अमरावती में कृत्रिम हाथ-पैर वितरण कार्यक्रम संपन्न

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अमरावती के बडनेरा रोड स्थित भक्तिधाम मंदिर प्रांगण में लगभग ३०० दिव्यांगों को कृत्रिम हाथ-पैर, कैलीपर सहित अन्य अवयव वितरित किया गया. जिससे दिव्यांगों के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. गेल इंडिया लि. के सीएसआर फंड से दिव्यांगों को यह सुविधा प्रदान की गई. श्री जलाराम सत्संग मंडल, गुजराती समाज, भारत विकास परिषद, विकलांग पुनर्वसन केंद्र, सक्षम संस्था के संयुक्त समन्वय से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीक्षेत्र मन्मथधाम संस्थान के डॉ. विरूपाक्ष शिवाचार्य महास्वामीजी एवं शिवधारा आश्रम के संत डॉ. संतोष महाराज उपस्थित थे.

बंगाल पर कलंक

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किसी भी देश और राज्य की प्रगति तभी सम्भव है जब वहां शांति हो। परंतु पश्चिम बंगाल में असामाजिक तत्वों का बोलबाला है। राज्य में सनातन संस्कृति को मानने वाले नागरिकों पर हमला किया जा रहा है। यहां के कुछ क्षेत्रों में महिलाओ पर अत्याचार का भी मामला प्रकाश में आ रहा है।

भाजपा विजय का फार्मूला राष्ट्रवाद और विकास का एजेंडा

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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में और अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। देश में इस बार केवल मोदी लहर ही नहीं बल्कि बाढ़ आने वाली है जिसमें कांगे्रस सहित विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन का सुपड़ा साफ होने की सम्भावना दिखाई दे रही है। इस बार 400 पार के लक्ष्य पर भाजपा जी-जान से जुटी हुई है।

हिंदी विवेक प्रकाशित ‘रजनीगंधा’ पुस्तक का विमोचन

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डॉ. मदन गोपाल वार्ष्णेय जी द्वारा लिखित और हिंदी विवेक द्वारा प्रकाशित ‘रजनीगंधा’ पुस्तक का विमोचन समारोह पुणे में संपन्न हुआ. रा. स्व. संघ के अ. भा. कार्यकारिणी सदस्य भैयाजी जोशी के करकमलों द्वारा इस पुस्तक का विमोचन किया गया. इस दौरान मंच पर पूर्व वाइस चांसलर जीबी यूनिवर्सिटी एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के कुलपति डॉ. आदित्य कुमार मिश्रा, पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत संघचालक प्राध्यापक नाना साहेब जाधव, हिंदी विवेक मासिक पत्रिका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमोल पेडणेकर और डॉ. प्रवीण दबडघाव आदि उपस्थित थे।

सौंदर्य, कला व प्रतिभा की प्रतिमूर्ति मधुबाला

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जब भी हम कभी बीते समय की फिल्मी नायिकाओं की सुंदरता की बात करते हैं, तब बरबस ही मधुबाला का नाम आ जाता है। मधुबाला का आकर्षक मनभावन चेहरा, बोलती आंखें, नैन नक्श, जैसे दर्शकों के दिलों दिमाग में छा सा जाता था। उस दौर में हर प्रेमी अपनी प्रेमिका…

छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक

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हिंदवी स्वराज्य की स्थापना करनेवाले छत्रपति शिवाजी महाराज का 350वां राज्याभिषेक वर्ष हर्षोल्लास के साथ संपूर्ण देश में मनाया जा रहा है। काशी के पंडित गागाभट्ट क्यों छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक करवाना चाहते थे और इसके पीछे उनकी मनोभावना क्या थी? इसका सुंदर वर्णन यहां प्रस्तुत किया गया हैं।

संघ के वैचारिक आधार श्री गुरुजी

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राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु श्री गुरुजी के दूरगामी प्रखर विचार आज भी प्रासंगिक हैं। जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय तथा गोवा को मुक्त कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहीं। श्री गुरुजी के वैचारिक शस्त्र से शत्रुओं को सबक सिखाया जाना चाहिए।

