उत्तरांचल के योजनाकार कर्मयोगी डॉ. नित्यानन्द

Continue Readingउत्तरांचल के योजनाकार कर्मयोगी डॉ. नित्यानन्द

डॉ. नित्यानन्द एकात्ममानव दर्शन के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के सान्निध्य में संघ कार्य से जुड़े और संघ के तत्कालीन सह सरकार्यवाह स्व. भाऊराव देवरस की प्रेरणा से प्रचारक बने। उन्हें संघ के तत्कालीन सरसंघचालक श्रीगुरुजी के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में कार्य करने कर भी सौभाग्य मिला। डॉ. साहब के विषय में कहा जाता था कि उन्हें देखकर पूरा संघ समझा जा सकता था।

भौगोलिक रचना,  वनस्पति एवं आयुर्वेद

Continue Readingभौगोलिक रचना,  वनस्पति एवं आयुर्वेद

भारत के उत्तर क्षेत्र में स्थित देवभूमि उत्तराखंड लगभग साढ़े त्रेपन हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ देश का सांस्कृतिक, पौराणिक, संगठनात्मक तथा वैदिक दृष्टि से संपन्न प्रदेश है। उत्तराखंड का क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का मात्र 1.7% होने पर भी उत्तराखंड का योगदान भारत में अहितीम है।

उत्तराखंड मेरी आत्मा है मुंबई मेरा शरीर

Continue Readingउत्तराखंड मेरी आत्मा है मुंबई मेरा शरीर

उत्तराखंड मेरी आत्मा है तो महाराष्ट्र का मुंबई शहर मेरा शरीर। जिस तरह आत्मा और शरीर एक दूसरे के बगैर नहीं रह सकते, उसी प्रकार उत्तराखंड और मुंबई इन दोनों के बिना मैं नहीं जी सकता।’ ऐसा कहना है मूवी मैजिक एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के एम.डी. राजेश नेगी का। मूलत: उत्तराखंड के राजेश नेगी ने अपने मुंबई तथा उत्तराखंड के अनुभव हिंदी विवेक के साथ साझा किए। प्रस्तुत है उसके सम्पादित अंश -

शिक्षण पर्यटन विकास की संभावनाएं

Continue Readingशिक्षण पर्यटन विकास की संभावनाएं

शिक्षण संस्थाओं के खुलने व इन शिक्षण संस्थाओं की आवश्यकता पूर्ति हेतु बजार आदि निर्माण करना पड़ता है तो रोजगार के कई अवसर पैदा होते हैं। छात्रों के अभिभावक व रिश्तेदार भी कई बार उनके साथ पर्यटन करते हैं अतएव कई तरह के पर्यटन उत्पाद तैयार करने पड़ते हैं।

हमने बनाई किसान फ्रेंडली पॉलिसी – सुबोध उनियाल (कृषि मंत्री)

Continue Readingहमने बनाई किसान फ्रेंडली पॉलिसी – सुबोध उनियाल (कृषि मंत्री)

कोरोना काल की विपरित परिस्थितियों में भी उत्तराखंड ने सर्वाधिक खेती करने का कीर्तिमान बनाया और कृषि पुरस्कार हासिल किया। इसके साथ ही जैविक खेती में उत्तराखंड देश का अग्रणी राज्य बन गया है। किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हे आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है, यह भरोसा देते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने साक्षात्कार में कृषि से जुड़ी संभावनाओं, अवसरों एवं उपलब्धियों सहित सरकार की योजनाओं की चर्चा की। प्रस्तुत है उनके साक्षात्कार के प्रमुख अंश -

पर्यटन: राज्य की आय का प्रमुख स्रोत

Continue Readingपर्यटन: राज्य की आय का प्रमुख स्रोत

राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के 327 मुख्य पर्यटन स्थलों के लिए 176 पर्यटक आवास गृह, 33 रैन बसेरे, 5619 निजी होटल तथा पेइंग गेस्ट एवं 895 धर्मशालाएं उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त होम स्टे के रूप में भी पर्यटकों के लिए बड़ी संख्या में आवासीय व्यवस्थाएं बनाई गईं हैं, जहां अतिथि के रूप में स्थानीय रीति-रिवाजों व रहन-सहन के साथ ग्राम्य जीवन का आनन्द लिया जा सकता है।

