पारम्परिक चिकित्सा की ओर पुनरागमन
कोरोना की महामारी ने लोगों को अपनी जीवनशैली पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य कर दिया था। लोगों को पहली बार समझ में आया कि स्वास्थ्य का स्थान धन से काफी ऊपर है। सम्पूर्ण विश्व के साथ भारत ने भी उक्त महामारी को झेला लेकिन सरकारी प्रयासों और डॉक्टरों की निःस्वार्थ सेवा की वजह से भारत में जान का नुकसान अन्य देशों की अपेक्षा काफी कम हुआ।