वनवासियों के राम

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महल से वन तक के सफर में भगवान राम के साथ कई मुसीबतें आइर्ं लेकिन राम ने लंका पर विजय वनवासियों के सहारे पाई। जब एक स्त्री को रावण द्वारा ले जाते हुए देखा तो जटायु ने पुष्पक विमान पर सवार रावण पर हमला बोल दिया। जटायु के बाद वनवासी महिला शबरी ने राम को सुग्रीव के पास भेजा। राम को इस वन की यात्रा में वनवासियों का साथ किस तरह मिला आपको इस आलेख में विस्तृत जानकारी मिलेगी।

दिव्य आदर्श का भव्य मंदिर

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अयोध्या पुन: अपने अलौकिक स्वरूप को प्राप्त करने जा रही है, भगवान श्रीराम पुन: अपने मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं, भारत का आदर्श पुन: प्रस्थापित होने जा रहा है, अब भारतवासियों का यह कर्तव्य है कि इस आदर्श का हमेशा चिंतन करें और उसे अपने जीवन का अंग बनाकर उसके अनुरूप चलने का पूर्ण प्रयत्न करें।

रामलला के पटवारी चम्पतराय

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बाबरी ध्वंस से पूर्व से ही चंपत राय  ने राम मंदिर पर "डॉक्यूमेंटल एविडेंस" जुटाने प्रारम्भ किये। लाखों पेज के डॉक्यूमेंट पढ़े और सहेजे, एक एक ग्रंथ पढ़ा और संभाला, उनका घर इन कागजातों से भर गया, साथ ही हर जानकारी उंन्हे कंठस्थ भी हो गई। के. परासरण जी और अन्य साथी वकील जब जन्मभूमि की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतरे तो उन्हें अकाट्य सबूत देने वाले यही व्यक्ति थे।

अक्षत वितरण महा अभियान 1 जनवरी से 15 जनवरी 2024

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सब की इच्छा है 22 को अयोध्या जाए परन्तु सम्भव नही है। अयोध्या छोटी है, भौगोलिक क्षेत्र कम है इसलिए कहा गया  'मेरा गांव मेरी अयोध्या', 'मेरे गाव का मंदिर यही जन्म भूमि का मंदिर' यह भाव जगाना इस उद्देश्य से जन्म भूमि पर पूजित अक्षत घर-घर देना। अपने यहां अक्षत का अति महत्व है विवाह प्रसंग हो अथवा कोई मांगलिक प्रसंग हो अक्षत देकर ही आमंत्रण देने की परम्परा है।

भाजपा में सामान्य कार्यकर्ताओं को नेतृत्व की कमान

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म.प्र. , छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नेतृत्व को लेकर हुए निर्णयों के बाद भाजपा की उस कथनी पर एक बार फिर मुहर लग गई है जिसे भाजपा 'पार्टी विथ डिफरेंस ' कहती है । इस आधार पर भाजपा वर्तमान राजनीति में आदर्श प्रस्तुत करती है कि - उसके लिए विचार निष्ठा और कार्यकर्ता सर्वोपरि होता है । इसी कारण से भाजपा में सामान्य कार्यकर्ता भी सर्वोच्च दायित्वों/ पदों पर पहुंच सकता है। विष्णुदेव साय, डॉ.मोहन यादव और भजन लाल शर्मा - ये तीनों वे लोग थे जो संगठन में वर्षों से वैचारिक प्रतिबद्धता के साथ काम करते आ रहे थे । इन्हें जब जो दायित्व भाजपा और संगठन ने दिए । ये उसमें खरे उतरे। इसी का सुफल है कि इन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चुनकर तीनों प्रदेशों की कमान दी गई । भाजपा ने इसके यह भी संदेश देने का काम किया है कि - नई नेतृत्व परम्परा, संगठन सर्वोपरि, समन्वय , पूर्ण वैचारिक निष्ठा के साथ नए नेतृत्व के साथ भाजपा सरकारें काम करेंगी।

बहुत उतार चढ़ाव से भरा है नये साल का इतिहास

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इस कैलेण्डर को वैश्विक बनाने का श्रेय अंग्रेजों को है । वे जिस भी देश में व्यापार करने गये वे वहाँ के शासक बने और शासन संभालकर उन्होने अपनी परंपराएँ लागू कीं । जिसमें यह ग्रेगेरियन ईस्वी सन् कैलेण्डर पद्धति भी शामिल थी । अंग्रेज अपनी जड़ों और परंपराओं से इतने गहरे जुड़े रहे कि उन्होंने पूरी दुनियाँ को अपने परिवेश में कुछ इस प्रकार ढाला कि उनका शासन समाप्त हो जाने के बाद भी उनके द्वारा शासित अधिकांश देश अंग्रेजों के ग्रेगोरियन कैलेंडर से ही अपनी सरकार और समाज चला रहे हैं । हाँ कुछ देश अपने भीतर निजी काल गणना पद्धति का ही उपयोग करते हैं। पर संसार का मानसिक वातावरण कुछ ऐसा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वे भी अंग्रेजी महीनों और तिथियों का ही सहारा लेते हैं । 

‘हिडेन एजेंडा’ मिशनरियों का धर्मान्तरण कार्यक्रम

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ईसाई धर्म का गुप्त व्यवहार है जिसे क्रिप्टो क्रिस्चन कहते है. इसमें ईसाई जिस देश में रहते हैं वहाँ दिखावे के तौर पर तो उस देश के ईश्वर की पूजा करते हैं, वहाँ का धर्म मानते हैं पर वास्तव में अंदर से वे ईसाई होते हैं निरंतर ईसाई धर्म का प्रचार करते रहते हैं.जब ये १% से कम होते है तब वह उस देश के ईश्वर, संस्कृति को अपन कर अपना काम करते हैं और जैसे ही जनसंख्या अधिक होती है वो प्रकट रूप से ईसाई धर्म को मानने लगते हैं. रोम, जापान, बालकन और एशिया माइनर, मध्यपूर्व, सोवियत रूस, चीन, जर्मनी समेत भारत में भी क्रिप्टो क्रिश्चन की बहुतायत है.

