अमृत महोत्सव वर्ष में हिंदी का वैभव

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पिछले कुछ वर्षों में हिंदी ने अन्य बड़ी वैश्विक भाषाओं की तुलना में अधिक तीव्रता से अपना विस्तार किया है परंतु अभी भी मौलिक कार्यों की कमी है जिसे पूरा किया जाना अति आवश्यक हो जाता है। इसके लिए भारत सरकार को बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण और शोध करवाना चाहिए ताकि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं वैश्विक स्तर पर वह ऊंचाई छू सकें जो अंगे्रजी और अन्य यूरोपीय भाषाओं को प्राप्त है।

क्या हो तकनीकी हिंदी का भविष्य

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हम खुशफहमी में जीने वाले लोग हैं इसलिए तकनीकी क्षेत्र में हिंदी के बढ़ाव को लेकर अति प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन हमें पता होना चाहिए कि हिंदी और हिंदी भाषी अंतरराष्ट्रीय बाजार में केवल उपभोक्ता मात्र बनकर रह गए हैं जबकि हमें उत्पादक बनने की आवश्यकता है ताकि हमारी अन्य भारतीय भाषाओं के लिए भी वैश्विक स्तर पर रास्ता खुल सके।

स्वभाषा और हिंदी भारी न हो कोई पलड़ा

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स्व भाषा प्रेम के नाम पर अन्य भाषाओं के प्रति दुराग्रह पालने की प्रवृत्ति के कारण भारतीय भाषाओं और उनके लालित्य का ह्रास हो रहा है। सरकारी और सामाजिक स्तर पर भारतीय भाषाओं के विकास और संवर्धन के सार्थक प्रयास भी नहीं हो रहे हैं जबकि आवश्यक है कि बड़े पैमाने पर विज्ञान, तकनीक जैसे विषयों पर गम्भीर लेखन हो ताकि स्वभाषा का विकास हो सके।

घुमरी परैया

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दादी की आंखों में एक बड़ा-सा स्कूल, उसकी खिड़कियां, दरवाजे, स्कूल की क्यारी, मैदान में प्रार्थना करने के लिए पंक्तिबद्ध खड़े बच्चे, लाल फ्राक पहने धुमरी परैया खेलती ढेर सारी लड़कियां घ्ाूमने लगी थीं। और फिर अचानक उन्हीं लड़कियों में एक छोटी पारो भी शामिल हो जाती है। लाल फ्राक पहने, लाल रिबन बांधे। दूर से मां जाती हुई दिखती है, पारो को बुलाती हुई।

वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम

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A man working from home, using computer and being distracted by a cat and a dog while having a remote meeting.
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कोरोना नाम की चायनीज महामारी ने दुनिया भर को घर में घुसेड़ दिया। घर से बाहर निकलो तो कोरोना भले ही धर दबोचे कि नहीं लेकिन नुक्कड़ चौराहे पर खड़ा डंडाधारी जवान अवश्य पकड़ लेता था। लिहाजा मनुष्य बेचारा घर के बॉस के चंगुल में दबा-दबा सा घर से ही काम करने लगा जिसे नाम दिया गया ‘वर्क फ्रॉम होम’ अर्थात घर से कार्य।

कुछ मीठा हो जाए के नाम पर केवल चॉकलेट क्यों?

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त्यौहारों का देश कहे जाने वाले भारतवर्ष में शायद ही कोई हिस्सा हो, जहां कोई विशेष मिठाई न बनती हो लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हिंदुओं के त्यौहारों के अवसर पर मीठे के नाम पर चॉकलेट के विज्ञापन आते हैं। बॉयकाट बालीवुड की तर्ज पर इनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। सरकार को भी इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए।

स्त्री शक्ति की मिसाल

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सनातन संस्कृति में नारी का स्थान सर्वोच्च होता है इसीलिए यहां ज्यादातर शक्तियां देवियों के पास निहित हैं। नारी को अपनी क्षमता का भान होना चाहिए और वह अपने अधिकारों के प्रति सजग रहे, तथा राष्ट्र के विकास में उसका योगदान भी बढ़े। यही देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का भी विचार है, जिसे उन्होंने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर लाल किले की प्राचीर से व्यक्त किया।

राममंदिर आंदोलन के परम योद्धा: अशोक सिंघल

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राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख प्रणेताओं में से एक अशोक सिंघल ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीय संस्कृति और राम मंदिर को समर्पित कर दिया था। उनके ही अथक प्रयासों और आंदोलनों के परिणामस्वरूप आज राममंदिर का निर्माण होता हुआ दिखाई दे रहा है। उनकी जयंती के उपलक्ष्य में उनके व्यक्तित्व तथा उनके द्वारा किए गए कार्यों पर एक दृष्टिपात:

भारत बन रहा है तीर्थाटन का केंद्र

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पिछले दशक तक विश्वभर के सैलानियों के लिए भारत में पर्यटन स्थल के तौर पर केवल मुगलकालीन ढांचों को बढ़ावा दिया जा रहा था। पर अब लोगों की मानसिकता बदल रही है। लोगों की अभिरुचि भारत की सनातन संस्कृति और अध्यात्म की ओर बढ़ रही है। इस प्रखर और सार्थक बदलाव के पीछे सबसे बड़ा हाथ श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन और उसकी सफलता का रहा।

विकासपुरुष से विश्वासपुरुष -मनोज सिन्हा

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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर आज विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है। तीन वर्षों के अल्पकाल में ही प्रदेश देश के विकसित राज्यों से होड़ लेने लगा है। इसका सारा श्रेय प्रदेश के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा को जाता है। उन्होंने विकास कार्यों के साथ ही साथ आम लोगों तक सीधी पहुंच बनानी शुरू की है। इससे आम लोगों का उनमें अत्यधिक विश्वास प्रबल हुआ है।

नए शीर्ष पर दूरसंचार

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मानव सभ्यता जिस प्रकार तरक्की कर रही है, 5जी तकनीक का होना भविष्य के लिए अति आवश्यक है। भविष्य की कई बड़ी योजनाएं इसके आधार पर अपनी बुनियाद को जमीनी आकार दे सकती हैं। हालांकि इसके विकिरण से होने वाले नुकसानों को लेकर लोगों के मन में चिंता होना जायज है। अतः यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मानव सहित पशु-पक्षियों पर रेडिएशन का दुष्प्रभाव न हों।

भाजपा की राजनीतिक यात्रा

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राष्ट्रीय विचारों को अपने कार्यों के माध्यम से अनुप्रेषित करने वाली भाजपा ने पूरे कार्यकाल में कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। इसी का परिणाम है कि केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है तथा देश के लगभग आधे से भी अधिक राज्यों में आज भाजपा शासन कर रही है।

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