खेल ‘खेल’ न रहा 

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कुछ साल पहले तक भारत में प्रोफेशनल खेलों के नाम पर केवल क्रिकेट ही था जहां ‘नेम और फेम’ दोनों मिलता था परंतु ये सिर्फ महानगरों के लोगों तक ही सीमित था। आज जब अन्य खेलों के लीग मैच इतनी बड़ी संख्या में हो रहे हैं तो एक परिवर्तन यह भी दिखाई देता है कि देश के छोटे-छोटे खिलाड़ियों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिल रहा है।

Dark web इइंटरनेट की अंधियारी गलियां

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जिन गलियों की जानकारी न हो उनमें घूमना वैसे ही भयावह होता है और अगर वो गलियां अंधियारी हो तो भय का बढ़ना निश्चित है। डार्क वेब इंटरनेट की ऐसी ही अंधियारी गलियारों में लगा बाजार है, जहां डाटा से लेकर हथियारों और कई गैरकानूनी वस्तुओं की खरीद-बिक्री होती है।

वरदान न बने अभिशाप

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तकनीक या विज्ञान जितनी प्रगति कर रहा है उतना ही यह प्रश्न सुरसा की तरह मुंह फैला रहा है कि इसे वरदान कहें या अभिशाप? हालांकि मशीनी युग में भी मानवीय संवेदनाएं ही इसका सही उत्तर देंगी कि मानव के लिए क्या सही है और क्या गलत।

भारत की मनमोहक लोक चित्रकलाएं

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घर के आंगन में रोज बनाई जाने वाली रंगोली से लेकर दीवारों पर आयोजन विशेष के आधार पर बनाए जाने वाले चित्रों तक, सब कुछ भारतीय लोककला का जीवंत प्रमाण है। आज भारत की ये लोककलाएं पूरे विश्व में अपनी विशेष पहचान के लिए जानी जाती हैं। मधुबनी हो, वार्ली हो या ईसर-गवरी के चित्र हों, सभी देखने वालों का मन मोह लेती हैं।

वैचारिक आंदोलनों का सुपरिणाम

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आज हम जिस दुनिया को देख रहे हैं, वह कई सुधारवादी परिवर्तनों के बाद ऐसी दिखाई दे रही है। वैश्विक स्तर पर हुए इन परिवर्तनों को लाने के लिए कई बार लंबे चलनेवाले आंदोलनों का सहारा भी लेना पड़ा है। विश्व भर में हुए इन आंदोलनों तथा उनके सुपरिणामों पर प्रकाश डालता आलेख।

2024 का चुनाव अमृत काल की बानगी

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आगामी लोकसभा चुनावों के परिणाम यह तय करेंगे कि भारत की अमृत काल में प्रगति की दिशा क्या होगी। यह तो भविष्य के गर्भ में है कि भारत की जनता अपने भविष्य की बागडोर किसके हाथों में देना चाहती है, परंतु यह अवश्य समझ लेना चाहिए कि अल्पकालीन विषयों या चुनावी झांसों में न फंसते हुए दूरदृष्टि रखकर अपने मताधिकारों का प्रयोग करना होगा।

तबाही का हमासी न्योता

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पिछले संकटों में, इज़राइल भारत के साथ खड़ा रहा है और उसकी मदद करने की कोशिश की है। हमास के आतंकवादी कृत्य की निंदा करने और संकट की घड़ी में इज़राइल के साथ खड़े होने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की त्वरित प्रतिक्रिया संकेत है कि हाल के वर्षों में यह देश भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण हो चुका है।

टीम भारत ने बढ़ाए मजबूत कदम

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भारत क्रिकेट विश्वकप जीते यह हर भारतवासी का सपना है। टीम भारत इस सपने को यथार्थ करने में सक्षम भी है और तैयार भी। भारत के बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने शुरुआती पांच मैंचों में जिस तरह प्रदर्शन किया है, उसे देखकर यह उम्मीद जताई जा सकती है कि भारत वर्ल्डकप जीत सकता है। 

मध्य प्रदेश का चुनावी संग्राम

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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है। भाजपा और कांग्रेस में इस बार कांटे की टक्कर नजर आ रही है। एक-एक सीट और एक-एक वोट के लिए दोनों ही दलों को कड़े संघर्ष एवं अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा। अब देखना होगा कि ऐड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद किसके पक्ष में मतदाताओं का झुकाव होता है।

एक दूसरे के सम्पूरक हिंदू-सिख

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हिंदू और सिख समाज एक दूसरे के लिए इतने पूरक रहे हैं कि दोनों ने एक दूसरे को कभी अलग नहीं माना। परंतु पिछले कुछ समय से इनके बीच दरार डालकर देश की शांति भंग करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि खालिस्तान की अवधारणा को बल मिल सके।

भारत ने बदला जी-20 का कलेवर

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भारतीय अध्यक्षता में दिल्ली में सम्पन्न जी-20 सम्मेलन ऐतिहासिक रहा। तमाम विरोधी राष्ट्र घोषणापत्र के प्रति संतुष्ट दिखे। पहली बार देश के प्रधान मंत्री के सामने पट्टी पर ‘इंडिया’ की बजाय ‘भारत’ दिखना भी बड़ी उपलब्धि रही।

इंडिया तो नाम है बाकी तो भारत ही है

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प्राचीन काल से ही दुष्यंत पुत्र भरत के नाम पर यह भूमि भारत है। परंतु उच्चारण की अशुद्धता के कारण पश्चिम में इंडिया  कहा जाता रहा। पुरानी गलती को सुधारने के प्रति विपक्ष का अड़ियल रवैया उनकी गुलाम मानसिकता का द्योतक है।

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