चित मात्रा के अंडों का चयन हो जाता है।

रंज लीडर को बहुत है मगर …….

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 किसी राजनीतिक विश्लेषक ने कहा है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है; पर काफी समय से कांग्रेस के लिए लखनऊ के ही रास्ते बंद हैं। ऐसे में अपने बलबूते पर वह दिल्ली कैसे पहुंचे? जीवन-मरण जैसा यह बड़ा प्रश्न मैडम जी के सामने है। वे कई साल से कोशिश में हैं कि राहुल बाबा थोड़ा संभल जाएं और कुछ समझ जाएं; पर जो समझ जाए, वह पप्पू कैसा?

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