हर चुनौती से निपटने में सक्षम हैं मुख्य मंत्री मोहन यादव

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इसमें कोई संदेह नहीं कि डॉ. मोहन यादव इतने विनम्र, सहज-सरल और मृदुभाषी हैं कि कोई उनके फैसलों से असहमत हो ही नहीं सकता। पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान को करीब अठारह वर्षों तक सत्ता की बागडोर संभालने का सौभाग्य मिला। यह अपने आप में एक रिकार्ड था। उन्होंने इस लंबे कार्य काल में भाजपा संगठन पर भी अच्छा खासा प्रभाव कायम कर लिया था।

भारत विरोधियों को सबक सिखाने राष्ट्रहित में करें मतदान

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बात सुनने में ही समूची दुनिया की भलाई है। यूक्रेन-रूस के मध्य छिड़े युद्ध पर प्रधान मंत्री मोदी जब बोले कि 'This is not an era of war' तो पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली। इसराइल-हमास जंग, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, कार्बन क्रेडिट अथवा साउथ अफ्रीकी देशों को G-20 का सदस्य बनाने जैसे विश्व-व्यापी प्रमुख मुद्दों पर भारत के रुख को दुनिया गंभीरता से ले रही है। आज भारत ग्लोबल साउथ का निर्विवादित लीडर बनकर उभर रहा है।

आदर्श स्थापित करना मेरा लक्ष्य डॉ. प्रमोद सावंत – मुख्यमंत्री-गोवा

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गोवा राज्य की प्रतिमा अभी तक भोग-भूमि के रूप में की जा रही थी। वर्षों तक राजनैतिक उदासीनता के चलते गोवा का विकास कई रोडों में अटका रहा। परंतु आज उसे एक ऐसा नेतृत्व प्राप्त है, जिसके पास गोवा के विकास का स्पष्ट रोड मैप तैयार है। भविष्य का गोवा कैसा होना चाहिए, इसकी स्पष्ट संकल्पना उनके मस्तिष्क में तैयार है। गोवा के मुख्य मंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने अपने साक्षात्कार में उनकी गोवा के विकास के प्रति कटिबद्धता को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया है।

जौहरी का हीरा

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कहते हैं, हीरे की परख जौहरी ही कर सकता हैं। मनोहर पर्रिकर ने डॉ. प्रमोद सावंत को परख तो लिया ही था, परंतु अपनी मेहनत, लगन और कर्तव्यपरायणता से वे दिन - प्रतिदिन अधिक चमकते जा रह हैं। उनकी राजनैतिक यात्रा उनके गुरू को दी जा रही गुरुदक्षिणा के समान ही है।

भाऊ से भाई तक गोवा की राजनीति

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भाऊसाहब का सिद्धांत था कि प्रशासन लोकोन्मुख और केवल जनता की सुविधा के लिए होना चाहिए। यही सिद्धांत पर्रिकर ने अनेक वर्षों के बाद चलाया। इन सभी प्रयासों और ईमानदारी के कारण सन 2002 में हुए चुनाव में पार्टी के 17 विधायक विजयी हुए।

भारतीय चष्मे से देखें गोवा

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कुल मिलाकर मुख्य मंत्री डॉ. प्रमोद सावंत का यह लक्ष्य साफ दिखाई देता है कि वे गोवा को उसके सम्पन्न इतिहास के साथ विकास के उच्च पायदान पर ले जाना चाहते हैं और अपनी तीव्र इच्छाशक्ति, कर्तव्यपरायणता तथा गति के कारण उसमें सफल भी हो रहे हैं। केंद्र की सरकार का भी उनको पूर्ण समर्थन मिल रहा है। वे स्वयं कई बार यह कह चुके हैं कि डबल इंजन सरकार होने के कारण गोवा प्रगति पथ दौड रहा है।

पूर्वोत्तर में अरूणोदय अवश्य होगा– राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य

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हिंदी विवेक द्वारा सन २०१५ में प्रकाशित 'अष्टलक्ष्मी पूर्वोत्तर' दीपावली विशेषांक में तत्कालीन राज्यपाल मा. पद्मनाभ आचार्य जी का साक्षात्कार लिया गया था जिसमें पूर्वोत्तर की तत्कालीन परिस्थिति, वहां की नैसर्गिक सम्पदा तथा वहां के समस्याओं के बारे में उनकी चिंता एवं चिंतन प्रस्तुत हुआ हैं.

2024 का चुनाव अमृत काल की बानगी

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आगामी लोकसभा चुनावों के परिणाम यह तय करेंगे कि भारत की अमृत काल में प्रगति की दिशा क्या होगी। यह तो भविष्य के गर्भ में है कि भारत की जनता अपने भविष्य की बागडोर किसके हाथों में देना चाहती है, परंतु यह अवश्य समझ लेना चाहिए कि अल्पकालीन विषयों या चुनावी झांसों में न फंसते हुए दूरदृष्टि रखकर अपने मताधिकारों का प्रयोग करना होगा।

उल्लू की राजनीति

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उ- काहे का मार्गदर्शक मंडल! जिस मंडल में हम हैं उसके आभा मंडल में सब हैं। वो मंडल टूट गया तो समझो कि फिर मेरे आसपास कोई एक कौवा तक न फटकेगा। इसलिए बजुर्गियत की तो बात ही मत करो। अभी तो मैं जवान हूं। लीडर कभी बुजुर्ग नहीं होता। वो बुर्जुआ होता है।

मध्य प्रदेश का चुनावी संग्राम

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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है। भाजपा और कांग्रेस में इस बार कांटे की टक्कर नजर आ रही है। एक-एक सीट और एक-एक वोट के लिए दोनों ही दलों को कड़े संघर्ष एवं अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। अब देखना होगा कि ऐड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद किसके पक्ष में मतदाताओं का झुकाव होता है।

राजस्थान में बदलेगा राज या रिवाज

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राजस्थान की जनता हर दूसरे टर्म में सत्ता परिवर्तित करती है। यह वहां का रिवाज है। इस साल के अंत में वहां चुनाव होने वाले हैं। एक ओर कांग्रेस गहलोत-पायलट के भंवर में है तो भाजपा वसुंधरा पर दांव खेले या नहीं इस पशोपेश में, परंतु जनता को तो उसे चुनना है जो उसके भविष्य को अधिक प्रकाशमान कर सके। देखना ये है कि वहां की जनता इस चुनाव में किसे चुनती है।

पनवेल का विकास ही मेरा लक्ष्य – प्रशांत ठाकूर

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किसी क्षेत्र विशेष के सर्वांगीण विकास में वहां के जनप्रतिनिधि का योगदान सर्वोपरि होता है। पनवेल शहर के प्रगती के पीछे वर्तमान विधायक प्रशांत ठाकूर की दूरगामी सोच और विकास के प्रति प्रतिबद्धता का बड़ा योगदान रहा। हिंदी विवेक के साथ बातचीत में उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी।

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