यद्यफि शुक्ला चौधुरी शान्तिनिकेतन में अर्फेाा स्नातक की फढाई फूरी नहीं कर फाईं, किन्तु वहां उन्हें कला के तमाम महत्वफूर्ण...
मुगल बादशाह अकबर के समय समाज में व्याप्त हताशा का अनुमान इसी से लगया जा सकता है कि राजस्थान के...
बरसात के आगमन के साथ ही काले-काले जामुन बाजार में दिखाई पड़ने लगते हैं। जामुन जहां खाने में स्वादिष्ट होते...
जीवन में ज्ञान की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता। बहुत सारी समस्याएं अज्ञान से ही पैदा होती हैं। इसीलिए...
किसी निरुफयोगी वस्तु का आकार बदलकर उसे फुन: उफयोगी बनाने को ही फुनर्निर्माण कहते हैं। दूसरे शब्दों में इसे फुनरुज्जीवन...
-लगभग पंद्रह वर्ष पहले की बात है। मैं पीएच.डी. कर रही थी। मेरे पीएच.डी. के मार्गदर्शक श्री पाटील सर ने...
अपने अधीनस्थ अधिकारियों की बात सुनकर शशांक का ईमानदारी से नौकरी करने का भ्रम टूट गया। वह उस दोराहे पर...
लक्ष्मण का व्यंग्य चित्रकार बनना और अखबारों से जुड़ना ऐसी घटना थी जिसे विधाता ने पूर्व निर्धारित कर रखा था।...
ऑफिस से लौटकर आज भी वह पार्क के एक सुनसान कोने में अकेला आ बैठा। एक के बाद दूसरी सिगरेट...
संपूर्ण घर के आग्नेय कोने के कमरे में रसोई घर होना चाहिए। रसोईघर में ओटला पूर्व की ओर की दीवार...
इसी महीने भारतीय सिनेमा के सौ साल पूरे हो रहे हैं। सन् 1912 ई. में दादा साहब फालके ने ‘राजा...
तमाम आर्थिक और तांत्रिक समस्यांओ को पार करते हुए 21 अप्रैल 1913 में धुंडिराज गोविंद फालके अर्थात दादा साहेब फालके...
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