लेखक शिवानंद पांडुरंग खेडकर प्रसिद्ध चित्रकार हैं। बचपन से ही चित्रकला उनका प्रिय विषय था। उन्होंने चित्रकला में 5 वर्षीय...
‘क्या हुआ? बच्ची रो रही थी। वुडवर्ड दे दो; वही तो मैं तुम्हें देती थी, जब तुम छोटी थी।’ पढ़कर...
यह बात सन 1969-70 की है। तब मेरी उम्र 12-13 वर्ष रही होगी। मेरी दादी मां का निधन हुआ था।...
मां के दूध को अमृत की संज्ञा दी गई है। अमृत! जिसे पीकर इंसान अजरामर हो जाता है। मां के...
उनके माथे की बड़ी सी गोल लाल बिंदी, चमचमाती मुस्कराहट, नौ गज की साड़ी और स्नेहभरी आवाज को सुनने के...
जननी और जन्मभूमि को स्वर्ग से श्रेष्ठता की कड़ी में जिन माताओं ने अपने नौजवान पुत्रों को स्वतंत्रता की बलिवेदी...
एक बात अक्सर बताई जाती है। ईश्वर ने यह सुंदर विश्व निर्माण किया है। पेड़-पौधें, पशु-पक्षी, पहाड़-खाइयां, नदी-घाटियां, समुंदर आदि...
मेरी मां के बारे में जब मैं सोचती हूं तब एक सत्य घटना याद आती है। कई साल बीत जाने...
मंदिर में भगवान की आराधना करने के पूर्व, उस मूर्ति की पूजा करने के पूर्व हमारे आसपास होने वाली और...
दुनिया को मां शब्द गाय (गोवंश) ने दिया है, क्योंकि बछड़ा जन्म लेते ही ‘मां’ पुकारता है और भारत के...
हमारी भारतीय संस्कृति में ‘स्त्री’ किसी भी रूप में हो सदा पूजनीय मानी गई है। बालिका, कन्या, पत्नी और माता,...
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