दीपावली एक – सन्दर्भ अनेक

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दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का वर्णन सर्वप्रथम ऋग्वेद के ‘श्री सूक्त’ में मिलता है, जो कि भगवान श्रीराम के समय से काफी पूर्व का है। ‘विष्णुधर्मोत्तर पुराण’ में इनकी स्वर्ण लक्ष्मी, गृह लक्ष्मी व जय लक्ष्मी के रूप में वन्दना की गयी है।

शिवाजी का सुराज-शासन प्रबंधन का दीपस्तंभ

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भारत का इतिहास गवाह है कि जब-जब भारत पर विपत्तियां आई हैं या भारत का जन-मन टूटने के कगार पर पहुंचा या उसका अस्तित्व और पहचान दांव पर लगी और ऐसा लगने लगा कि अब इस देश को नष्ट होने से कोई नहीं बचा सकता, तब-तब कोई न कोई ऐसा चमत्कार हुआ अथवा कहा जाए कि चेतना का ऐसा ज्वार उठता रहा,

गौरवशाली बिहारी

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बिहार का नाम आते ही हमारे मन में हिंसा, संस्थानिकीकरण, अपहरण, गुंडई, रंगदारी, पिछड़ापन, बेरोजगारी, उद्योग रहित और एक जातिग्रस्त राज्य की कल्पना मन में आती है। भारतीय रेलें बिहारी पहचान की सबसे बड़ी वाहक हैं।

विविधता में एकता का प्रतीक कच्छ

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उत्तर में पाकिस्तान, पश्चिम में सागर और पूरब-पश्चिम में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान से घिरे गुजरात की धरती अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को बखूबी संजोए हुए हैं। यह राज्य अपने मंदिरों, समुद्रतटों, कला-शिल्प और वन्य विहारों के कारण दुनिया भर में जाना जाता है।

नादनटी बाँसुरी

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 दुनिया के सबसे लोकप्रिय एवं सर्वपरिचित वाद्यों में से एक है बाँसुरी। बाँसुरी बाँस से बनी हुई फूँक कर बजाया जाने वाला वाद्य है और रोज सुने जाने वाले अनगिनत शब्दों में से भावनाओं के कितने-कैसे रूप धारण कर बाँसुरी हमारे सामने हाजिर होती है, तभी तो मोरोपंत पंडित कवि ने (मराठी) उसके लिए ‘नादनटी’ जैसे बड़े ही लोकप्रिय शब्द का प्रयोग किया। भारतीय संगीत के समूचे वाद्यों में से यह आद्य वाद्य माना जाता है।

पत्राचार और सहकारी गोंद

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लाला मनसुखदास ने आज आते ही ते से वक्तव्य झाड़ दिया। बोले- ‘सर’! आजकल पत्र लिख्खा बेवकूफी है। मैं उनसे सहगत होते हुए बोला ‘अब पत्र लिखता ही कौन है!’

मूंछ की महत्ता

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मूंछ को पौरुष का प्रतीक सदा से माना गया है। किंतु मेडिकल साइंस के अनुसार पुरुषों और महिलाओं में अंत:स्रावी ग्रंथियाँ भिन्न प्रकार के हार्मोन छोड़ती हैं। एस्ट्रोजेन के हार्मोनों के कारण उनमें स्त्रियोचित चिन्ह बनते हैं। कभी-कभी पुरुषों में एस्ट्रोजेन की कमी से उनके दाढ़ी- मूछें नहीं ऊगतीं, आवाज महिलाओं जैसी सुरीली हो जाती है;

कपड़े

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कपड़े पहन आया तो अब्दुल ने दस रुपये भी दे दिये और प्यार से कहा कि मेम साहब को सलाम कर, जा।’ अति कृतज्ञ या अति दयनीय भाव से सिर झुकाए, उसने मुझे सलाम किया। जाते हुए उसका एक हाथ कमीज की जेब पर था जिसमें दस रूपये अभी-अभी रखे थे उसने।...

भारत, पाक, अमेरिका-संबधी के तेवर!

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1947 में जब भारतीय उमहाद्वीप आजाद हुआ और उसके दो टुकडे बनाम भारत और पाकिस्तान विश्व राजनीतिक पटल पर उमर कर आए। उस समय विश्व राजनीति भी स्पष्ट रूप से दो भागों में विभाजित थी।

पाकिस्तान में अमरीकी दबाव से आ पाएगी स्थिरता

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भारत और अमरीका के सामरिक संबंधों में पिछले छह दशकों में आया उतार-चढ़ाव हम लोगों को देखने को मिला है। अमरीका से भारत का सामरिक संबंध राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात के बाद निश्चित रूप से सुधरे हैं।

अमरीका पाकिस्तान के बनते बिगड़ते रिश्ते

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भारत की सवार्ंगीण विकास में रुकावट डालने के उद्देश्य से अमरिका ने पाकिस्तान को अत्याधुनिक शस्त्रास्त्रों से सुसज्ज करने की नीति अपनायी। पाकिस्तान से हो सकने वाले दु:साहपूर्ण युद्ध के विरोध में तैयार रहने के लिए भारत को भी भारी मात्रा में रक्षा सामग्री जुटाने की आवश्यकता हुई।

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