खत लिखने की खत्म होती परम्परा

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चिट्ठियों से होते हुए हम ईमेल तक पहुंच गए हैं लेकिन उसे भुला नहीं पाए हैं। पिछली कितनी ही पीढ़ियों के जीवन में सांस और रक्त की तरह रही थीं चिट्ठियां। लेकिन वर्तमान पीढ़ी उसे भूल चुकी है। उन्हें धैर्य शब्द का मतलब ही नहीं मालूम, जबकि चिट्ठियां धैर्य की परीक्षा लेती हैं।

लम्पी त्वचा रोग का प्रकोप

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देश के कई राज्य लम्पी वायरस की चपेट में हैं। हजारों गायें काल कवलित हो चुकी हैं। जानवरों को टीका लगाने का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है लेकिन अभी भी लम्पी वायरस से होने वाला त्वचा रोग अपने उफान पर है। किसानों की आर्थिक स्थिति पर इसका काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

जीती-जागती आभासी दुनिया मेटावर्स

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बहुत जल्दी ही हम सब एक नई वर्चुअल दुनिया में प्रवेश करने वाले हैं। मेटावर्स की दुनिया में आप हर तरह का व्यापार और मनोरंजन कर सकते हैं और वहां के व्यापार सेे पाया पैसा वास्तविक बैंकों में जमा भी करवा सकते हैं। वह दुनिया एक क्रांति लाएगी और साथ ही हम सब को कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। हमारी प्राइवेसी काफी हद तक समाप्त हो जाएगी, लत लगने के अलावा सेहत से जुड़ी बहुत सारी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

जिनके घर शीशे के हों…

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अमेरिका अपने आपको दुनिया का चौधरी और लोकतंत्र का रक्षक समझता है। हर राष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था पर उंगली उठाना उसकी नीति का हिस्सा रहा है लेकिन सलमान रूश्दी पर हुआ जानलेवा हमला वहां की सुरक्षा नीति पर सवाल उठाता है। अमेरिकी नीति नियंताओं को आगे से दूसरे पर उंगली उठाने से पहले अपने पहलू में झांकना चाहिए। 

कांग्रेस बचाव का स्वर्ग कहां?

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भारत जोड़ने के लिए 5 महीनों की यात्रा पर निकले राहुल गांधी का मुख्य लक्ष्य केवल कांग्रेस में अपने हाथों को मजबूत करना रह गया है। उनके आसपास केवल मोदी विरोध की जमीन पर आजीविका चलाने वाले समूह ने घेरा डाल रखा है। मजबूत कांगेे्रस ही भाजपा का मुकाबला कर सकती है लेकिन ऐसा होता कहीं परिलक्षित नहीं हो रहा है।

97 साल की यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव

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किसी वैचारिक संगठन का सौ सालों तक टिका रहना और लगातार विस्तार पाना साबित करता है कि उस संगठन ने जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर कार्य किया है तथा आम जन के बीच उसने नैसर्गिक नेतृत्व की क्षमता विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपनी सौंवी वर्षगांठ की ओर बढ़ रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसका सर्वोत्तम उदाहरण है।

मिटना ही चाहिए यह कलंक

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2 अक्टूबर 1985 को भले ही दहेज विरोधी कानून लागू किया गया लेकिन आज भी दहेज धड़ल्ले से जारी है, बल्कि अब ज्यादा खतरनाक रूप ले चुका है। कितने ही घरों की जीवन भर की जमापूंजी अपनी बेटी को बेहतर घर देने में समाप्त हो जाती है। साथ ही, 498 क के दुरुपयोग के मामलों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाया जाना भी आवश्यक है।

सरकता जाए है नक़ाब आहिस्ता-आहिस्ता

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लगातार पड़ रहे छापों से भ्रष्टाचारियों में खलबली मची हुई है। ईमानदारी का ढोल पीटने वाली आम आदमी पार्टी के मंत्रियों के भी सैकड़ों करोड़ के घोटाले पकड़ में आ रहे हैं। इनसे लोगों की नजर में केद्र सरकार की विश्वसनीयता बढ़ी है क्योंकि 8 सालों से केंद्र में घोटालाविहीन सरकार चल रही है।

मच्छरों का अधिवेशन

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तभी एक बूढ़ा मच्छर जो काफी समय से अपने को उपेक्षित महसूस कर रहा था घ्ाुन्नाया- अपने अनुभव से कहता हूंं  इंडिया जैसा देश दुनिया में दूसरा नहीं है। पूर्व में भी हम इनसेक्टों में से टिड्डी-दलों ने इंडिया में आक्रमण कर अपना आतंक फैलाया है और खुब फले-फूले हैं।

भारतीय सांस्कृतिक सम्पदा की वापसी

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भारत की अमूल्य सम्पदाएं मूर्तियों एवं कलाकृतियों के रूप में दुनियाभर के देशों खासकर इंग्लैंड के संग्रहालयों में बिखरी पड़ी हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में उनकी घर वापसी में तेजी आई है लेकिन अब समय आ गया है कि कोहिनूर समेत विश्व विख्यात वस्तुओं की वापसी के प्रति भी सकारात्मक रवैया अपनाया जाए।

भारत के क्रांति ऋषि का महाप्रयाण

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महान संत, भाषाविद्, लेखक और वक्ता के तौर पर विश्व भर में जाने जाने वाले आचार्य धर्मेन्द्र का जाना राष्ट्र की अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सनातन संस्कृति के उत्थान में लगाया। उनके पूर्वज महात्मा गोपालदास ने जजिया कर के विरुद्ध औरंगजेब के दरबार में कटार से अपना पेट फाड़ लिया था। आपने रामजन्म भूमि के कार्य को सर्वोपरि माना सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए तमाम आंदोलनों और समाज सुधार के कार्यों में भाग भी लिया।

सोशल मीडिया का स्याह पक्ष

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यह सच है कि सोशल मीडिया ने दुनिया छोटी कर दी है और मित्रता तथा जान पहचान को एक अलग मुकाम दे दिया है लेकिन यह भी सच है कि इसकी वजह से लोग अपने आप से और अपनों से दूर होते जा रहे हैं। यह एकाकी जीवन उन्हें अवसाद की ओर ले जा रहा है तथा उनकी निजता बड़ी-बड़ी कम्पनियों के लिए बिजनेस बनती जा रही है।

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