बदला नहीं बदलाव

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राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय महिलाओं के बढ़ते मजबूत कदम जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उनके तेजी से बढ़ते प्रभाव को दर्शाते हैं। कुछ कर गुजरने का यह जज्बा राष्ट्र और समाज की प्रगति के सार्थक मोड़ों का द्योतक है। यही सच्चा नारीवाद है जो अपने पिछड़ेपन के लिए किसी वर्ग पर आरोप लगाने की बजाय अपनी प्रगति के दम पर उस रेखा को छोटा करने का प्रयास करता है।

बायकॉट बॉलीवुड

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आम जनता द्वारा किए जा रहे ‘बायकॉट बॉलिवुड’ ने फिल्मी धुरंधरों के हाथ- पांव फुला दिए हैं। सभी बड़े एक्टर्स अपने पुराने बयानी पापों को धोने के चक्कर में हैं लेकिन ‘लाल सिंह चड्ढा’ के आमिर की तरह नए पाप करने पर आमादा भी हैं। इसलिए अब लोगों ने मूड बना लिया है कि फिल्म वही हो जिसमें अपनी मिट्टी की सुगंध हो। मनोरंजन की आड़ में राष्ट्र-समाज विरोधी फिल्में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पूरे भारत को ग्रसता जिहाद

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केंद्रीय एजेंसियों की लगातार कोशिशों के बावजूद पीएफआई ने देश के ज्यादातर हिस्सों में अपनी मजबूत शैतानी पकड़ बना ली है। झारखंड में तो इसके बांग्लादेशी सदस्य आदिवासी महिलाओं से विवाह कर स्थायी नागरिक भी बन गए हैं। सरकार को इस दिशा में व्यापक स्तर पर कार्रवाई कर इन्हें नेस्तनाबूत करने की आवश्यकता है ताकि भारत के भविष्य को बेहतर बनाया जा सके।

बाढ़ बन सकती है वरदान

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नदियों को जोड़ने की बात स्वतंत्रता के बाद से ही हो रही है पर देश के ज्यादातर पर्यावरणविद् उससे होने वाली समस्याओं के प्रति भी आगाह करते हैं। इसलिए व्यापक स्तर पर प्राचीन तरीकों से जल संरक्षण किए जाने की आवश्यकता है ताकि बड़े बांधों की वजह से होने वाला नुकसान भी न हो और तालाबों इत्यादि को पुनर्जीवित कर  उनके आसपास हरियाली करके जल संरक्षण किया जा सके।

सीमावर्ती राज्यों में मुस्लिम घुसपैठ

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देश के पाकिस्तान, नेपाल और चीन से सटे जिलों में एक खास मिशन के तहत विदेशी मुसलमानों को बसाकर वहां की जनसांख्यिकी को बिगाड़ा जा रहा है। शासन को इस पर सक्रियता दिखाने की आवश्यकता है ताकि देश के बिगड़ते हालातों को सुधारने की दिशा में सार्थक पहल की जा सके।

नीतीश के पाला बदल को कैसे देखें

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सबसे ज्यादा बार पाला बदलने वाले नीतीश कुमार अपने विरुद्ध बह रही सत्ता विरोधी लहर को भांपने की बजाय तमाम आतंकवादियों के बिहार से पकड़े जाने और पीएफआई को लेकर आंखें मूंदे हैं परंतु पूरे राष्ट्र को पता है कि राजद के पंद्रह वर्षों के कुशासन और गुंडाराज से मुक्ति दिलाने का वादा कर इतने दिनों तक सत्ता का भोग करने वाले नीतीश सुशासन देने में पूर्णतया असमर्थ हैं।

बीमारियों का बढ़ता खतरा

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वर्तमान में मंकीपॉक्स और लम्पी नाम की बीमारियां मानवों एवं दुधारू पशुओं को अपनी चपेट में ले रही हैं। मंकीपॉक्स व्यापक तौर पर जानलेवा बीमारी नहीं है पर कमजोरों और शिुशुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। लम्पी ने कई राज्यों के पशुओं पर कहर बरसाया है, लेकिन अच्छी बात है कि भारत में इसकी वैक्सीन विकसित की जा चुकी है।

पलटवार के लिए अनुकूल समय

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कश्मीर के मुद्दे को पाकिस्तान जबरदस्ती हॉट केक बनाकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पेश करता है जबकि उसके यहां पर बलूचों के अधिकारों का खुले आम उल्लंघन होता रहता है। भारत के पास मौका है कि वह भी उन तमाम मुद्दों को लेकर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खींचे तथा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को स्वतंत्र कराने का प्रयत्न करें।

युद्ध से बढ़ेंगी मुश्किल

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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच चीन और ताइवान में भी गम्भीर स्थितियां पैदा हो गई हैं। चीन और ताइवान सम्पूर्ण विश्व में सेमी कंडक्टर चिप के सबसे बड़े सप्लायर हैं इसलिए यदि इनके बीच युद्ध की स्थिति आती है तो समूचे कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और वाहन उद्योग पर उसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। भारत में शीघ्र ही शुरू होने जा रही 5जी सेवाओं पर भी इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ेंगे।

चीन-ताइवान विवाद उभरता संकट

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चीन का ताइवान पर दबाव बनाना एशिया में एक नए युद्ध की चेतावनी की तरह है। अमेरिका का ताइवान को सपोर्ट ढकोसला मात्र रह जाता है, यदि वह ‘वन चाइना पालिसी’ को भी बरकरार रखे रहता है। वैसे ताइवान ने यूक्रेन की हालत देखी है इसलिए वह कोई रिस्क नहीं लेना चाहता पर यह लड़ाई उसके अस्तित्व की है, उसके राजनेताओं को यह भी भलीभांति पता है।

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