महिला उद्यमिता का विकास
नारी की महान शक्ति स्रोत को पहचान कर ही भारत ने उसे सदा नमन किया है। वर्तमान सरकार ने भारतीय स्त्री को आर्थिक, शैक्षिक तथा भावनात्मक रूप से स्थिर और उन्नत बनाने के लिए सदैव ही प्रयास किए हैं और कई सहायता योजनाएं जारी की हैं।
नारी की महान शक्ति स्रोत को पहचान कर ही भारत ने उसे सदा नमन किया है। वर्तमान सरकार ने भारतीय स्त्री को आर्थिक, शैक्षिक तथा भावनात्मक रूप से स्थिर और उन्नत बनाने के लिए सदैव ही प्रयास किए हैं और कई सहायता योजनाएं जारी की हैं।
अकसर लोग किसी की नज़र लग जाने से अपने आपको दुबला हुआ मान लेते हैं, पर इन मोटों को तो किसी की नज़र भी नहीं छूती। क्योंकि, तन तो मोटा हो गया, जिसने मन को दुबला बना दिया।
रेप’ या ’बलात्कार’... एक ऐसा शब्द, जो बोलने या सुनने में तो बहुत छोटा-सा लगता है, लेकिन इसकी पीड़ा कितनी लंबी और दुखदायी हो सकती है, इसका अंदाजा सिर्फ और सिर्फ वही लगा सकती है, जिसके साथ यह बर्बरता होती है। बाकी लोग बस इसके बारे में तरह-तरह की बातें ही कर सकते हैं।
वैदिक काल से लेकर आज तक महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में अभूतपूर्व काम किया है। सामाजिक प्रश्नों पर आंदोलनों के साथ-राजनीति में भी वे अगुवा रहीं। वे महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के उपाय लागू करने और कानून बनाने में सहायक रही हैं। भारतीय संस्कृति की उदारता के कारण यह संभव हो पाया है।
भारत के अलावा दुनिया में कौन सा देश ऐसा है जो इन्हें शरण देगा? मुसलमानों के लिए तो घोषित रूप से दुनिया में 50 से अधिक देश है, जहाँ उन्हें शरण मिल जाएगी। लेकिन इन हिन्दू, सिख, बौद्ध, और जैनों के लिए तो एकमात्र भारत ही आखिरी उम्मीद है।
केजरीवाल को जिताने में कांग्रेस, शहरी नक्सली और वामपंथी सफल रहे हैं। मीडिया और मुसलमान भी आप के पक्ष में चले गए। ऐसे कई कारण गिनाए जा सकते हैं। भाजपा को अब उसकी रणनीति पर मंथन करना होगा।
निर्भया मामले में फांसी की सजा टालमटोल करने में दोषी इसलिए सफल हो रहे हैं क्योंकि हमारी न्याय प्रक्रिया में दोष है और भविष्य के लिए उसे दुरुस्त करना आवश्यक है।
हाल के दिल्ली विधान सभा चुनावों में भाजपा को करारी हार झेलनी पड़ी। भाजपा के विकास से भटक कर राष्ट्रीय मुद्दों की ओर बढ़ जाने का शायद यह परिणाम हो सकता है। अब तक पांच राज्य भाजपा गंवा चुकी है और अन्य पांच राज्यों में शीघ्र चुनाव होने हैं। यह भाजपा नेतृत्व के लिए आत्मपरीक्षण की घड़ी है।
महिलाओं के शनि मंदिर या शबरीमाला के प्रवेश का विचार करते समय मस्जिद और मजार पर महिला प्रवेश, अन्य पंथियों से विवाह करने वाली पारसी महिला का अग्यारी में प्रवेश, धर्मगुरू के स्थान पर ईसाई महिला को पाबंदी जैसे विषयों पर भी चर्चा होना अनिवार्य लगता है। केवल हिंदू समाज को कटघरे में खड़ा करना उचित नहीं है।
शाहीन बाग का धरना झूठ और फरेब पर आधारित मोदी-शाह के खिलाफ कुत्सित साजिश का हिस्सा है। जरा आंदोलन स्थल पर जाइए और निरपेक्ष भाव से आंकलन कीजिए तो इस फरेब और इसके पीछे की अदृश्य शक्तियों का पर्दाफाश हो जाएगा।
महिलाएं अगर अपने ‘स्व’ का स्मरण रखें, उसका निरंतर जागरण करें और उसका क्षरण होने से बचाएं तो महिलाओं की और साथ ही साथ सारे समाज की परिस्थिति में बदलाव निश्चित होगा।
कोरोना वायरस चीन में कहर बरपा रहा है। इसका कोई टीका अभी उपलब्ध नहीं है। बार-बार साबुन से हाथ धोना और घर-परिसर को स्वच्छ व प्रदूषण रहित रखना इससे बचने के उपाय हैं।