भारत, संविधान और विदेशों में महिला अधिकार
आधुनिक दुनिया की तथाकथित सभ्य सभ्यताओं ने महिलाओं एवं अश्वेतों को हमेशा अधिकारों से वंचित रखा। वहां पर अधिकार पाने ...
आधुनिक दुनिया की तथाकथित सभ्य सभ्यताओं ने महिलाओं एवं अश्वेतों को हमेशा अधिकारों से वंचित रखा। वहां पर अधिकार पाने ...
हम भारत का 74 वाँ गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 में मिली और 26 ...
संविधान की उद्देशिका में इन्हें ‘हम भारत के लोग‘ कहा गया है। संविधान सभा में 22 जनवरी 1947 के ...
निश्चित रूप से दुनिया में हमारी साख के पीछे हमारा मजबूत संविधान और विश्व का सबसे बड़ा एवं सशक्त लोकतंत्र ...
भारतीय संविधान ने सभी को समान अधिकार दिया है। आज विश्व को शांति, मित्रता, मानवता और विश्व बंधुत्व की आवश्यकता ...
म.प्र का मालवा औऱ निमाड़ इन दिनों एक अलग ही आंदोलन से गुंजित है। डीलिस्टिंग।इस मुद्दे को लेकर धार,झाबुआ,अलीराजपुर,रतलाम बड़वानी ...
भारतीय राजनीति में अल्पसंख्यकवाद हमेशा से एक ज्वलंत मुद्दा रहा है। अभी हाल के दिनो में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ...
भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू (म.प्र.) में हुआ था। उनके पिता ...
भारत इस मायने में अनूठा है जहां स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस अलग-अलग मनाए जाते हैं। 15 अगस्त, 1947 को ...
राजतंत्र में भी लोकतंत्र की यह व्यवस्था हज़ारों वर्षों के प्रयोग व विमर्श का परिणाम थी। पश्चिम के प्रभाव में ...
भारत की न्यायपालिका की संवेदना भारत के जनमानस के साथ जुड़ी दिखाई नहीं देती। उसका अपना एक सामंती चरित्र है, ...
प्रथम विश्वयुद्ध क्या यूरोप के किसी संविधान या कानूनी व्यवस्था के अन्तर्गत हुआ था ? युद्ध हुआ, पुराने साम्राज्य खंडित हुए, नये देश बने| ...
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