पैसा और प्यार
कहा जाता है कि पैसे से प्यार नहीं खरीदा जा सकता। ज़ाहिर है यह प्यार का विचार है। पैसा इस बारे में क्या सोचता है, यह जानने के लिए मैंने पैसे बात की -
कहा जाता है कि पैसे से प्यार नहीं खरीदा जा सकता। ज़ाहिर है यह प्यार का विचार है। पैसा इस बारे में क्या सोचता है, यह जानने के लिए मैंने पैसे बात की -
अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ब्रह्माण्ड में कुछ ऐसे तारे भी हैं जो अपने प्रकाश को बाहर नहीं निकलने देते, इसलिए शक्तिशाली दूरबीन से भी दिखायी नहीं पड़ते।
मेरा मानना है कि राजनीतिक जीवन में विवादास्पद व्यक्तियों की जितनी अहमियत है उतनी ही गृहस्थी में पतियों के किचन प्रवेश की है। चर्चा में बने रहने के लिए गाहे-ब-गाहे दोनों जरूरी हैं।
‘मम्मी!’ कांच के गिलासों में बर्फ डालती शोभा ने आंखें उठायीं तो बबलू फिर खड़ा था, ‘मम्मी, अजू भी जा रहा है।’थकान और निराशा से बोझिल उसकी आवाज रुआंसी हो आयी थी।
फिन्टू रिरिया रहा था। उसकी आवाज में दर्द था। उसे लगा उसका बापू भी उसकी फरियाद को अनसुना कर रहा था, परन्तु वह थोड़े-थोड़े अन्तराल के बाद कराह उठता... बापू, मुझे किसी बड़े अस्पताल में ले चलो... दिल्ली न सही, चण्डीगढ़ ही ले चलो। यहां तो मैं मर जाऊंगा। यहां न कोई ढंग का अस्पताल है और न ही डॉक्टर... हाय वो परमात्मा ने क्यों मुझे पहाड़ों में फैंक दिया।
ऑफिस जाते-जाते प्रकाश को कुछ याद आ गया। अपनी पत्नी से बोला, ‘हां सुनो। शाम को पंकज अपनी शादी का रिसेप्शन फाइव स्टार होटल में करेगा, तैयार रहना। ऑफिस से आकर हम ऑटो करके वहां पहुंच जाएंगे।’
भवानी की मृत्यु बड़ी ही असाधारण परिस्थितियों में हुई थी। चांदनी रात थी और छोटी सी नदी का किनारा था। बहुत रात बीतने पर उगम ने घर जाने को निकले भवानी को रुकने का बहुत आग्रह किया पर उसने एक नहीं सुनी।
नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवनरेखा है। प्रदेश के अनूपपुर जिले की मैकल पर्वतमाला पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ अमरकंटक इसका उद्गम है। यहीं से निकलकर नर्मदा गुजरात की खम्बात की खाड़ी से अरब सागर में समाहित हो जाती है।
चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू हैं। तिब्बतियों के लिए वे समूचे तिब्बत के प्रतीक हैं। वे तिब्बत की भूमि के सौंदर्य, उसकी नदियों, झीलों की पवित्रता, उसके आकाश की पुनीतता, उसके पर्वतों की दृढ़ता और उसके लोगों की ताकत के प्रतीक हैं।
जीवन में प्रकाश की महत्ता निर्विवादित, सर्वविदित एवं सर्वस्वीकार्य है। जीवन में जो शुभ व कल्याणकारी है, वह सब प्रकाश का स्वरूप है तथा जो अशुभ व अकल्याणकारी है उसे अन्धकार की संज्ञा से अभिहीत किया जाता है। हमारे जीवन में सदैव शुभ ही शुभ घटित होता रहे, इस हेतु हमें निरंतर प्रकाश की साधना करनी पड़ती है।
विदर्भ के नांदुरा के मूल निवासी श्री रमेश भूतड़ा अमेरिका के विकसित ह्यूस्टन शहर में एक सफल उद्यमी के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने ‘स्टार पाइप प्राडक्ट्स’ के नाम से वहां कारखाना लगाया, जो ख्यातिप्राप्त कर चुका है। वहां के समाज में भी उनका सम्माननीय स्थान है। विशेष यह कि श्री भूतड़ा संघ विचारों पर अमल करते हुए अपना व्यवसाय करते हैं। उनसे हुई बातचीत के अंश-
अभी सूर्योदय नहीं हुआ था मगर चारों ओर मटमैला प्रकाश फैलने लगा था। तमाम भिक्षु कलंदक झील में स्नान करने के उपरांत ‘वेणुवन’लौट आए थे।