और कितने मोड़
अस्वस्थता का ध्यान आते ही शरीर में एक लहर-सी दौड़ गई। वह तेज बुखार में तप रहा था। जी चाह रहा था हिले भी न, फिर भी छुट्टी न मिल पाने के कारण फैक्टरी जाना पड़ रहा था। जैसे ही आधे रास्ते पहुंचा कि तेज वर्षा प्रारम्भ हो गई। भींगने के कारण कंपकंपी छूटने लगी। अत: टेस्ट रूम में पहुंचकर उसने हीटर जलाया।