दोहरी जंग
रमेश आज बहुत खुश था। वह अपने कमरे में अखबारों का ढेर लगाए एक-एक कर सबको पलटने में मशगूल था। ...
गीता के जीवन का संगीत मधुर-मधुर धीमी गति से चल रहा था। पिता कारपेन्टर का काम करते थे, थोड़ी बहुत ...
जब से हरिचरण स्थानान्तरित होकर आये हैं, तब से कार्यालय में वातावरण ही बदला-बदला सा नजर आने लगा है। इस ...
‘क्या मैं अंदर आऊं मैडम?’ एक मीठासभरा स्वर कान में गूंजा। लेकिन उस समय अरुंधति को किसी से बात करने ...
‘मम्मी!’ कांच के गिलासों में बर्फ डालती शोभा ने आंखें उठायीं तो बबलू फिर खड़ा था, ‘मम्मी, अजू भी जा ...
फिन्टू रिरिया रहा था। उसकी आवाज में दर्द था। उसे लगा उसका बापू भी उसकी फरियाद को अनसुना कर रहा ...
ऑफिस जाते-जाते प्रकाश को कुछ याद आ गया। अपनी पत्नी से बोला, ‘हां सुनो। शाम को पंकज अपनी शादी का ...
भवानी की मृत्यु बड़ी ही असाधारण परिस्थितियों में हुई थी। चांदनी रात थी और छोटी सी नदी का किनारा था। ...
मैं हॉस्टल के अपने कमरे में पहुंची तो चमेली बाई मेरे पीछेपीछे आयी। ‘बापरेबाप। क्या बारिश। कसम से, हमारे मुलुक ...
इसे शिवचरण का लड़कपन कहा जाये या उसकी देशभक्ति, जब वह मात्र पन्द्रह वर्ष की वय में तिरंगा लेकर बयालिस ...
सूर्य अस्ताचल की ओर प्रस्थान कर चुका था। गोबरा बैल ढील कर पगडंडी पर आ चुका था। अकस्मात वेगवती हवा ...
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