सौंदर्य, कला व प्रतिभा की प्रतिमूर्ति मधुबाला

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जब भी हम कभी बीते समय की फिल्मी नायिकाओं की सुंदरता की बात करते हैं, तब बरबस ही मधुबाला का नाम आ जाता है। मधुबाला का आकर्षक मनभावन चेहरा, बोलती आंखें, नैन नक्श, जैसे दर्शकों के दिलों दिमाग में छा सा जाता था। उस दौर में हर प्रेमी अपनी प्रेमिका…

छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक

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हिंदवी स्वराज्य की स्थापना करनेवाले छत्रपति शिवाजी महाराज का 350वां राज्याभिषेक वर्ष हर्षोल्लास के साथ संपूर्ण देश में मनाया जा रहा है। काशी के पंडित गागाभट्ट क्यों छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक करवाना चाहते थे और इसके पीछे उनकी मनोभावना क्या थी? इसका सुंदर वर्णन यहां प्रस्तुत किया गया हैं।

संघ के वैचारिक आधार श्री गुरुजी

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राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु श्री गुरुजी के दूरगामी प्रखर विचार आज भी प्रासंगिक हैं। जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय तथा गोवा को मुक्त कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहीं। श्री गुरुजी के वैचारिक शस्त्र से शत्रुओं को सबक सिखाया जाना चाहिए।

डिजिटल साक्षरता और जागरूकता

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देश-दुनिया में हो रहे सकारात्मक परिवर्तन व सुधार में सोशल मीडिया की प्रभावी भूमिका रही है, हालांकि इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी है। बावजूद इसके आम आदमी की आवाज बुलंद करने, रोजगार, प्रचार प्रसार और जन जागरण की दृष्टि से सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम बन कर उभरा है।

संकल्प यात्रा बनाम भारत जोड़ो न्याय यात्रा

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भारत जोड़ो न्याय यात्रा और संकल्प यात्रा में नकारात्मक-सकारात्मक राजनीति के गुणदोष परिलक्षित होने लगे हैं। राहुल गांधी की ‘मणिपुर टू मुंबई’ यात्रा का उद्देश्य मणिपुर के हिंसा की आग को हवा देना है। वहीं भाजपा की संकल्प यात्रा का उद्देश्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से आमजनों को लाभान्वित करना हैं।

स्वावलंबन का सूरज

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उस दिन सुजाता के घर गांव से बहुत से मेहमान आए हुए थे। नाश्ते, भोजन आदि की व्यवस्था के साथ उसे मेहमानों को नाशिक दर्शन के लिए भी ले जाना था। पंचवटी, रामकुंड, काला राम, गोरा राम मंदिर, सीता गुफा आदि के दर्शन के पश्चात वह शाम छह बजे मेहमानों के साथ अपने घर पहुंची, फिर रात का खाना खिलाकर उसने मेहमानों को आठ बजे विदा किया।

कम हो रही आय की असमानता

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प्रधान मंत्री की अंत्योदय योजनाओं से सही अर्थों में गरीबों और मध्यम वर्गों का भला हो रहा हैं। वे न केवल गरीबी रेखा से बाहर निकल रहे हैं बल्कि आर्थिक रूप से स्वावलम्बी भी हो रहे हैं। उनका जीवन स्तर पहले से बेहतर होता जा रहा हैं।

भाषा के नाम पर अलगाववाद क्यों?

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भारत की राष्ट्रीय एकात्मता के लिए आवश्यक है कि भाषा, प्रांत, धर्म के नाम पर अलगाववाद की राजनीति करने वाले क्षेत्रीय दलों के नेताओं को नकार दिया जाए और इसके लिए दक्षिण भारत के जागरूक नागरिकों को समाज सुधार हेतु पहल करनी होगी।

गठबंधन में गतिरोध

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आगामी लोकसभा चुनावी सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी गठबंधन में आपसी रस्साकशी तेज हो गई है। एक-दूसरे के प्रति आलोचना और टिप्पणी से इंडी गठबंधन की यथास्थिति को समझा जा सकता है। जो आपस में समन्वय तक नही बना सकते, वे राष्ट्रहित के विषयों पर एकमत कैसे होंगे?

वेलेंटाइन डे, बसंतोत्सव और काउ हग डे

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वेलेंटाइन डे का केवल विरोध करने से बात नही बनेगी। हमें युवाओं के समक्ष कुछ बेहतरीन विकल्प भी देने होंगे और इसका तर्कसंगत अर्थ व महत्व भी बताना होगा तब जाकर युवा जागृत होंगे और समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।

2024 लोकसभा चुनाव की सम्भावित तस्वीर

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आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक अकेला सब पर भारी’ कहावत सटीक होते हुए दिखाई दे रही है। देश में राममय वातावरण, आम लोगों में राष्ट्रीय चेतना एवं जागरूकता का ऊंचा उठता स्तर और मोदी लहर अभूतपूर्व चुनावी सफलता का संकेत दे रही है।

इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष

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द्विराष्ट्र समाधान के मार्ग में अब रोड़े उत्पन्न हो गए है। सहअस्तित्व एवं सहिष्णुता की धारणा विफल हो गई है। इस्लामिक जगत के अधिकतर देश इजराइल और यहूदी जाति के अस्तित्व को समाप्त कर देना चाहते है। इजराइल के पास भी अपने अस्तित्व को बचाए रखने और आत्मरक्षा हेतु लड़ने के अलावा कोई चारा नहीं है।

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