Everything About Kailash Mansarovar In Hindi | कैलाश मानसरोवर

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महादेव का निवास परम पवित्र कैलाश पर्वत है और निकटस्थ है पवित्र झील मानसरोवर। सदाशिव, महेश्वर, रुद्र, पशुपतिनाथ, अमरनाथ, विश्वनाथ, त्र्यम्बक, मृत्युंजय, ओंकार, निरंकार, महाकाल, नटराज न जाने कितने नामों, अनंत रूपों और क्रियाओं द्वारा महादेव को जाना गया है। आस्था के आयामों के पंख लगा भक्तगण इस तीर्थक्षेत्र की यात्रा करते हैं।

सेना का आधुनिकीकरण सब से अहम मुद्दा

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सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह का रहस्योद्घाटन और देश की सुरक्षा व्यवस्था में खामियों के बारे में व्यक्त राय से कुल सुरक्षा व्यवस्था के बारे में ही गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।

सिला

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रामकुमार सर ने दोषी सर से कहा, ‘‘दोषीजी विद्यार्थियों में आपकी बड़ी साख और इलाके में अच्छी जान-पहचान है। हमें भी दो-चार अच्छे ट्यूशन दिलवा दो तो हमारी जिंदगी की गाड़ी भी पटरी पर आ जाए।’’

इंडोर कंटेनर्स

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घरों में लगाए जाने वाले पौधों के लिए कई किस्म के गमर्ले बाजार में उपलब्ध हैं। घर की साज-सज्जा, सुविधा व आकार के अनुरूप प्लास्टिक, सिरैमिक, चीनी मिट्टी, लकड़ा, तांबा, ब्रास, कांच या मिट्टी के गमले इंडोर प्लांट्स के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

दिशाओं का महत्व

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वास्तुशास्त्र के दृष्टिकोण से विचार करते हुए हम आठ दिशाओं को महत्व देते हैं। क्योंकि शास्त्र का मूल दिशा पर अवलंबित है। वैदिक वास्तुशास्त्र में प्रत्येक दिशा का एक विशिष्ट गुणधर्म बताया गया है।

अस्थि रोगों में लाभकारी मत्स्यासन

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- समतल भूमि पर कंबल बिछाकर पद्मासन में बैठ जाएं। दोनों पैर सामने की ओर फैलाएं। अब दोनों हाथों से दाहिने पैर को घुटने से इस प्रकार मोड़ें कि एड़ी उदर भाग से सट जाएं और पंजे की उंगलियां जांघ के बाहरी भाग तक फैली रहे।

संगाई

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संगाई को अंग्रेजी में हूता् ई, लैटिन में णन्ल्े ात्ग्ग् तथा ब्राह्मी भाषा में शामिन व मणिपुरी में संगाई कहते हैं। संस्कृत में उसे रूरू के नाम से जाना जाता है।

जलरंगों को समर्फित चित्रकार : समीर मंडल

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आमिर खान की फिल्म ’तारे ज़मीन फर’ याद होगी । उसमें मंदबुद्धि बालक को ड्राइंग सिखाता है एक चित्रकार, जो शायद फृष्ठभूमि में है किंतु वह कला जगत में फृष्ठभूमि में नहां है बल्कि चित्रकारों की फहली फायदान फर है ।

यथार्थ का चित्रण करती कहानियों का संग्रह – एक था आदमी

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साहित्य में कहानी एक सशक्त विधा के रूप में स्थापित है। हिन्दी में कहानी की एक लम्बी परम्परा रही है। प्राचीन काल में जब लेखन कला लोकप्रिय नहीं थी, तब भी श्रुति परम्परा के रूप में कहानी आख्यान के रूप में कही व सुनी जाती थी।

उपभोक्ता अदालतें और हम

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एक उपभोक्ता के तौर पर यह जरूरी है कि हम अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझें। हमें अपने हितों के प्रति उत्साही और चौकन्ना रहना चाहिए। यदि हम अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और उत्साही नहीं हैं तो उपभोक्ता अदालतें हमारी मदद नही करेंगी।

सेवा और विवेक

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सेवा ऐसा शब्द है, जिसकी व्यापित अनंत है। ईश्वर भी अनंत है। इसलिए दोनों अनंतों का मेल ही ईशसेवा है। वस्तुत: दोनों शब्दों को फृथक मानना भी ठीक नहीं होगा।

फिल्मों में सेवा दर्शन

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‘मनोरंजन और प्रबोधन’ (जितना संभव हो) का समन्वय स्थापित करने वाला दूसरा कोई सिनेमा न होगा। उसके गीत, संगीत, नृत्य, व्यंग्य, नाट्य, करुणा, प्रेम, विरह, प्रणय, प्रतिव्दंव्दिता, व्देष, महत्वाकांक्षा, निसर्ग सौंदर्य, आशावाद जैसे गुणों के जोड़ में एक प्रकार सेवा का भी भाव होता है।

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