वरिष्ठ प्रचारक श्री रामभाऊ बोंडाले का स्वर्गवास

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अपने स्कूली जीवन के दौरान अमलनेर में वे रा. स्व. संघ से जुड़े। 1939 में प्रथम वर्ष पुणे में, द्वितीय वर्ष विदर्भ में, तृतीय वर्ष 1948 में उन्होंने पूर्ण किया। संघ प्रतिबंध के बाद चंद्रपुर जिला प्रचारक के रूप में उन्हें दायित्व मिला। पुणे के प्रथम वर्ष में पू. डॉ. हेडगेवार की बौद्धिक कक्षाओं को सुनने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ। रामभाऊ एक वरिष्ठ व्यक्तित्व रहे हैं जिन्हें संघ के छह सरसंघचालकों को सुनने, देखने, बोलने और उनके साथ संघकार्य करने का अवसर मिला है। एक मजेदार किस्सा है, संघ मुख्यालय से रेशम उद्यान तक कार्यक्रम के लिए कार में यात्रा करते समय वह गुरुजी की गोद में बैठे हुए थे।1948 से 1982 तक उनका मुख्यालय चंद्रपुर में था। जब वे जिला प्रचारक, विभाग प्रचारक थे तो वे डॉ. भागवत के साथ ही रहते थे। वर्तमान पू. सरसंघचालक डॉ. मोहनजी ने रामभाऊ को बचपन से ही देखा है। उनसे जुड़ी यादों का भण्डार मोहनजी के पास भरा पड़ा हैं।

मोबाइल से दूरी क्यों है जरूरी!

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अधिकतर शहरों में हर माता-पिता की यह शिकायत रहती है कि उनके बच्चें ज्यादा समय मोबाइल से ही चिपके पड़े रहते हैं। वे हमसे बात तक नहीं करते, अपनी अलग ही दुनिया में खोए रहते हैं। यदि आपकी भी कुछ ऐसी ही समस्या है तो यह लेख आपके लिए ही है -

डिजिटल साक्षरता और जागरूकता

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देश-दुनिया में हो रहे सकारात्मक परिवर्तन व सुधार में सोशल मीडिया की प्रभावी भूमिका रही है, हालांकि इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी है। बावजूद इसके आम आदमी की आवाज बुलंद करने, रोजगार, प्रचार प्रसार और जन जागरण की दृष्टि से सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम बन कर उभरा है।

राष्ट्रीय चेतना का करेंगे जागरण

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संघ जनता के जागरण के ऐसे केंद्र (शाखा) चलाता है. ऐसे जाग्रत स्वयंसेवक समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में एक रचना (पंजर) खड़ी करेंगे. बाक़ी सारा कार्य समाज करेगा, उसे शक्ति और दिशा देने का कार्य ऐसे केंद्र करेंगे. आरसीसी के पिलर के बीच का भार वहन क्षमता बढ़ाने वाला 'पंजर तो निर्जीव लोहे का होता है, परंतु जाग्रत समाज के ऐसे कार्य और आंदोलन में यह न दिखने वाला, परंतु सन्नद्ध 'पंजर जीवंत मनुष्यों का होता है जो जीवन भर अविचल खड़ा, अड़ा और गड़ा रहता है.

स्वावलंबन का सूरज

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उस दिन सुजाता के घर गांव से बहुत से मेहमान आए हुए थे। नाश्ते, भोजन आदि की व्यवस्था के साथ उसे मेहमानों को नाशिक दर्शन के लिए भी ले जाना था। पंचवटी, रामकुंड, काला राम, गोरा राम मंदिर, सीता गुफा आदि के दर्शन के पश्चात वह शाम छह बजे मेहमानों के साथ अपने घर पहुंची, फिर रात का खाना खिलाकर उसने मेहमानों को आठ बजे विदा किया।

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