सज-धज कर तैयार रामनगरी

Continue Readingसज-धज कर तैयार रामनगरी

फाइव स्टार होटल, रिसॉर्ट्स, एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल, फूड प्लाजा, दूधिया प्रकाश से जगमगाता यह किसी महानगर की नहीं बल्कि रामनगरी अयोध्या की बात हो रही है। चौकिएं मत! आप श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए यह नगरी सज रही है। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस शहर में आपके ऊपर सीसीटीवी की पैनीं नजर रहेगी कि कहीं आपको कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। सरकार की ओर से कई सुविधाएं और व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

जनमानस का भाव संसार

Continue Readingजनमानस का भाव संसार

कानून के गलियारों से होते हुए राजनीतिक दांव-पेंच व खींचातानी को झेलते हुए आखिरकार संघर्ष पर विराम लगा। भव्य मंदिर का निर्माण हो  रहा है और उसमें रामलला विराजित होंगे। एक लम्बे समय के बाद, एक लम्बे संघर्ष के बाद हमारी सांस्कृतिक परतंत्रता समाप्त हुई। ये जनआंदोलन नहीं तो और क्या था।

हिंदी विवेक कार्यालय में पधारे समाजसेवी सुधीर भाई गोयल

Continue Readingहिंदी विवेक कार्यालय में पधारे समाजसेवी सुधीर भाई गोयल

मध्य प्रदेश उज्जैन स्थित सेवाधाम आश्रम के प्रमुख सुधीर भाई गोयल मुंबई प्रवास के दौरान हिंदी विवेक कार्यालय में भी पधारे और हिंदी विवेक की टीम के साथ मुलाकात की. हिंदी विवेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल पेडणेकर ने शोल ओढ़ाकर उनका स्वागत सम्मान किया और उनके उल्लेखनीय कार्यो से सभी को अवगत कराया. इसके बाद हिंदी विवेक की कार्यकारी सम्पादक पल्लवी अनवेकर ने हिंदी विवेक द्वारा प्रकाशित ‘सशक्त नेतृत्व, समर्थ भारत’ ग्रन्थ उन्हें भेंट स्वरूप प्रदान किया. अमोल पेडणेकर ने ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक विशाल संगठन’ नामक पुस्तक तथा ‘राम मंदिर अस्मिता से वैश्विक धरोहर तक’ विशेषांक उपहार के रूप में देकर वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता को अधोरेखित किया.

हर घर अयोध्या बने

Continue Readingहर घर अयोध्या बने

हर मनुष्य में रामत्व होना चाहिए। हर घर में रामराज्य होना चाहिए। संतुलित जीवन, उचित आहार, उचित शिक्षा, संस्कारित दिनचर्या, सकारात्मक विचार और कुशल जीवन शैली को अपने जीवन में उतारना चाहिए। आने वाली पीढ़ी को यह मार्ग वर्तमान पीढ़ी ही दिखा सकती हैं तभी रामराज्य का संकल्प सार्थक होगा।

वास्तुशास्त्र और शिल्पशास्त्र का अनूठा संगम

Continue Readingवास्तुशास्त्र और शिल्पशास्त्र का अनूठा संगम

नवनिर्मित राम मंदिर में ‘नागर शैली’ का उपयोग किया गया है। मुख्य गर्भगृह 20 गुणा और 20 फीट का अष्टकोणीय आकार में है, जो भगवान विष्णु के 8 रूपों को दर्शाता है। मंदिर में 366 स्तंभ होंगे। प्रत्येक पर 16 मूर्तियों को दर्शाया गया है। जिसमें शिव के विभिन्न अवतारों, दशावतारों, चौसठ योगिनियों से लेकर देवी सरस्वती के बारह रूपों तक की दिव्य आकृतियां प्रदर्शित होंगी।

