वाकई अतुल्य है भारत
विविधता में एकता भारत की विशेषता’ केवल एक नारा नहीं वरन् वास्तविकता है। विश्व का शायद ही कोई ऐसा देश होगा जहां खान-फान, फहनावा, ऋतु एवं सामाजिक रीति-रिवाजों में इतनी विविधता हो। यही कारण है कि ‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है’ का वाक्य जगह-जगह लिखा दिख जाता है। ‘कच्छ हो या गुवाहाटी, अर्फेाा देश अर्फेाी माटी’ का उद्घोष हमारी भावनात्मक एकता का जीता-जागता प्रमाण है।