रियल से रील पर

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इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का वक्त अब जा चुका है। अब वक्त उसे ठीक करने का है। इसमें दर्शक वर्ग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। यदि वे अच्छे कंटेंट को अपना समर्थन देंगे तो उसी तरह का कंटेंट बनाने के लिए फिल्मकार मजबूर होंगे। आज का दर्शक जागरूक है। अब वे किसी बात को ऐसे ही स्वीकार नहीं करता है। ये बात ‘शेरशाह’ को मिली सफलता और ‘भुज द प्राइड‘ को मिली असफलता से सिद्ध हो जाती है। वहीं जिस तरह से ‘द एम्पायर’ का विरोध हो रहा है, उससे आगे की कड़ियों को बनाने से पहले निर्माताओं को अवश्य सोचना पड़ेगा।

पेट्रोल डीजल में लगी महंगाई की आग

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मेरा मानना है कि सरकार को डीजल-पेट्रोल के दाम को कम करना चाहिए और वैकल्पिक ईंधन पर भी काम करना चाहिए। पेट्रोलियम में पुनः पूल फंड का इस्तेमाल करना चाहिए तथा इस तेल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए ताकि इस पर एक यूनिफार्म टैक्स आल इंडिया लग सके। अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग दर ना हो।

धार्मिक शिक्षण संस्थानों को सरकारी अनुदान?

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न्यायालय ने यह भी पूछा है कि क्या धार्मिक शिक्षा देने वाले अन्य धर्मों के लोगों लिए भी प्रदेश में कोई शिक्षा बोर्ड है? कोर्ट ने सरकार से यह भी जानना चाहा है कि क्या मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त व राजकीय सहायता प्राप्त मदरसों में लड़कियों को प्रवेश दिया जाता है अथवा नहीं?

दाह-क्रिया एवं श्राद्धकर्म का विज्ञान

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मादा कौवा सावन-भादों यानी अगस्त-सितंबर में अंडे देती है। इन्हीं माहों में श्राद्ध पक्ष पड़ता है इसलिए ऋषि-मुनियों ने कौवों को पौष्टिक आहार खिलाने की परंपरा श्राद्ध पक्ष से जोड़ दी, जो आज भी प्रचलन में है। दरअसल इस मान्यता की पृष्ठभूमि में बरगद और पीपल वृक्षों की सुरक्षा जुड़ी है, जिससे मनुष्य को 24 घंटे ऑक्सीजन मिलती रहे।

संवेदनशील भारत की सेवागाथा

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कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने रविवार 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ़्यू का आवाहन किया और 25 मार्च को सारे देश में लॉकडाउन की घोषणा हुई।

जातिगत जनगणना कितनी सही?

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विचारणीय यह भी है कि जब देश में वर्दीधारियों के नाम पट्टिका से जाति हटा दी गई है, वाहनों पर जाति-धर्म को प्रदर्शित करना अपराध है, तो जातिगत जनगणना कैसे युक्तिसंगत हो सकती है? जब सब कुछ जनसंख्या और आरक्षण आधारित तय होने लगेगा तो पारस्परिक सौहार्द्र, भाईचारा तथा शांति व्यवस्था भंग होगी। जिस जाति की संख्या कम होगी, उस जाति के लोग अधिकाधिक बच्चे पैदा करेंगे। सामाजिक ताना बाना छिन्न-भिन्न हो जाएगा। नियुक्ति और शिक्षा में प्रवेश केवल जाति देख कर किया जाएगा तो योग्यता के लिए समाज में कोई स्थान ही नहीं रहेगा इसलिए जातिगत जनगणना में देश का समग्र दृष्टिकोण ध्यान में रखना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री बदलना भाजपा की चुनावी रणनीति 

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गुजरात भाजपा के राजनीतिक इतिहास की जांच करने पर यह स्पष्ट है कि चुनाव से डेढ़ साल पहले से ही भाजपा के नेता चुनावी रणनीति बनाने में लगे हैं और हर हाल में अगले साल आने वाले चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश कर रहे हैं। संक्षेप में व्यवहार्यता महत्वपूर्ण है, व्यक्ति नहीं।

तीसरी लहर से रहें सावधान

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कोविड से जुड़े आंकड़ों के विश्लेषण और वैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक कोरोना वायरस की तीसरी लहर का प्रकोप अक्टूबर-नवंबर के दौरान तेजी पकड़ सकता है लेकिन दूसरी तरफ गणितीय अनुमान एवं वैज्ञानिक मॉडलिंग के निष्कर्षों का यह अनुमान भी दिया जा रहा है कि अगर लोग कोरोना गाइडलाइंस का गंभीरता के साथ और सही तरीके से पालन करेंगे तो तीसरी लहर से ज्यादा नुकसान नहीं होगा।

वैश्विक हिंदुत्व ख़त्म करने का षड़यंत्र

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इनके इस पूरे क्रियाकलाप को यदि आप टुकड़ों में देखेंगे तो वामपंथ समझ में नहीं आएगा परंतु जब अनेक घटनाओं, अलग-अलग परिदृश्य को एकसाथ जोड़कर देखेंगे तो समझ आएगा कि जो स्वयं पर सिविल सोसाइटी लबादा ओढ़े हैं। उस लबादे के पीछे कबीलाई या कहिए वहशी जानवर छिपे हैं। ये सभ्य समाज का हिस्सा नहीं है।

क्या मुख्य मंत्री चन्नी सिद्धू का मोहरा बनेंगे?

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अगर कांग्रेस पार्टी चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में एक दलित सिख को मुख्यमंत्री बनाकर सत्ता में वापसी का सुनहरा स्वप्न संजोए बैठी है तो उसे यह भी मालूम होना चाहिए कि जनता उसके खेल को अच्छी तरह समझ चुकी है।

ऑपरेशन ‘देवी शक्ति’

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यह नाम ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ इसलिए रखा गया क्योंकि जैसे ‘मां दुर्गा’ राक्षसों से बेगुनाहों की रक्षा करती हैं, उसी प्रकार इस मिशन का लक्ष्य बेकसूर नागरिकों को तालिबान के आतंकियों की हिंसा से रक्षा करना है। यह ऑपरेशन वायुसेना की भूमिका और तालिबानियों की निर्ममता पर एक साथ टिप्पणी है।

शरणार्थी संकट या षड्यंत्र?

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दुनिया सकते में है कि इस संकट का मुकाबला कैसे करें? लेकिन क्या सच में यह शरणार्थी संकट है या फिर एक गहरा षड्यंत्र? कुछ वर्षो बाद फिर किसी अन्य इस्लामिक देश में ऐसा ही कुछ घटनाक्रम हो, तो आश्चर्य मत कीजिएगा क्योंकि ऐसा ही होगा।

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