छठ का नाम सुनते ही क्यों इमोशनल हो जाते हैं बिहारी

Continue Readingछठ का नाम सुनते ही क्यों इमोशनल हो जाते हैं बिहारी

''यार, ये छठ का नाम सुनते ही तुम बिहारी लोग इतने इमोशनल क्यों हो जाते हो? मैनेजर की रिस्पॉन्सिबल पोस्ट पर पहुंच कर भी लेबर क्लास टाइप हफ्ता भर की छुट्टी मांगने चले आते हो. पता नही इस छठ में ऐसा क्या है कि तुम लोग ओवर रिएक्ट करने लगते…

उत्तराखंड की आश्रम परम्परा

Continue Readingउत्तराखंड की आश्रम परम्परा

इस ब्रह्मांड को जानने की जिज्ञासा रहने वाले संन्यस्थ ऐसे निर्जन वनों में कुटी रूपी आश्रम बनाते, जहां प्राणी का प्रवेश न हो। बद्रीनाथ से ऊपर वसुधारा, सरस्वती और अलकापुरी के निर्जन क्षेत्रों में वैदिक ऋचाओं का गान करने वाले ऋषियों के आश्रम थे। इन आश्रमों में ग्रह नक्षत्रों पर उसी प्रकार शोध हुए, जैसे आज इसरो और नासा में किये जाते हैं।

संत परम्परा

Continue Readingसंत परम्परा

यहां की कंदराओं और हिम से ढके पर्वतों में ऐसे तपस्वी साधनारत हैं जिनकी आयु 5 हजार वर्ष से अधिक है। यहां ऐसे महामानव अनंत काल से साधनरत हैं जिनमें पलक झपकते ही संपूर्ण पृथ्वी का क्रम बदल देने की शक्ति निहित है। यह सामान्य मानव की कल्पना से परे है। स्वर्ग कोई कल्पना नहीं ध्रुव सत्य है।

अमेरिकी समाज में हिंदू विचार क्यों हुआ इतना प्रतिष्ठित

Continue Readingअमेरिकी समाज में हिंदू विचार क्यों हुआ इतना प्रतिष्ठित

कई अमेरिकी राज्यों ने अक्टूबर माह को हिंदू विरासत माह घोषित किया है। उनका मानना है कि हिंदू धर्म ने अपनी अद्वितीय विरासत से अमेरिका के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 1960 के दशक में बहुत से अमेरिकियों का हिंदू धर्म से परिचय 'ध्यान' व 'साधना' के माध्ये से…

हमारा कर्तव्य

Continue Readingहमारा कर्तव्य

इस साल पर्यूषण पर्व के अवसर पर भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के द्वारा 6 अगस्त 2020 को वधशालाओं तथा मांस की दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी कर 11 अगस्त 2020 को आदेश को वापस ले लिया जो कानूनी परिधि के प्रतिकूल निर्णय था और यह देश भर में चर्चा का विषय बन गया है।

त्रिगुनरूप भगवान दत्तात्रय

Continue Readingत्रिगुनरूप भगवान दत्तात्रय

गीता के इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो व्यक्ति समर्पण भाव से मेरे पास आता है, मैं उसे भयमुक्त करता हूं और हमेशा उसकी रक्षा करता हूं। भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिये और कालानुरूप अवतार लेते है।

दशहरा: क्षात्रतेज जागृत करने का पर्व

Continue Readingदशहरा: क्षात्रतेज जागृत करने का पर्व

दशहरे के दिन शस्त्र पूजन का एक और उद्देश्य है जनमानस में क्षात्रतेज को जागृत करना। यह क्षात्रतेज ही संकट की घडी में व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय अस्मिता को बचाने का कार्य करता है।

मंदिर निर्माण श्रीराम के आदर्शों की पुनर्स्थापना

Continue Readingमंदिर निर्माण श्रीराम के आदर्शों की पुनर्स्थापना

अयोध्या में केवल भव्य दिव्य श्रीराम मंदिर नहीं बन रहा है अपितु प्रभु श्रीराम के आदर्शों की भी पुनर्स्थापना हो रही है, जो सदियों-सदियों तक मानव जाति के लिए एक संजीवनी का काम करने के साथ ही एक आदर्शवान, चरित्रवान और दैवीय परिवार, समाज एवं राष्ट्र का नवनिर्माण कराती रहेगी।

संकल्प शिलाओं का पूजन

Continue Readingसंकल्प शिलाओं का पूजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन शिलाओं का पूजन किया वे शिलाएं केवल पत्थर या धातु की नहीं हैं वरन वे देश को वैभव संपन्न करने वाली ’संकल्प शिलाएं’ हैं। यह संकल्प भारत और विश्व के सभी राम भक्तों का है। यह राष्ट्रीय संकल्प है। यह सत्य संकल्प है। राजनीति से इसका कोई संबंध नहीं है।

कृष्णं वंदे जगद्गुरूम्

Continue Readingकृष्णं वंदे जगद्गुरूम्

जिन्हें भारतीय जीवन मूल्य एवं विचार दर्शन का पूर्ण रूप से आकलन करना है उनके लिए पूर्णावतार श्रीकृष्ण का चरित्र एवं विचार दीपस्तंभ की तरह हैं। विश्ववंद्य भगवद् गीता का उद्गाता, महाभारत के अधिनायक भगवान श्रीकृष्ण याने धर्माधिष्ठित समाज नीति एवं राजनीति का सुंदर संगम है।

राजनीति में हिंदुत्व का अधिष्ठान भी मंदिर निर्माण

Continue Readingराजनीति में हिंदुत्व का अधिष्ठान भी मंदिर निर्माण

असल में कांग्रेस औऱ दूसरे सेक्यूलर दलों ने जिस दबी जुबान में मंदिर निर्माण का स्वागत किया है उसे संसदीय सियासत के करवट लेते हुए घटनाक्रम के रूप में भी देखे जाने की जरूरत है। ...कल तक जो राजनीति हिंदुओं के सांस्कृतिक मानमर्दन पर फलती फूलती रही है उसका चेहरा औऱ कोण दोनों बदलने वाले हैं।

लाखों हिंदुओं का बलिदान और 76 युद्ध –

Continue Readingलाखों हिंदुओं का बलिदान और 76 युद्ध –

1528 में बाबर द्वारा अयोध्या में श्री राम मंदिर तोड़कर निर्माण की गई मस्जिद के विरोध में हिंदुओं का आंदोलन आरंभ हो गया था। इन पांच सौ वर्षों में अबतक हिंदुओं ने मंदिर की मुक्ति के लिए कोई 76 युद्ध लड़े और कई आंदोलन भी हुए। इनमें लाखों हिंदुओं का बलिदान हुआ। इन बलिदानों व आंदोलनों के कारण ही आज भगवान श्री राम भव्य मंदिर बन रहा है।

End of content

No more pages to load