पर्यटन नहीं तीर्थाटन

Continue Readingपर्यटन नहीं तीर्थाटन

जिस प्रकार मक्का या वैटिकन सिटी पूरे विश्व में अकेले हैं, उसी प्रकार श्री बद्रीनाथ केदारनाथ धाम व हिन्दू धर्म के अन्य धाम भी अपनी तरह के अकेले हैं, जिनका कोई अन्य विकल्प नहीं है। इनको स्विट्जरलैड, थाईलैंड बनाकर सैकेंडरी बना कर यहां पश्चिमी पर्यटन पनपाकर इनकी मोनोपली को क्यों तोड़ें? और सैकेंडरी क्यों बने?

उत्तराखंड बनेगा वैश्विक पर्यटन केंद्र – सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री

Continue Readingउत्तराखंड बनेगा वैश्विक पर्यटन केंद्र – सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री

इंसान जब अपने आप में खुशी और शांति को तलाश करता है, तो उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश में जरुर आता है। हमें विश्वास है, संपूर्ण विश्व उत्तराखंड की ओर भविष्य में अपनी आध्यात्मिक शांति के लिए आएगा। उत्तराखंड राज्य के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी। उत्तराखंड के लोग अत्यंत सहज और सहयोग देने के लिए तत्पर होते हैं। निकट भविष्य में वे पूरे विश्व के लोगों को अपनत्व देंगे और विश्व का अपनत्व लेंगे।

भावी परिदृष्य

Continue Readingभावी परिदृष्य

एक ओर मैदानी क्षेत्रों के लोग कृषि को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, जबकि पहाड़ों में इस व्यवसाय को उपेक्षित या हेय दृष्टि से देखा जाने लगा। इस कारण से भी उत्तराखंड के लोगों ने अपने प्राचीन व परंपरागत व्यवसाय को अपनाने की अपेक्षा शहरों में जाकर नौकरी करना उपयुक्त समझा। इसलिए हमें चाहिए कि हम लोगों के मन में अपनी खेती, पशुपालन व परंपरागत व्यवसाय को अपनाने के प्रति पुनः आकर्षण उत्पन्न करें।

गौ रक्षा मेरा धर्म

Continue Readingगौ रक्षा मेरा धर्म

श्री मनोहरलाल जुयाल की जीवन यात्रा सचमुच में बहुत अद्भुत है। देहरादून में आकर व्यापार की तरफ रुख किया। अपनी मेहनत और लगन से धीरे-धीरे उन्होंने तरक्की करनी शुरू की और आज वे देहरादून के नामचीन होटलों के मालिक हैं। उन्होंने मायादेवी एज्युकेशन फाउंडेशन के माध्यम से उच्च विद्या का प्रसार करने में अपना योगदान दिया हैं। साथ में गौ भक्त मनोहरलाल यह उनकी विशेष पहचान हैं।

रोजगार से स्वावलम्बन की ओर

Continue Readingरोजगार से स्वावलम्बन की ओर

स्वरोजगार हेतु सरकारी सहायता पा लेना चक्रव्यूह तोड़ने से कम उपलब्धि नहीं कही जाएगी, वैसे भी हमारे प्रवासी युवा सामान्य पृष्ठभूमि से वास्ता रखते हैं। स्वरोजगार की सभी कार्यवाहियां स्वीकृति एवं प्रशिक्षण आदि न्याय पंचायत स्तर पर होनी चाहिए।

संस्कृत  साहित्य  परम्परा

Continue Readingसंस्कृत  साहित्य  परम्परा

कुमाऊं और गढ़वाल में कई ऐसे साक्ष्य प्राप्त हुए हैं जिनसे यह स्पष्ट हो जाता है कि उत्तराखंड में संस्कृत साहित्य की परंपरा मौजूद थी। इन साक्ष्यों तथा ऐतिहासिक धरोहरों में से अधिकतर बहुत ही जीर्ण-क्षीर्ण स्थिति में हैं। इन धरोहरों का रखरखाव तथा संस्कृत का प्रचार-प्रसार इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि उत्तराखंड की द्वितीय राज्यभाषा भी संस्कृत है।

End of content

No more pages to load