ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत

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भारत के अधिकतर भाग में वर्षभर सूर्य दिखता है। साथ ही नदियों के जाल और लम्बे तटीय क्षेत्रों की वजह से हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अपने यहां अपार सम्भावनाएं हैं। भारत सरकार ने इस दिशा में व्यापक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इससे भविष्य में खाड़ी देशों के…

विषय का विशिष्ट ज्ञान ही विज्ञान

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विज्ञान ने हमारे जीवन को किस सीमा तक प्रभावित कर रखा है इसका वर्णन करना कठिन है क्योंकि जन्म लेने से लेकर मृत्यु तक हमारे चारों ओर जो भी घटित होता है वह विज्ञान के अलावा कुछ नहीं है। देखा जाए तो ‘विज्ञान’ शब्द की उत्पत्ति बहुत बाद में हुई…

इसरो: प्रमुख उपलब्धियां और चुनौतियां

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इसरो ने अपनी स्थापना के बाद से ही राष्ट्र की अंतरिक्ष के क्षेत्र में उन्नति के अनेकानेक कीर्तिमान बनाए हैं। कुछ साल पहले 104 उपग्रहों को एक साथ  अतंरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर इसरो ने नासा जैसी संस्था सहित विश्व को भी आश्चर्यचकित कर दिया। बहुत शीघ्र ही मंगलयान…

सतत विकास हेतु वैज्ञानिक नवाचार आवश्यक

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स्वतंत्रता के पश्चात से ही भारत विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है लेकिन भारत जैसे देश को वैश्विक उपलब्धि पाने के लिए जिस तरह के प्रगति की आवश्यता है, नहीं मिल पा रही है। कारण साफ है, हमारे यहां वैज्ञानिक शोधों के अवसर काफी कम हैं तथा…

संस्कृति और संस्कारों की संवाहक मातृभाषा

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अपनी मातृभाषा को त्यागकर अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषाओं को प्राथमिकता देने के कारण देशभर में अनेक छोटी-छोटी भाषाएं और बोलियां विलुप्त हो रही हैं। मातृभाषा दिवस का संकल्प तभी पूर्ण होगा जब हम अपनी भाषा के प्रति सजग होंगे और उसे बचाते हुए व्यवहार में लाने का प्रयास करेंगे।…

संघ बीज के पोषक श्रीगुरुजी

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिवराव गोलवलकर जी का जीवन मानव सेवा एवं मनुष्य उत्थान का उत्तम उपाख्यान है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वाभिमान के हर प्रतीक को लेकर अपनी राय रखी और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें जन-जन तक पहुंचाने के लिए स्वयंसेवकों की इतनी बड़ी संख्या को…

आत्मनिर्भर गांव बनाने में केशव सृष्टि का योगदान

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कुछ साल पहले मुंबई की प्रसिद्ध सामाजिक संस्था केशव सृष्टि ने पालघर जिले के कुछ अति पिछड़े गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की शुरुआत की। आज वहां के 100 से ज्यादा गांवों का विकास हो चुका है। प्रधान मंत्री ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में केशव सृष्टि की इस…

जनजाति समाज ही सनातन भारत का बीज

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देशभर के वनों के उन्नयन का भार उठाने वाला वनवासी जनजाति समुदाय हमारी सनातन संस्कृति का प्रमुखतम अंग है परंतु सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वाले लोग उन्हें भड़काते रहते हैं कि आप तो हिंदू संस्कृति से अलग, स्वतंत्र समुदाय हैं। जनजाति विकास मंच और जनजाति चेतना परिषद जैसे प्रबोधन…

सामाजिक समरसता के प्रेरक संत रविदास

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संत रविदास का जीवन मानव विवेक की पराकाष्ठा का सर्वोत्तम प्रतीक है। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सनातन धर्म के उत्थान तथा भारतीय समाज में उस समय फैली हुई कुरीतियों को खत्म करने में लगा दिया था। उनके शिष्यों में राजपरिवार में जन्मी मीराबाई से लेकर सामान्य जन तक शामिल थे।…

महिलाओं में कैंसर के लक्षण : जागरूकता-बचाव

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अनियमित दिनचर्या और एल्कोहल जैसे नशीले पदार्थों के सेवन का प्रयोग बढ़ने के कारण कैंसर के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। इसमें महिला रोगियों की संख्या पुरुषों की अपेक्षा काफी अधिक है। इसकी समुुचित रोकथाम के लिए महिलाओं में जागरूकता लाना अत्यावश्यक है, ताकि वे शुरुआती समय…

एकल परिवार और बढ़ते अपराध

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भारत की संयुक्त कुटुम्ब परम्परा सभ्य समाज की दृष्टि से संपूर्ण विश्व में आदर्श व्यवस्था मानी जाती है लेकिन पिछले कुछ समय से हमारे यहां भी एकल परिवार और उनसे होने वाले दुष्परिणामों का असर दिखने लगा है। पारिवारिक सम्बंधों से अनजान युवा क्रूर और हिंसक होते जा रहे हैं।…

सड़क दुर्घटनाओं में भविष्य खोता भारत

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A close up of a red emergency triangle on the road in front of a damaged car and unrecognizable people. A car accident concept. Copy space.
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भारत में हर वर्ष बड़ी संख्या में लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। कुछ संस्थागत कमियां हो सकती हैं लेकिन अधिकतर मामलों में लोगों की स्वयं की गलतियां भी इस तरह की घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक बनती हैं। जब कोई बहुत बड़ी दुर्घटना होती है तो…

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