टूटते नैतिकता के फिजूल पैमाने
आज की भारतीय नारी नैतिकता के पुराने पैमानों के आगे जा चुकी है। परंपरा और संस्कृति के नाम पर उसके मन में गढ़े गए गलत विचारों से आज वह बाहर आ चुकी है। यह आधुनिक नारी की अस्मिता का प्रतीक है। समाज को इसे ठीक से जान लेना चाहिए।