‘गीता’ जीवन के उच्च उद्देश्यों की प्रेरणा
अर्जुन के मन में जो भ्रम की स्थिति निर्माण हुई थी, उस स्थिति के कारण अर्जुन अपने कर्तव्य से दूर हो रहा था। इस प्रकार की अवस्था में हर व्यक्ति को उसी समय उसके कर्तव्य और जिम्मेदारी का आभास कराना अत्यंत आवश्यक होता है, यह सर्वोच्च शिक्षा गीता के माध्यम से संपूर्ण मानव जाति को मिली है।