राम मंदिर नींव के एक तरफ क्यों लगाया गया है भगवा ध्वज ?

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Ayodhya: A view of the ongoing construction work of the Ram Mandir in Ayodhya, Thursday, Sept. 16, 2021. The foundation work of the temple is nearing completion. (PTI Photo)(PTI09_16_2021_000172A)
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राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और समय समय पर उसकी तस्वीरें भी राम भक्तों के लिए जारी की जा रही है। ट्रस्ट की तरफ से मीडिया को बुलाया गया और मंदिर निर्माण कार्य के बारे में सूचना दी गयी। राम मंदिर के नींव का…

व्यक्ति,परिवार,राष्ट्र निर्माण के आराध्य गणपति

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भगवान् गणपति जी के दो स्वरूप हैं । एक आध्यात्मिक जो सूक्ष्म है, अदृश्य है और दूसरा सांसारिक जो स्थूल है और दृश्यमान । हमारे शरीर में कुल पाँच गण हैं, प्रत्येक गण में पांच सूत्र । इस प्रकार ये कुल 25 गणसूत्र कहलाते हैं जिनसे हम काम करते हैं,…

भगवान श्रीगणेश के जन्म का रहस्य

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भारतीय धर्म और संस्कृति में भगवान श्रीगणेश सर्वप्रथम पूजनीय और प्रार्थनीय हैं। भगवान श्री गणेश अग्र पूज्य, गणों के ईश गणपति, स्वस्तिक रूप तथा प्रणव स्वरूप हैं। उनकी पूजा के बगैर कोई भी मंगल कार्य शुरू नहीं होता। इन्हें विघ्न विनाशक और बुद्धि प्रदाता भी कहा जाता है। इसके स्मरण…

महिलाएं क्यों रखती हैं हरितालिका तीज का निर्जला व्रत?

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उत्तर भारत में 'तीज' के नाम से महिलाओं का बहुत ही प्रचलित व्रत होता है हालांकि यह काफी कठिन होता है क्योंकि इस दिन महिलाओं को बिना अन्न व जल के पूरा दिन और रात रहना होता है। सूर्योदय के बाद से अगले सूर्योदय तक व्रत करने वाली महिला अन्न-जल…

मारीशस के तुलसी अरुण-मृदुल सेवक सुखदाता

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अरुणजी का अवसान मारीशस में एक युग की समाप्ति है, किन्तु भारत भी अससे अछूता नहीं रहा है। अरुणजी ने जिस प्रकार से बीसवी शताब्दी के उत्तरार्ध तथा इक्कीसवी सदी के प्रारंभ में समय की आवश्यकता के अनुरूप समाज को श्रीराम चरित से जोड़ने का सद्प्रयास किया, वह अभिनंदनीय तो है ही, किन्तु अनुकरणीय भी है।

संघ का गुरु भगवाध्वज

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ध्वज हिंदुओं को त्याग, बलिदान, शौर्य, देशभक्ति आदि की प्रेरणा देने में सदैव सक्षम रहा है। यह ध्वज हिंदू समाज के सतत् संघर्षों और विजयश्री का साक्षी रहा है। ‘भगवा ध्वज’ के बिना हम हिंदू संस्कृति, हिंदू राष्ट्र और हिंदू धर्म की कल्पना नहीं कर सकते।

सकारात्मकता से होगा कोरोना पराजित

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इस उपक्रम को एक सुन्दर पहल बताते हुए डॉ. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि नानाविध मत पंथों के लोगों ने इस मंच से एक स्वर में कोरोना के खिलाफ आवाज बुलंद की है और लोगों के मन से भ्रांतियां और भ्रम को निकालने का काम किया है। इससे नए भारत के निर्माण का एक संकल्प उभरा है।

सभी संप्रदायों में परस्पर प्रेम और सौहार्द्र

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 सरसंघचालक जी ने गाज़ियाबाद के जिस कार्यक्रम में अपने उक्त विचार व्यक्त किए उसका आयोजन चूंकि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के तत्वावधान में किया गया था इसलिए उन्होंने अपने  संबोधन में उन मुद्दों पर अपने विचारों को और साफगोई के साथ प्रस्तुत किया जिनके बारे में संघ की विचारधारा को लेकर जब तब  उंगलियां उठाई जाती हैं परंतु संघ प्रमुख ने दो टूक लहजे में यह कहने में भी कोई संकोच नहीं किया कि उनका संबोधन इमेज मेकओवर की एक्सरसाइज नहीं है और संघ इमेज की परवाह भी नहीं करता क्योंकि उसका संकल्प पवित्र है। जो भी राष्ट्रहित की बात करता है संघ उसके साथ है। संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि राजनीति के माध्यम से जोड़ने का काम नहीं किया जा सकता।

राष्ट्र सर्वोपरि- संघ की विचारधारा

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विदेश नीति के संदर्भ में डॉक्टर हेडगेवार का एक और मंत्र है, "हम पर अब तक जितने आक्रमण हुए और अन्याय हुआ उसका एक ही उत्तर है, वह याने अति शक्तिशाली बनना।" नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, हम शक्तिशाली भारत का अनुभव कर रहे हैं। कांग्रेस के कालखंड में भारत में आतंकवादी हमले हुए, जिसमें पाकिस्तान का हाथ था, उसमें हमारे कई नागरिक मारे गए। हम केवल उनके शव गिनते बैठे रहते थे। कायराना हमला, मानवता के लिए कलंक, इस प्रकार की अर्थहीन बातें करते रहते थे। कैंडल मार्च निकालते रहते थे।

भारत की चिरंतन सांस्कृतिक धारा की समझ आवश्यक

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संघ को लेकर पूर्वाग्रह-दुराग्रह रखने वाले सभी दलों एवं नेताओं को उदार मन से आकलित करना चाहिए था कि क्या कारण हैं कि तीन-तीन प्रतिबंधों और विरोधियों के तमाम अनर्गल आरोपों को झेलकर भी संघ विचार-परिवार विशाल वटवृक्ष की भाँति संपूर्ण भारतवर्ष में फैलता गया, उसकी जड़ें और मज़बूत एवं गहरी होती चली गईं

चीन की प्रवृत्ति को समझें – श्रीगुरुजी

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चीन की ओर से विश्वासघात के रूप में कुछ हुआ नहीं, क्योंकि उसने तो कभी विश्वास दिलाया ही नहीं था। यह कहना ठीक नहीं कि चीन ने विश्वासघात किया। कहना यह चाहिए कि हम लोगों ने ही चीन की प्रकृति को समझा नहीं।

हिमाचल में बेअसर होता कोरोना

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कोरोना संकट के दौरान हिमाचल में हजारो संघ स्वयंसेवक अलग अलग संस्थाओं के माध्यम से लोगों की मदद कर रहे है। स्वयंसेवको ने सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए भोजन, माक्स और सेनिटाइजर उपलब्ध करवाएं है

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