भारत के ऋण: सकलघरेलू उत्पाद अनुपात की स्थिति सुदृढ़

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भारत आज दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में सबसे तेज गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। वैश्विक स्तर के विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रतिवर्ष 7 प्रतिशत के आसपास विकास करने की भरपूर सम्भावनाएं व्यक्त की जा रही है, यह विकास दर विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में होने वाली वृद्धि दर की तुलना में लगभग दुगुनी है। भारत का लगभग आधा कार्यबल कृषि क्षेत्र में कार्यरत है जिसकी औसत आय तुलनात्मक रूप से कम है और इस कार्यबल की आय में वृद्धि किया जाना आज मुख्य लक्ष्य है। परंतु, सेवा क्षेत्र एवं उद्योग क्षेत्र में कार्यरत कार्यबल की आय में तुलनतमक रूप से वृद्धि दर काफी अच्छी है जिसके चलते इस वर्ग की आय कर एवं अन्य करों में भागीदारी लगातार बढ़ रही है जिसके कारण केंद्र सरकार की आय में अतुलनीय वृद्धि हो रही है एवं आज केंद्र सरकार के बजट में वित्तीय संतुलन स्थापित होता दिखाई दे रहा है तथा बजटीय घाटा की राशि में भी लगातार कमी आ रही है। बजटीय घाटा के कमी के चलते केंद्र एवं राज्य सरकारों की ऋण की आवश्यकता भी कम हो रही है। 

सूर्या फाऊंडेशन द्वारा प्राकृतिक जैविक किसान सम्मेलन

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खेती में बढ़ती रासायनिक खाद के उपयोग से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याएं आज की प्रमुख समस्याओं में से एक है। अधिक उत्पादन की दौड़ में अंधाधुंध रसायनिक खादों के प्रयोग से आज मिट्टी दूषित हो गई है। और उन विकृतियों का परिणाम आज हमें खाद्य पदार्थों में दिखता है। खराब होती मृदा पर्यावरण के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर रही है। इसके निवारण हेतु आवश्यकता है प्राकृतिक एवं जैविक कृषि की। इस सम्मेलन में आए सभी संबंधित अधिकारियों ने किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीकों को सिखाया।

जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेना जरुरी

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भारत ने पिछले कुछ सालों में पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी है. इसने पेरिस में COP21 में 2030 तक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को 2005 के स्तर से 33-35 फीसद कम पर लाने का वादा किया. इसने नॉन-फॉसिल फ्यूल पावर सोर्स की क्षमता बढ़ाने और एक कार्बन सिंक बनाने का भी वादा किया. “पंचामृत” स्ट्रेटजी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में COP26 में पेश किया था, का मकसद 2030 तक 500 गीगावॉट नॉन-फॉसिल एनर्जी क्षमता, 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी, 2030 तक 50 प्रतिशत रिन्यूबल एनर्जी क्षमता, 2030 तक कार्बन इनटेंसिटी में 45 फीसद की कमी, और 2070 तक नेट-जीरो. अभी भी भारत अपने इन्ही लक्ष्यों पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहा है .

भारतीय शेयर बाजार पहुंचा विश्व में पांचवे स्थान पर

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नैशनल स्टॉक एक्स्चेंज पर लिस्टेड समस्त कम्पनियों (निफ्टी) का कुल बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर अथवा 335 लाख करोड़ रुपए के स्तर को पार कर गया है।पिछले 10 वर्षों के दौरान इन कम्पनियों का पूंजीकरण 17.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की संयोजित (कंपाऊडेड) दर से बढ़ा है। भारतीय शेयर बाजार के विकास की यह रफ्तार अभी भी जारी है और कलेंडर वर्ष 2023 के अभी तक के कार्यकाल के दौरान निफ्टी पर रजिस्टर्ड कम्पनियों के पूंजीकरण, 55 लाख करोड़ रुपए (11 प्रतिशत) से बढ़ चुका है। पिछले केवल 3 माह के दौरान भारतीय कम्पनियों का निफ्टी पर पूंजीकरण 8.82 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जो कि विश्व के 10 सबसे बड़े शेयर बाजार में सबसे अधिक तेज गति से बढ़ा है। आज भारत विश्व के शेयर बाजार के पूंजीकरण में 3.61 प्रतिशत का योगदान कर रहा है जो जनवरी 2023 में 3.37 प्रतिशत था। 

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35- ए अब पूरी तरह समाप्त

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उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर लिखा कि अनुच्छेद -370 को निरस्त करने का निर्णय ऐतिहासिक है। यह जम्मू कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाईयों  के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है।

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