राम मंदिर के संघर्ष की कहानी

Continue Readingराम मंदिर के संघर्ष की कहानी

आक्रमण और प्रतिरोध व प्रतिशोध की चिंगारी अयोध्या के राम मंदिर पर मुगल-काल से ही छिटक रही है। आक्रमणकारी मोहम्मद बिन कासिम से लेकर औरंगजेब द्वारा काशी, मथुरा, अयोध्या और सोमनाथ के मंदिरों को बार- बार तोड़ा गया। वहीं मुगल वंश के शासकों ने मंदिर तोड़ कर उसी स्थान पर मस्जिद बनाने की शुरुआत की। 

आंदोलन के सिपाही

Continue Readingआंदोलन के सिपाही

श्रीराम जन्मभूमि के लिए संघर्षरत कई ऐसे आंदोलनकारी हैं जिनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। जिनमें संत परमहंस रामचन्द्र दास, संघ के वरिष्ठ प्रचारक महेश नारायण सिंह, विश्व हिन्दू परिषद के संपर्क अधिकारी मोरोपंत पिंगले, महंत अवैधनाथ, अशोक सिंहल, विनय कटियार, गिरिराज किशोर, साध्वी ऋतंभरा, उमा भारती आदि शामिल हैं।

श्रीराम मंदिर तक का सफर

Continue Readingश्रीराम मंदिर तक का सफर

अयोध्या के इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो पता चलता है कि भगवान राम के पूर्वज, वैवस्वत (सूर्य) के पुत्र वैवस्वत मनु ने अयोध्या की स्थापना की। वहीं 100 वर्ष ईसा पूर्व उज्जैन के चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने श्रीराम जन्मभूमि पर काले रंग के पत्थर के 84 खंबों पर विशाल मंदिर का निर्माण करवाया था। गुप्त महाकाव्य कवि कालिदास ने रघुवंश में कई बार अयोध्या का उल्लेख किया है।

अयोध्या का कायाकल्प

Continue Readingअयोध्या का कायाकल्प

अयोध्या अपने साथ कई प्राचीन इतिहासों को समेटे हुए है। तैत्तिरीय आरण्यक, वाल्मीकि रामायण, महाभारत, ब्रह्माण्ड पुराण अग्निपुराण तथा बौद्ध ग्रंथों में भी अयोध्या का उल्लेख है। पुराणों से लेकर अब तक के सफर में अयोध्या ने बहुत उतार-च़ढ़ाव देखे हैं। कई विषम परिस्थितियों को झेलते हुए अयोध्या ने अब तक का सफर पूरा किया।

राष्ट्र का आदर्श स्तम्भ राममंदिर

Continue Readingराष्ट्र का आदर्श स्तम्भ राममंदिर

जन-जन में राम और घर-घर में श्रीराम व्याप्त करने के लिए विहिप द्वारा जन अभियान चलाया जा रहा है। राम के आदर्श को अपनाकर सुख और शांति के मार्ग पर चल सकते है।  श्रीराम ने अपने चरित्र से सबको शिक्षा दी। सब में राम हो,सब में रामत्व हो।

राष्ट्र सम्मान की पुन:प्रतिष्ठा

Continue Readingराष्ट्र सम्मान की पुन:प्रतिष्ठा

राम मंदिर का निर्माण सिर्फ कानूनी लड़ाई से नहीं हुआ बल्कि जनसहयोग से भी हुआ है। भले ही लोगों के मत अलग-अलग हों पर मंदिर निर्माण को लेकर देशवासियों के मत एक थे। एक लम्बे संघर्ष, कठिन प्रयास के बाद ही आखिरकार राम मंदिर का निर्माण हुआ और बस अब इतंजार है तो कपाट खुलने का।

लोकाभिमुख धर्मज्ञ राजा

Continue Readingलोकाभिमुख धर्मज्ञ राजा

मर्यादा पुरुष श्रीराम की महिमा अपरम्पार है। एक आदर्श और नीतिगत जीवन जीने के लिए श्रीराम के आदर्श को अपने जीवन में उतारना होगा। भगवान राम केवल शस्त्र ही नहीं बल्कि शास्त्र के भी ज्ञाता थे। उनके जीवन के आदर्श हमारे लिए अमृत कलश के समान हैं। 

End of content

No more pages to load