अध्यात्म एवं विज्ञान की प्रगति में ही मानवहित
यह समझ सभी में निर्माण होने की आवश्यकता है कि अध्यात्म को अपंग एवं विज्ञान को अंधा बनाने से मनुष्य का कोई भी हित साध्य नहीं होगा। विज्ञानवादी अध्यात्म को चुनौती देकर अध्यात्म की अवहेलना न करें और अध्यात्मवादियों की ओर से वैज्ञानिक मूल्यों को पैरों तले न रौंदा जाए।