संघ दर्शन की साक्षात प्रतिमूर्ति बालासाहब देवरस
धर्मांतरण केवल पैसों के कारण नहीं होता, अपने समाज में जो कुछ गलत धारणाएं एवं परंपराएं है, उनके कारण भी होता है। अगर धर्मांतरण की समस्या सुलझानी है तो, उसकी ओर देखने का हमारा दृष्टिकोण बदलना होगा। हमारी यह सोच गलत है कि केवल बाहरी शक्तियां ही धर्मांतरण का कारण हैं। बालासाहब का दृष्टिकोण स्पष्ट था। इसी चिंतन से आगे चलकर सामाजिक समरसता विषय प्रारंभ हुआ।