जनसाधारण को समर्पित है भाजपा का संकल्प पत्र   

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भाजपा द्वारा इस संकल्प पत्र में जनता को मोदी की गारंटी दी गई है। गरीब परिवारों की सेवा- मोदी की गारंटी, मध्यम-वर्ग परिवारों का विश्वास, नारी शक्ति का सशक्तिकरण, युवाओं को अवसर, वरिष्ठ नागरिकों को वरीयता, किसानों का सम्मान, मत्स्य पालक परिवारजनों की समृद्धि, श्रमिकों का सम्मान, एमएसएमई, छोटे व्यापारियों और विश्वकर्माओं का सशक्तिकरण, सबका साथ सबका विकास, विश्व बंधु भारत,  सुरक्षित भारत, समृद्ध भारत, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा भारत, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, ईज ऑफ लिविंग, विरासत भी विकास भी, सुशासन, स्वस्थ भारत, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, खेल के विकास, सभी क्षेत्रों के समग्र विकास, तकनीक एवं नवाचार तथा पर्यावरण अनुकूल भारत- मोदी की गारंटी सम्मिलित है।

मोदी सरकार : कृषि नीति और बीज उद्योग

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खेती के तकनीक में एक और बड़ा परिवर्तन आया और वैज्ञानिकों ने बीज के बजाय पौधे के पत्ते या तनों के छोटे से टुकड़े के ऊतक (Tissue) का उपयोग करके पूरा पेड़ बना दिया, जिसमें मातृ पेड़ के सभी गुण मौजूद थे। यह तकनीक ऊतक संवर्धन (Tissue culture) कहलाती है। इसके बाद ऊतक संवर्धन के माध्यम से फलों और फूलों के नए-नए पौधे तैयार किए गए और किसानों को उगाने के लिए दिए गए। यह ऊतक संवर्धन के पेड़ धनवान किसानों में काफी पसंद किए जाते हैं। वातावरण नियंत्रित खेती (Controlled Condition Cultivation), Polly House, Green House, Net House में ऊतक संवर्धन के पेड़ का उपयोग करके नई तकनीक की खेती काफी बढ़ी। वातावरण नियंत्रित खेती में पैदा किए गए फूलों और सब्जियों का निर्यात किया गया। जिससे भारत का कृषि निर्यात बहुत बढ़ गया। बीजों का उत्पादन (2016-17) में इस प्रकार था ; भुसार माल 229.8, दालें 29.47, तेलिबिया 49.97, सूत की फसलें 2.17, आलू 0.38, अन्य 0.33, कुल बीज 311.43 लाख क्विन्टल। यह बाजार 2022-23 में कुल 6.3 अब्ज डालर का हो गया है। और अनुमान है कि यह 2028 तक बढ़कर 12.27 अब्ज डालर का हो जाएगा। यानी यह 12.45% के (Compound Annual Growth Rate - CAGR) रेट से बढ़ेगा। अर्थात बीज में केवल नया पौधा पैदा करने की क्षमता ही नहीं, तो देश की अर्थव्यवस्था बदलने की क्षमता भी  होती है। 

कृषि नीति : सॉइल हेल्थ कार्ड -‘e- कृषि किरण’

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आणंद कृषि विद्यापीठ ने लगभग पौने तीन करोड़ खर्च करके ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ का सॉफ्टवेयर तैयार किया। किसानों ने केवल अपना नाम, अपने गांव का नाम और अपने खेत का सर्वे क्र. बताया कि कम्प्युटर पर सॉईल हेल्थ कार्ड खुल जाता था। केवल ₹ 1/- में वह कार्ड किसान को दे दिया जाता था। उस कार्ड पर किसान को अपने खेत की मिट्टी में उपलब्ध प्रमुख पोषक तत्वों (Major Nutrients), जैविक कार्बन (Organic carbon), N, P, K, EC और pH का विवरण मिल जाता था। साथ ही उसने अपने खेत में कौन सी फसल उगाई तो फायदे में रहेगा, यह भी बताया जाता था। अभी जो फसल खेत में लगी हुई है, उस पर यदि रोग या कीड़ा लगा है तो कौन सी दवा छिडकनी चाहिए, यह भी बताया जाता था। किसान को ₹ 1 /- में पूरा पॅकेज मिल जाता था।

