आत्मनिर्भर भारत का वैचारिक अधिष्ठान
हमें पश्चिमी प्रतिमानों या उदाहरणों का गहराई से अध्ययन विश्लेषण करना चाहिए और यदि संभव हो तो उनसे लाभ भी उठाना चाहिए। लेकिन उन्हें अपने भावी विकास का आदर्श प्रतिमान मानने की गलती नहीं करनी चाहिए। आत्मनिर्भरता का वैचारिक अधिष्ठान यही है।