छोटे उद्योगों पर मंडराता संकट

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इस समय छोटे और मंझोले उद्योग, जिन्हें एमएसएमई कहते हैं, अपने सबसे बुरे दिनों में चल रहे हैं। अगर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो इस क्षेत्र की कई कम्पनियां बंद होंगी। उनमें एनपीए बढ़ेगा। किसानों की तरह इनके  भी आत्महत्या करने के दिन आ जाएंगे।

विश्वास के पंख

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नैना सुबह पांच बजे उठ गई। उसने जल्दी- जल्दी कुछ घर के काम किए और फिर भगवान और बड़ों को प्रणाम कर फैक्टरी जाने के लिए तैयार हो गई। उसके मन में खुशी, उत्साह, डर, उमंग का मिलाजुला भाव था। वह चाहती थी कि उससे कहीं भी कोई त्रुटि न हो। इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी जो मिली थी उसे। नैना की जिंदगी का नया अध्याय आरंभ हो चुका था।

कोयला क्षेत्र लिख रहा है भारत की विकास गाथा

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पिछले चार वर्षों में कोयले के क्षेत्र ने अभूतपूर्व रफ्तार पकड़ी है।  पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी और बेहतर परिवहन से, मोदी सरकार एक ऐसा कोयला क्षेत्र विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है जो हमारे लोगों के लिए एक कुशल, किफायती और सुरक्षित ऊर्जा भविष्य को सुनिश्चित करता है।

खेती पर बल, केंद्र में किसान

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कृषि व संबद्ध क्षेत्रों को लेकर मोदी सरकार की पूरी कोशिश यही है कि किसान परेशान नहीं रहे। इसीको ध्यान में रखते हुए आम बजट 2018-19 के केंद्रबिंदु में किसानों को रखा गया। इरादा है सन 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना।

विकास के पथ पर गुजरात

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गुजरात को विकास का मॉडल बनाने का श्रेय पूरी तरह नरेंद्र मोदी को ही जाता है। उन्होंने जिस दूरदर्शिता, लगन व मेहनत से डेढ़ दशक से भी अधिक समय गुजरात की जनता की सेवा की, उससे गुजरात आज विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए ‘स्वर्णिम गुजरात’ की ओर अग्रसर हो रहा है। प्रस्तुत है, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी जी से हुई प्रदीर्घ बातचीत के महत्वपूर्ण अंशः

मेक इन उत्तर प्रदेश नई दिशा, नया उत्साह

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  वर्ष २०१७ में ‘मेक इन उत्तर प्रदेश’ नई दिशा और नए उत्साह के साथ आगे सकारत्मक रूप से विकसित होता दीखता है- जो न सिर्फ प्रदेश को विकास वर्षा देगा बल्कि देश को विश्व पटल पर आर्थिक परचम फैराने में कारगर होगा। भारत अपार सम्पदा एवं संसाधन

करें स्वरोजगार का दर्शन

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आज देश की करीब ६५ फीसदी कार्यशील युवा आबादी है और यही जनसांख्यिकी लाभांश भारत की मौजूदा समय में सब से बड़ी पूंजी है। इसी कार्यबल का यदि सदुपयोग हो जाए, तो कोई वजह नहीं बचती कि भारत विश्व शक्ति न बन पाए। इसके लिए पहली शर्त तो यही मानी जाएगी कि देश का हर ह

भारतीय उद्योग बुलंदियों को छूने तैयार!

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आज हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो चीन के विदेशी मुद्रा भण्डार का लगभग एक दहाई है। इसीलिए ‘मेक इन इंडिया’ का महत्व सामने आता है। इस अभियान से अगले दो-तीन वर्षों में हमारा अंतरराष्ट्रीय व्यापार घाटा तो कम होगा ही, साथ ही साथ विदेशी मुद्रा भण्डार भी बढ़ेगा। ...उद्योग जगत की जबरदस्त संभावनाओं के बीच हम आगे बढ़ रहे हैं।

पारिवारिक व्यवसाय की दिशा

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पारिवारिक स्वामित्व वाले प्रतिष्ठानों को बदलते परिदृश्य और नई पीढ़ी की अपेक्षाओं के अनुरूप बदलना होगा। परम्परागत प्रबंध की अपेक्षा उन्हें व्यावसायिक प्रबंध की ओर जाना होगा। ऐसे कुछ बदलाव हो भी रहे हैं। उम्मीद है कि भारतीय कार्पोरेट जगत में अगले दशकों में वे अवश्य अगुवा होंगे।

बी स्कूल : समय की आवश्यकता

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स्वतंत्रता के बाद जब देश में उच्च शिक्षा की नींव पड रही थी तब विज्ञान, तमनीकी चिकित्सा के बाद कामर्स विषय को भी उच्च शिक्षा की एक महत्वपूर्ण शाखा के रुप में पहचान प्रदान की गयी। कामर्स शिक्षा के लिये प्रावधान करने के पीछे उद्देश्य यह था कि उद्योंग धंधो व व्यापार की समझ तथा शोध देश के तीव्र विकास को बल देगा। स्वतंत्रता के बाद के दो दशकों में हुए वैज्ञानिक व तकनीकी विकास की तीव्र गति की जटीलता को पेशेवा टच देने की आनिवार्यता सर्वप्रथम देश के लब्ध प्रतिष्ठा वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई ने समझा।

पूर्वांचल के कुटीर उद्योग

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पूर्वांचल उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। इस भौगोलिक क्षेत्र के विधान सभा में कुल ११७ विधायक हैं। पूर्वांचल में कुल २८ जिले, २३ लोकसभा एवं ११७ विधान सभा सीटें  सम्मिलित हैं। यह भारतीय-गंगा मैदान पर स्थित है। पूर्वांचल के आसपास के जिलों की तुलना में मिट्टी की समृद्ध गुणवत्ता और उच्च केंचुआ घनत्व के कारण कृषि के लिए अनुकूल है।

श्री अंबिका योग कुटीर

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संपूर्ण  विश्व के द्वारा गौरावान्वित हमारी भारतीय योगविद्या हम भारतवासियों के लिए अज्ञात नहीं है। भारतीय ऋषि-मुनियों ने उसे आत्मसात करके मानवकल्याण के लिए उसका उपयोग किया है। विशेषतः गृहस्थाश्रमियों के लिए ही इसका मार्गदर्शन किया गया है।

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