रामचंद्र जोरापुरकर को ‘संचालक समाज सेवा पुरस्कार’

Continue Readingरामचंद्र जोरापुरकर को ‘संचालक समाज सेवा पुरस्कार’

मेक इन इंडिया उपक्रम को सफल बनाने के लिए उल्लेखनीय सहयोग देने वाले उद्यमी त्रिकाया कॉटिंग्ज प्रा. लि. के संचालक एवं पोयसर जिमखाना के पूर्व ट्रस्टी रामचंद्र जोरापुरकर को आज ‘संचालक समाज सेवा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया. भोसला मिलिटरी कैम्प के डॉ. मुंजे इंस्टीट्यूट के सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक विजय राव कदम की विशेष उपस्थिति में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया.

अयोध्या : पर्यटन का अद्भुत विकास

Continue Readingअयोध्या : पर्यटन का अद्भुत विकास

अयोध्या के वाह्य स्वरूप में तो बहुत परिवर्तन आये,  जीवन शैली भी बदली किन्तु चिंतन के पिण्ड में अयोध्या सुरक्षित और श्रद्धेय रही । जो रामजन्म भूमि की मुक्ति के सतत संघर्ष और देश वासियों के मन में उठती उन हिलोरों से स्पष्ट है जिसमें कमसेकम जीवन में एक बार अयोध्या यात्रा की इच्छा बसी होती है । इसी आंतरिक चेतना  शक्ति से रामलला बाबरी ढांचे में प्रगट हुये और फिर वहाँ मंदिर का मार्ग प्रशस्त हुआ । भव्य मंदिर का शिलान्यास हुआ और पूरे संसार का ध्यान एक बार पुनः अयोध्या की ओर आकर्षित हुआ । इसके बाद अयोध्या आने वाले श्रृद्धालुओं और जिज्ञासुओं की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई । यह भी बहुत स्पष्ट है कि जन्मभूमि मंदिर निर्माण पूर्ण हो जाने के बाद अयोध्या आने वालों की संख्या असीम होगी । और इसके लिये अयोध्या तैयारी कर रही है । यह तैयारी दोनों ओर बहुत तीव्र है । मंदिर निर्माण की दिशा में भी और आगन्तुकों के "स्वागत" के लिये भी । 

उदयपुर में जनजाति समाज की हुंकार डीलिस्टिंग महारैली

Continue Readingउदयपुर में जनजाति समाज की हुंकार डीलिस्टिंग महारैली

जो व्यक्ति अपने पूर्वजों की आस्था, संस्कृति, परम्परा, भाषा, व्यवहार छोड़कर अन्य धर्म में जा रहा है, तब उसे जनजाति के रूप में प्रदत्त अधिकार भी छोड़ना ही चाहिए क्योंकि उसे जनजाति होने का अधिकार उसके पूर्वजों और उसकी संस्कृति के आधार पर ही मिला है। इसी आधार पर संविधान में एससी के लिए आर्टिकल 341 में प्रावधान है, लेकिन यह बात एसटी के लिए आर्टिकल 342 में नहीं लिखी गई। इसका फायदा धर्मान्तरण कराने वाली ताकतें उठा रही हैं। धर्मान्तरण जनजाति समाज की संस्कृति को खत्म करने का षड़यंत्र है। धर्मान्तरण राष्ट्र के लिए भी खतरा है। धर्म बदलने वाले अपनी चतुराई से दोहरा लाभ उठा रहे हैं, जबकि मूल आदिवासी अपनी ही मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है।

भारत में किसानों की आय हो रही है दोगुनी

Continue Readingभारत में किसानों की आय हो रही है दोगुनी

केंद्र सरकार द्वारा किए गए उक्त वर्णित कई उपायों के चलते फसलों और पशुधन की उत्पादकता में वृद्धि हुई है, संसाधनों के उपयोग में दक्षता आने से उत्पादन लागत में कमी आई है, फसल की सघनता में वृद्धि दर्ज हुई है, उच्च मूल्य वाली खेती की ओर विविधिकरण हुआ है, किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल रहा है एवं अतिरिक्त श्रमबल को कृषि क्षेत्र से हटाकर गैर कृषि क्षेत्र के पेशों में लगाया गया है। इस सबका मिलाजुला परिणाम यह हुआ है कि किसानों की शुद्ध आय में वृद्धि दृष्टिगोचर हो रही है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूप से किसानों की आय बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।

भारत के समृद्धशालियों एवं प्रतिभाओं का पलायन क्यों?

Continue Readingभारत के समृद्धशालियों एवं प्रतिभाओं का पलायन क्यों?

धनाढ्य परिवारों का भारत से पलायन कर विदेशों में बसने का सिलसिला चिन्ताजनक है। ऐसे क्या कारण है कि लोगों को देश की बजाय विदेश की धरती रहने, जीने, व्यापार करने, शिक्षा एवं रोजगार के लिये अधिक सुविधाजनक लगती है, नये बनते भारत के लिये यह चिन्तन-मंथन का कारण बनना चाहिए। हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनुमानित 6,500 हाई- नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) के 2023 में भारत से बाहर जाने की संभावना है, पिछले वर्ष की तुलना में यह करोड़पतियों के देश छोड़कर जाने की 7500 की संख्या भले ही कुछ सुधरी है, लेकिन नये बनते, सशक्त होते एवं आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर भारत के लिये यह चिन्तन का विषय होना ही चाहिए कि किस तरह भारत की समृद्धि एवं भारत की प्रतिभाएं भारत में ही रहे।

