एक कलाकार की पानी पर पहल

Continue Readingएक कलाकार की पानी पर पहल

दुनिया के हर हिस्से में, शहरों से लेकर गांवों की दीवारों और पानी की टंकियों पर ‘जल ही जीवन है’ का नारा लिखा हुआ है। लेकिन क्या वह नारा जन-जीवन पर असर कर रहा है? क्या उसने कभी दशा और दिशा दी है?

बदलाव की बयार चल रही है

Continue Readingबदलाव की बयार चल रही है

जब मैं लोगों से बात करता हूं कि प्रमुख परिवर्तन क्या होना चाहिए तो वे मुख्य रूप से तीन बातें कहते हैं। एक कि इस भ्रष्टाचार को मिटा दीजिए; हम इससे तंग आ गये हैं। दूसरी बात वे कहते हैं कि हमारे देश की अर्थ व्यवस्था में सिर्फ श्रेष्ठ लोगों को मौका मिल रहा है।

उत्तर भारत में चमत्कार की उम्मीद

Continue Readingउत्तर भारत में चमत्कार की उम्मीद

भाजपा के पक्ष में यह बात दिखाई देती है कि इन राज्यों की 120 सीटों के बारे में फिलहाल जो अनुमान लगाए जा रहे हैं वे प्रत्यक्ष चुनाव में चमत्कारिक ढंग से बदलेंगे।

युवराज लीला

Continue Readingयुवराज लीला

दिल्ली में केजरी ‘आपा’ के नेतृत्व में ‘झाड़ू वाले हाथ’ की सरकार बनी, तो ‘मोदी रोको’ अभियान में लगे लोगों की बांछें खिल गयीं। राहुल बाबा की खुशी तो छिपाये नहीं छिप रही थी।

शब्दों के जादूगर-साहिर लुधियानवी

Continue Readingशब्दों के जादूगर-साहिर लुधियानवी

इस तरह के गद्य रूप के गीतों को सुनकर याद आती है पुराने मधुर संगीत की और उन्हें लिखने वाले गीतकारों की। हमारी जैसी पूरी एक पीढ़ी का सांस्कृतिक पोषण इन शायरों की शायरी ने ही किया है। भले ही फिल्मों के लिए लिखा गया हो, परंतु उसमें काव्य भरपूर हुआ करता था।

जल, राष्ट्रीय सम्पत्ति- डॉ. बाबा साहब आंबेडकर

Continue Readingजल, राष्ट्रीय सम्पत्ति- डॉ. बाबा साहब आंबेडकर

डॉ. बाला साहब आंबेडकर को आज भी ‘दलितों के महानेता’ या ‘दलितोद्धारक बाबा साहब आंबेडकर’ कहा जाता है। इसका अर्थ यह हुआ कि डॉ. बाबा साहब आंबेडकर ने केवल दलित समाज के हितों का या उत्कर्ष का ही विचार किया है।

प्रकृति के शोषण से उत्पन्न असंतुलन

Continue Readingप्रकृति के शोषण से उत्पन्न असंतुलन

सभ्यता के नये-नये सोपान चढ़ती मानव जाति के इतिहास में पर्यावरण और विकास शब्दों ने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को नया आयाम दिया है।

मध्य भारत भाजपा के साथ

Continue Readingमध्य भारत भाजपा के साथ

2014 के लोकसभा चुनावों को लेकर देश के राजनीतिक परिस्थिति का जब हम आंकलन करते हैं,तब देश के बीच का हिस्सा महत्वपूर्ण बनकर सामने आता है. विशेषकर जब हम ‘मोदी लहर’ की बात करते हैं, तब तो इस हिस्से का आंकलन और भी महत्वपूर्ण हो जाता हैं।

झूठ के नगाड़े

Continue Readingझूठ के नगाड़े

पिछले दस सालों में कांग्रेस के कुशासन की मार झेल रही भारत की जनता को आगामी लोकसभा चुनावों में फिर से अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए कांग्रेस अलग-अलग पैंतरे अपना रही है। चाहे वह राहुल गांधी का रटा रटाया जोशपूर्ण भाषण हो या फिर बैनर, पोस्टर, प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से दिखाए जाने वाले विज्ञापन।

हर दिल में नमो नमः नमो का बोलबाला

Continue Readingहर दिल में नमो नमः नमो का बोलबाला

वादे लोग बहुत देख चुके हैं, अब इरादें देखना चाहते हैं। जनभावना यही है। इससे मोदी ‘गेम चेंजर’ दिखाई देते हैं। बदलाव आसन्न दिखाई देने पर भी भाजपा को किसी मुगालते में नहीं रहना चाहिए, क्योंकि आखिर चुनाव एक युद्ध है और युद्ध, युद्ध की तरह ही लड़ना होता है। नमो नमः

छात्रों में संस्कृति संवर्धन का अनोखा प्रयास

Continue Readingछात्रों में संस्कृति संवर्धन का अनोखा प्रयास

जीवन विद्या मिशन के शिल्पकार स्वर्गीय वामनराव पै कहते थे, ‘संस्कृति समाज की आत्मा है, केवल स्वार्थ का विचार विकृति को जन्म देता है, तो संस्कारों के सिंचन से संस्कृति समृद्ध बनती है।’

जब इतिहास बोलता है….

Continue Readingजब इतिहास बोलता है….

इतिहास अन्वेषण यह ऐरे-गैरे का काम नहीं है। सारी जिंदगी समर्पित करने के बाद इतिहास के किसी रहस्य से परदा उठ सकता है। अमुमन यह दिखाई देता है कि इस क्षेत्र में नई पीढ़ी आती नहीं है, फिर भी मिरज का तीस-पैंतीस वर्षीय युवक इस विषय में स्वयं को झोंक देता है, यह राहत की बात है।

End of content

No more pages to load