कृषिनीति: ज्योतिष से वर्षा का पुर्वानुमान और टपक सिंचाई

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मोदी जी सभी से आग्रह करते थे कि किसान अपने खेतों में टपक सिंचाई (Drip Irrigation) के माध्यम से सिंचाई करें, जिससे पौधों को जरुरत के मुताबिक पानी भी मिल जाएगा और पानी का अपव्यय भी नहीं  होगा।वे हमेशा ही किसानों से कहते थे कि यदि एक छोटा बच्चा प्यासा है तो उसकी माँ कटोरी में थोडा पानी लेकर, कपास की बाती बनाकर उसे कटोरे में डुबाती है और बाती का दूसरा सिरा बच्चे के मुँह में दे देती है। बच्चा चूस-चूस कर अपनी प्यास के अनुरुप पानी पी लेता है। माँ अपने बच्चे को पानी भरे ड्रम में नही डालती है कि बच्चा चाहे जितना पानी पीये । उलटे पानी में डुबने के कारण बच्चे की साँस रुक जाएगी और वह मर जाएगा। इसी प्रकार छोटे पौधों का है। यदि आपने पौधे की जडों के पास ड्रिपर से पानी दिया तो मिट्टी गिली हो जायगी और पौधे कि जडें उसमें से आवश्यकता के अनुरुप पानी सोख लेंगी, जो पौधे की बढवार में सहायक होगी। वहीं किसान अगर पुरानी पद्धिती (Flood Irrigation) से सिंचाई करे और सारे खेत को पानी से भर दे तो पौधे की जडें साँस नही ले पाएंगी और गल जाएंगी, जिससे पौधा सूख जाएगा। अतः पौधे की अच्छी बढवार के लिए टपक सिंचाई की पद्धिती से सिंचाई करनी चाहिए। बाढ सिंचाई से पानी और बिजली दोनों का ही अपव्यय होता है और उत्पादन में वृद्धि नही होती है।

मोदी सरकार की कृषिनीति एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य

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2014 में मोदी सरकार चुनकर आई और मोदी सरकार ने किसानो के हित में कई योजनाएं लागू की। उसमें सबसे महत्वपुर्ण  योजना है, किसान सन्मान निधि योजना, जिसमें गरीब  किसानो को 6000/- प्रतिवर्ष सन्मान निधि दी गई, यह निधी दो-दो हजार के तीन हफ्तों में दी गई, इससे गरीब किसानों को काफ़ी बड़ी आर्थिक सहायता हो गई। इसी प्रकार भारत सरकार ने फसलों के न्युनतम समर्थन मूल्य भी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुरूप उत्पादन मूल्य के डेढ़ गुना बढ़ाए। साथ ही यह न्युनतम समर्थन मूल्य फसलों के खरीफ और रबी मौसम की शुरुआत से  पहले घोषित किए गए।

कम हो रही आय की असमानता

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प्रधान मंत्री की अंत्योदय योजनाओं से सही अर्थों में गरीबों और मध्यम वर्गों का भला हो रहा हैं। वे न केवल गरीबी रेखा से बाहर निकल रहे हैं बल्कि आर्थिक रूप से स्वावलम्बी भी हो रहे हैं। उनका जीवन स्तर पहले से बेहतर होता जा रहा हैं।

मंदिर का अर्थ तंत्र

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अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन के बाद या तो आप पांच सितारे होटल में रुक सकते है। शॉपिंग मॉल में खरीदारी के साथ ही जंक-फूड का मजा ले सकते है। इसके बाद आप हवाई यात्रा से सफर कर घंटों में अपने गंतव्य तक पहुंच सकते है। ये सारी सुविधाएं आपके लिए और इससे आर्थिक सबलीकरण अयोध्या को मिलने वाला है, जो बड़ी आर्थिक प्रगति का संकेत है।