भारतीय मूल्यों की संवाहक बन रही हैं जी-20 की बैठकें

Continue Readingभारतीय मूल्यों की संवाहक बन रही हैं जी-20 की बैठकें

दुनियाभर से आए अतिथियों ने यहाँ भारत के आतिथ्य का अनुभव तो किया ही, उन्हें शांति एवं सह-अस्तित्व का संदेश देनेवाली भारतीय संस्कृति का दर्शन भी कराया गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि विचार-विमर्श से निकले वैचारिक मंथन के साथ ही भारतीय विरासत के दर्शन कर भारतीय संस्कृति एवं उसके मूल्यों की प्रत्यक्ष अनुभूति भी जी-20 के विद्वान प्रतिनिधि अपने साथ लेकर जाएं। मुख्यमंत्री के आग्रह पर जी-20 के प्रतिनिधियों ने सांची और भीमबेटका जैसे विश्व विरासत के स्थल देखे। भारतीय ज्ञान-परंपरा के केंद्र के रूप में सुप्रसिद्ध उज्जैन में महाकाल के दर्शन भी किए। बाघ अभ्यारण्य में जैव विविधता के प्रति भारतीय दृष्टिकोण की अनुभूति भी दुनियाभर से आए लोगों ने की।

सरकारों की नीतियों से आरक्षण से वंचित पिछड़ा वर्ग

Continue Readingसरकारों की नीतियों से आरक्षण से वंचित पिछड़ा वर्ग

ध्यान रखिए , पश्चिम बंगाल में 71 जातियों को ममता सरकार ने पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जिनमें मुस्लिम समुदाय के हैं। इसके पूर्व वहां 108 जातियां पिछड़े वर्ग में शामिल थे जिनमें 53 मुस्लिम तथा 55 हिंदू समुदाय के थे। यह एक उदाहरण मात्र है कि वोट बैंक की राजनीति ने किस तरह आरक्षण व्यवस्था का घातक दुरुपयोग किया है। राजस्थान में भी हिंदू समुदाय के पिछड़े वर्ग से ज्यादा लाभ पिछले कुछ सालों में मुस्लिम समुदाय का पिछड़ा वर्ग प्राप्त कर रहा है। यह सब सरकारी नीतियों के कारण ही हुआ है। क्या यह ऐसा मुद्दा है जिसे चुपचाप छोड़ दिया जाए? किसी भी समुदाय के पिछड़ों के आरक्षण की व्यवस्था है तो उन्हें अवश्य मिले, किंतु किसी एक समुदाय की कीमत पर वह भी इसलिए कि हमें वोट मिले । 

महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है शिवराज सरकार

Continue Readingमहिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है शिवराज सरकार

मध्यप्रदेश सरकार की महिला नीति को देखने से ध्यान आता है कि यह सरकार सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं शैक्षणिक रूप से महिलाओं को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। बेटी बचाओ अभियान, लाड़ली लक्ष्मी योजना, स्वागतम् लक्ष्मी योजना, गाँव की बेटी योजना, जननी सुरक्षा कार्यक्रम, कन्या अभिभावक पेंशन योजना, उषा किरण योजना और मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अतिरिक्त कई अन्य कार्यक्रम एवं योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से सरकार हर कदम पर महिलाओं के साथ खड़ी नजर आती है। स्त्री सशक्तिकरण की इसी शृंखला में ‘लाड़ली बहना योजना’ भी जुड़ गई है।

किसानों-कृषि को मजबूती देने में अग्रणी शिवराज सरकार

Continue Readingकिसानों-कृषि को मजबूती देने में अग्रणी शिवराज सरकार

खेती-किसानी और उससे जुड़े व्यवसाय मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था एवं विकास की धुरी हैं। यह बात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी सरकार बखूबी समझती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के हाथ में जब से प्रदेश की कमान है, तब से उन्होंने लगातार किसानों की बेहतरी के लिए प्रयास किए हैं। केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में शिवराज सरकार, दोनों ने अपनी प्राथमिकता में किसानों को रखा है। मध्यप्रदेश के राजगढ़ में आयोजित ‘किसान-कल्याण महाकुंभ’ के आयोजन से सरकार ने यही संदेश देने का प्रयास किया है कि वह किसानों के हितों की चिंता करने में सदैव की तरह अग्रणी रहेगी।

मातृशक्ति को स्वावलंबी बना रहा है मध्यप्रदेश

Continue Readingमातृशक्ति को स्वावलंबी बना रहा है मध्यप्रदेश

यह सर्वविदित है कि भारत में महिलाओं की आबादी लगभग 50 प्रतिशत है। परंतु, आर्थिक स्वावलंबन की दृष्टि से यदि विचार किया जाय तो ध्यान में आता है कि भारत में बहुत बड़ी मात्रा में महिलाएं पूर्णतः पुरुषों अथवा परिवार पर ही निर्भर दिखाई देती हैं। जबकि, भारत में परिवार…

अलमारी से निकले 2 हजार रुपए के 7,298 नोट

Continue Readingअलमारी से निकले 2 हजार रुपए के 7,298 नोट

भारत सरकार के द्वारा 2000 रुपए के नोट वापस लिए जाने के फैसले के बाद से ही देश के अंदर करप्ट राजनेताओं के खेमे में हड़कंप मच गया है। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के तहत आने वाले एक सरकारी इमारत के अलमारी के अंदर से 2 हजार रुपए के…

वित्तीय समावेशन से गरीब वर्ग का हो रहा कायाकल्प

Continue Readingवित्तीय समावेशन से गरीब वर्ग का हो रहा कायाकल्प

15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ की घोषणा की थी और बिना समय गवाएं 28 अगस्त 2014 से यह योजना पूरे देश में प्रारम्भ कर दी गई थी। केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय ने…

End of content

No more pages to load