हर घर अयोध्या बने

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हर मनुष्य में रामत्व होना चाहिए। हर घर में रामराज्य होना चाहिए। संतुलित जीवन, उचित आहार, उचित शिक्षा, संस्कारित दिनचर्या, सकारात्मक विचार और कुशल जीवन शैली को अपने जीवन में उतारना चाहिए। आने वाली पीढ़ी को यह मार्ग वर्तमान पीढ़ी ही दिखा सकती हैं तभी रामराज्य का संकल्प सार्थक होगा।

भारत के ऋण: सकलघरेलू उत्पाद अनुपात की स्थिति सुदृढ़

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भारत आज दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। वैश्विक स्तर के विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रतिवर्ष 7 प्रतिशत के आसपास विकास करने की भरपूर सम्भावनाएं व्यक्त की जा रही है, यह विकास दर विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में होने वाली वृद्धि दर की तुलना में लगभग दुगुनी है। भारत का लगभग आधा कार्यबल कृषि क्षेत्र में कार्यरत है जिसकी औसत आय तुलनात्मक रूप से कम है और इस कार्यबल की आय में वृद्धि किया जाना आज मुख्य लक्ष्य है। परंतु, सेवा क्षेत्र एवं उद्योग क्षेत्र में कार्यरत कार्यबल की आय में तुलनतमक रूप से वृद्धि दर काफी अच्छी है जिसके चलते इस वर्ग की आय कर एवं अन्य करों में भागीदारी लगातार बढ़ रही है जिसके कारण केंद्र सरकार की आय में अतुलनीय वृद्धि हो रही है एवं आज केंद्र सरकार के बजट में वित्तीय संतुलन स्थापित होता दिखाई दे रहा है तथा बजटीय घाटा की राशि में भी लगातार कमी आ रही है। बजटीय घाटा के कमी के चलते केंद्र एवं राज्य सरकारों की ऋण की आवश्यकता भी कम हो रही है। 

सूर्या फाऊंडेशन द्वारा प्राकृतिक जैविक किसान सम्मेलन

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खेती में बढ़ती रासायनिक खाद के उपयोग से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याएं आज की प्रमुख समस्याओं में से एक है। अधिक उत्पादन की दौड़ में अंधाधुंध रसायनिक खादों के प्रयोग से आज मिट्टी दूषित हो गई है। और उन विकृतियों का परिणाम आज हमें खाद्य पदार्थों में दिखता है। खराब होती मृदा पर्यावरण के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर रही है। इसके निवारण हेतु आवश्यकता है प्राकृतिक एवं जैविक कृषि की। इस सम्मेलन में आए सभी संबंधित अधिकारियों ने किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीकों को सिखाया।

तटीय पर्यटन है गोवा की शान

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गोवा अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व विख्यात है। यहां आनेवाले देशी-विदेशी पर्यटक यहां की मनमोहक छटा को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते है। गोवा अपने समुद्री तट के लिए विख्यात है।गोवा में पर्यटक भीड़-भाड़ से दूर एकांत और शांत समुद्री लहरों का आनंद लेना चाहते हैं।

भारतीय शेयर बाजार पहुंचा विश्व में पांचवे स्थान पर

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नैशनल स्टॉक एक्स्चेंज पर लिस्टेड समस्त कम्पनियों (निफ्टी) का कुल बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर अथवा 335 लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर गया है।पिछले 10 वर्षों के दौरान इन कम्पनियों का पूंजीकरण 17.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की संयोजित (कंपाऊडेड) दर से बढ़ा है। भारतीय शेयर बाजार के विकास की यह रफ्तार अभी भी जारी है और कलेंडर वर्ष 2023 के अभी तक के कार्यकाल के दौरान निफ्टी पर रजिस्टर्ड कम्पनियों के पूंजीकरण, 55 लाख करोड़ रुपए (11 प्रतिशत) से बढ़ चुका है। पिछले केवल 3 माह के दौरान भारतीय कम्पनियों का निफ्टी पर पूंजीकरण 8.82 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जो कि विश्व के 10 सबसे बड़े शेयर बाजार में सबसे अधिक तेज गति से बढ़ा है। आज भारत विश्व के शेयर बाजार के पूंजीकरण में 3.61 प्रतिशत का योगदान कर रहा है जो जनवरी 2023 में 3.37 प्रतिशत था। 

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